IPS अमिताभ यश से लेकर केके बिश्नोई तक, साल 2024 में सुर्खियों में रहे यूपी के पांच अफसर
UP Most Populer IPS Officer: यूपी में कई ऐसी घटनाएं भी घटी। जोकि देशभर में काफी सुर्खियों में रहीं। इन घटनाओं में यूपी के सियासी गलियारे की ही नहीं बल्कि प्रशासनिक और पुलिस महकमे की भी चर्चा हुई।
UP Most Populer IPS Officer: दिसंबर माह खत्म होने को है। अगले दो दिनों बाद नया साल 2025 की शुरूआत हो जाएगी। बीते साल के जाने के साथ ही उस वर्ष की घटनाएं भी हमेशा जहन में याद बनकर रह जाती हैं। साल 2024 में उत्तर प्रदेश के लिए बेहद खास रहा। साल 2024 में अयोध्या में राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई। लेकिन इसके साथ ही यूपी में कई ऐसी घटनाएं भी घटी। जोकि देशभर में काफी सुर्खियों में रहीं। इन घटनाओं में यूपी के सियासी गलियारे की ही नहीं बल्कि प्रशासनिक और पुलिस महकमे की भी चर्चा हुई। आइए जानते हैं साल 2024 की यूपी के ऐसे पांच आईपीएस अधिकारियों के बारे में जोकि इस साल काफी चर्चित रहे।
आईपीएस वृंदा शुक्ला
बीते अक्टूबर माह में उत्तर प्रदेश के बहराइच जनपद के महाराजगंज इलाके में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान पथराव, फायरिंग और आगजनी की घटना घटित हुई। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत भी हुई थी। बहराइच में काफी हंगामा हुआ। इस दौरान आईपीएस वृंदा शुक्ला काफी चर्चा में आयीं। उन्होंने दंगाइयों से निपटने के लिए खुद मोर्चा संभाला था। वह सड़क पर उतरीं और लोगों को समझाती हुई नजर आयी थीं।
कौन हैं आईपीएस वृंदा शुक्ला?
वृंदा शुक्ला 2014 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। उनका जन्म हरियाणा राज्य के पंचकूला में 13 मार्च 1989 को हुआ था। उनकी शुरुआती षिक्षा-दीक्षा पंचकूला में ही हुआ। इसके बाद उन्होंने महाराष्ट्र के पुणे के कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। वृंदा शुक्ला ने लंदन के स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड सोशल साइंस से पढ़ाई की। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने अमेरिका की एक निजी कंपनी में नौकरी भी की। नौकरी के साथ ही उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी। साल 2014 में वह यूपीएससी की परीक्षा क्रेक कर आईपीएस अधिकारी बनीं। उनके पति अंकुर अग्रवाल भी आईपीएस अधिकारी हैं। आईपीएस वृंदा शुक्ला भी तब भी चर्चा में आई थीं जब उन्होंने मुख्तार अंसारी की बहू को गिरफ्तार किया था। उन दिनों वह वृंदा शुक्ला चित्रकूट की पुलिस अधीक्षक थी।
आईपीएस अमिताभ यश
अक्टूबर माह में बहराइच जनपद में पथराव, आगजनी और एक व्यक्ति की मौत के बाद हालात बेहद तनावपूर्ण हो गये थे। जिसके बाद वहां भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गयी थी। इस दौरान उपद्रवी लोगों पर काबू पाने के लिए आईपीएस अमिताभ यष भी सड़क पर उतर गये थे। उनकी हाथ में पिस्टल लिये उपद्रवियों को खदेड़ने की तस्वीर काफी चर्चा में रही थी।
कौन हैं आईपीएस अमिताभ यश
अमिताभ यश 1998 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं। वह उत्तर प्रदेश के एडीजी कानून व्यवस्था के पद पर तैनात हैं। इसके साथ ही अमिताभ यश एसटीएफ चीफ भी हैं। वह बिहार के भोजपुर जनपद के रहने वाले हैं। उनके पिता रामयश सिंह बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी थे। आईपीएस अमिताभ यश ने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से स्नातक किया है। इसके बाद आईआईटी कानपुर से केमिस्ट्री से परास्नातक किया। साल 1996 में उन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा में परचम लहराया और आईपीएस अधिकारी बन गये।
आईपीएस केके बिश्नोई
24 नवंबर को संभल में शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान एक वर्ग विशेष के लोगों ने पथराव करना शुरू कर दिया था। जिसके बाद वहां हिंसा भड़क गई थी। संभल में हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत भी हुई थी। जिससे हालात बेहद खराब हो गये थे। उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा था। इस दौरान आईपीएस केके बिश्नोई ने सड़क पर उतर कर बवाल पर काबू पाने का मोर्चा लिया। उन्होंने कई दिनों तक तनावपूर्ण हो चुके माहौल पर नियंत्रण पाया था। उन्होंने जनपद में ताबड़तोड़ एक्शन लेते हुए दर्जनों आरोपियों को जेल भेजा था।
कौन हैं आईपीएस केके बिश्नोई
केके बिश्नोई 2018 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह राजस्थान के बाड़मेर जनपद के रहने वाले हैं। गोरखपुर में एसपी सिटी के पद पर रहते हुए उन्होंने कई माफियाओं अजीत शाही, विनोद उपाध्याय और सुधीर सिंह के खिलाफ कार्रवाई की थी। उन्होंने माफियाओं की लगभग 803 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां जब्त की।
आईपीएस अजय पाल शर्मा
तेज तर्रार छवि और अपराधियों के खिलाफ सख्त रवैये के लिए मशहूर आईपीएस अजय पाल शर्मा अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की सुरक्षा का जिम्मा उन्हें सौंपा गया है। एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अजय पाल शर्मा को महाकुंभ का नोडल पुलिस अधिकारी बनाया गया है।
कौन हैं आईपीएस अजय पाल शर्मा
अजय पाल शर्मा साल 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह मूल रूप से पंजाब के लुधियाना के रहने वाले हैं। उन्होंने मेडिकल में बीडीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू की। मेहनत और लगन के चलते उन्होंने यूपीएससी क्रेक किया और आईपीएस अधिकारी बन गये। उन्होंने सहारनपुर, गाजियाबाद और नोएडा जैसे जनपदों में कई बड़े अभियानों को अंजाम दिया है। जौनपुर जिले में अपने कार्यकाल के दौरान अजय पाल शर्मा ने 75 एनकाउंटर किए। जिसमें तीन कुख्याल अपराधियों को उन्होंने ढेर भी किया।
आईपीएस अंकिता शर्मा
हाल ही में उत्तर प्रदेश में कई आईपीएस अधिकारी के स्थानांतरण हुए। जिसमें आईपीएस अंकिता शर्मा को कासगंज का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। जिसके बाद वह काफी सुर्खियों में रहीं। महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों के खिलाफ उनका रवैया बेहद सख्त रहा है।
कौन हैं आईपीएस अंकिता शर्मा
अंकिता शर्मा 2018 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। वह मूलरूप से जयपुर की रहने वाली हैं। अपने कार्यकाल में अंकिता शर्मा ने हत्या, लूट और चोरी जैसी कई वारदातों का राजफाश किया। वहीं उनके नेतृत्व में आधा दर्जन से ज्यादा हाफ एनकाउंटर भी हुए। कानपुर में तैनाती के दौरान आईपीएस अंकिता शर्मा ने मिशन शक्ति अभियान के तहत छात्राओं, कामकाजी महिलाएं व घरेलू महिलाओं को जागरुक भी किया।