Lucknow News : मशहूर शायर और गीतकार कैफ़ी आज़मी की 106वीं यौमे पैदाइश पर सेमिनार की तैयारी
Lucknow News : उर्दू के प्रसिद्ध प्रगतिवादी शायर और गीतकार कैफ़ी आज़मी की 106वीं यौमे पैदाइश के मौके पर आल इण्डिया कैफी आजमी एकेडमी ने एक सेमीनार आयोजित किए जाने का फैसला लिया गया है।;
Lucknow News : उर्दू के प्रसिद्ध प्रगतिवादी शायर और गीतकार कैफ़ी आज़मी की 106वीं यौमे पैदाइश के मौके पर "तरक्की पसन्द तहरीक कल और आज रौशनाई की रौशनी में" कार्यक्रम के तहत आल इण्डिया कैफी आजमी एकेडमी के कार्यालय में 14 जनवरी, 2025 को एक सेमीनार आयोजित किए जाने का फैसला लिया गया है। सेमिनार की तैयारी के लिए एक मीटिंग एकेडमी के नायब सद्र डा. खुर्शीद मेंहदी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इसमें तरक्की पसन्द तहरीक के सक्रिय सदस्य सज्जाद जहीर की किताब ‘रौशनाई की रौशनी में कल और आज’ की सूरते हाल का विमोचन सेमिनार के दौरान करने का भी फैसला लिया गया है।
इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. जानकी प्रसाद शर्मा (जिन्होंने सज्जाद जहीर की किताब रौशनाई का हिन्दी में अनुवाद किया है) मौजूद रहेंगे। वह अपना एक नोट भी पेश करेंगे। इस गोष्ठी में उपस्थित जनरल सेक्रेटरी सईद मेहदी ने एकेडमी के सभी सदस्यों से बीते साल की तरह ही इस बार भी यह प्रोग्राम सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक करने के लिए सुझाव पेश किया, जिसमें कैफी साहब की शख्सियत से जुड़े कई प्रोग्राम होंगे। जैसे- कैफी आजमी की गज़लें पेश की जायेंगी। कैफी साहब को जिन त्योहारों से लगाव था, याद किया जायेगा। बैतबाजी का प्रोग्राम होगा, जिसमें लड़के व लड़कियों की अलग अलग टीमें होंगी। सभी प्रोग्राम कैफी साहब की 106वीं यौमे पैदाइश के मौके पर करने के लिए एकेडमी के एक्जियूटिव ने फैसला लिया है। बैठक में एकेडमी के मेम्बर प्रो. नलिन रंजन सिंह, प्रो. रेशमा परवीन, प्रो. अतहर रिजवी, जॉ. प्रियंका, लेक्चरर शहाब जैदी, रंगकर्मी एसएन लाल, आशीष डिगडिगा, फरहीन मेंहदी, फराहिम हुसैन, एजाज काजमी आदि लोगों ने हिस्सा लिया।
बता दें कि उर्दू के प्रसिद्ध प्रगतिवादी शायर और गीतकार कैफ़ी आज़मी ने उर्दू साहित्य में उल्लेखनीय योगदान देने के साथ ही फ़िल्मी जगत को भी कई यादगार गीत दिए हैं। भारतीय सिनेमा की कुछ मशहूर फिल्मों जैसे ‘सात हिंदुस्तानी’, ‘गर्म हवा’, ‘बुज़दिल’, ‘काग़ज़ के फूल’, ‘हकीकत’ और ‘हीर राँझा’ आदि में इनके लिखे कई शानदार गीतों को शामिल किया गया है। वहीं फ़िल्मी दुनिया में कैफ़ी आज़मी को बहुत से सम्मानों से भी नवाज़ा गया है। जिनमें आवारा सज्दे’ (काव्य-संग्रह) के लिए प्रतिष्ठित ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार, वर्ष 1974 में भारत सरकार ने ‘पद्मश्री’ पुरस्कार से सम्मानित किया था। जबकि इनमें फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार सबसे प्रमुख हैं। वहीं उनकी काव्य रचनाओं में ‘आवारा सज्दे’, ‘इंकार’, और ‘आख़िर-ए-शब’ प्रमुख हैं।