Lucknow News: किसानों ने किया एलडीए ऑफिस का घेराव, विभिन्न मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन

Lucknow News: आश्वासन को पूरा न करने के विरोध में पंचायत भी आयोजित की। उन्होंने अधिकारियों से मौके पर पहुंचकर आश्वासन लेने की मांग की है।

Written By :  Santosh Tiwari
Update:2025-01-03 15:49 IST

एलडीए ऑफिस में प्रदर्शन करते किसान। Photo- Ashutosh Tripathi

Lucknow News: शुक्रवार को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन (अरा) राजू गुप्ता संगठन ने गोमती नगर स्थित लखनऊ विकास प्राधिकरण के ऑफिस का घेराव किया। इस दौरान किसानों ने प्राधिकरण की सीतापुर रोड नगर प्रसार योजना, अलीगंज योजना व टिम्बर नगर योजना से प्रभावित किसानों को पूर्व में दिए गये आश्वासन को पूरा न करने के विरोध में पंचायत भी आयोजित की। उन्होंने अधिकारियों से मौके पर पहुंचकर आश्वासन लेने की मांग की है। 

आश्वासन के बावजूद मांग नहीं पूरी होने पर विवाद

प्रदर्शन के दौरान किसानों ने अधिकारियों को दिए गए मांग पत्र में कहा कि 25.09.2024 को किसानों के आन्दोलन के दौरान धरना स्थल पर एलडीए के अपर सचिव और एसडीएम ने लिखित आश्वासन दिया था कि 6.10.2024 को सीतापुर रोड व रेलवे लाइन के बीच की जमीन पर अभियान चलाकर वहाँ से अतिक्रमण हटाया जायेगा। साथ ही 09.10.2024 को बचे हुए किसानों को लाटरी कर दी जायेगी लेकिन आज तक एक भी काम किसानों का नहीं किया गया। आरोप है कि किसान लगभग 20 महीने से अपनी जायज मांगों को लेकर रात दिन अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करते चले आ रहें है। अभी हाल में ही किसानों के चबूतरों के लिए सीतापुर रोड व रेलवे लाइन के बीच की भूमि अतिक्रमण अभियान चलाकर खाली करायी गयी थी लेकिन किसानों के चबूतरों का आवंटन नहीं किया गया। उस जमीन पर दोबारा अतिक्रमण होने लगा है। इसके खिलाफ किसानों ने धरना भी दिया था लेकिन अधिकारियों ने कोई सुनवाई नहीं की।

यह रही प्रमुख मांगें

1. बसंत कुन्ज योजना सीतापुर नगर प्रसार योजना (जानकीपुरम) हेतु एक साथ 1981 में भूमि का अधिग्रहण किया गया था लेकिन बसंत कुन्ज योजना में कोर्ट के आधार पर किसानों को बढ़कर मुआवजा दिया गया है। अभी जल्द में कोर्ट के आधार पर प्यारेपुर के किसानों का मुआवजा बढ़ाया गया है उसी तर्ज पर सीतापुर रोड नगर प्रसार, अलीगंज योजना के किसानों को कोर्ट के आधार पर मुआवजा बढ़ाकर भुगतान किया जाए।

2. सीतापुर रोड जानकीपुरम में 25.11.2023 को लगभग 84 चबूतरों की लाटरी डाली गयी थी जिसमे अधिकांश किसानों की रजिस्ट्री हो चुकी है ,अभी 15-20 किसानों की रजिस्ट्री होनी है। कुछ अराजक तत्व एलडीए के अधिकारियों को भ्रमित करते हैं। वह कह रहे हैं कि किसानों की लाटरी गलत तरीके से डाली गयी। जबकि किसानों के चबूतरों के फार्म एसडीएम अर्जन के वहां से जांच कर पात्र किसानों की सूची से लाटरी की गयी। जिससे बचे पात्र किसानों की रजिस्ट्री रोक दी गयी।

3. रेलवे लाइन के बीच में ग्राम महिबुल्लापुर के साथ कई गाँवों के किसानों की भूमि का अधिग्रहण अपर जिलाधिकारी भूमि अधिग्रहण द्वारा 1981 में किया गया था जिसमें अन्य गांवों के साथ ग्राम महिबुल्लापुर की गाटा संख्या 443 का अधिग्रहण किया गया था। यह शिवलाल पुत्र के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज थी। सीतापुर रोड व रेलवे लाइन के बीच की योजना में लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा न तो कोई विकास कार्य किया गया और न ही उस भूमि पर कोई योजना लांच की गयी, न ही किसानों से कोई समझौता पत्र लिया गया और न ही मुआवजे का भुगतान किया गया। मात्र कुछ किसानों को एवार्डेड पैसे का भुगतान किया गया है। किसान जब मुआवजा मांगने गये तो भूमि अधिग्रहण कार्यालय में अधिकारियों व कर्मचारियों ने यह बताया कि उक्त योजना की यह भूमि हमारे काम की नहीं है इसलिए इसका मुआवजा नहीं दिया जा सकता। इसके अलावा किसानों ने कई अन्य मांगों को भी उठाया है। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में महिला, पुरुष और बुजुर्ग मौजूद रहे। 

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