Gandhi Jayanti Special: महात्मा गांधी को लखनऊ से था खास लगाव, मौजूद हैं उनकी यहां कई निशानियां

Gandhi Jayanti Special: कांग्रेस के अधिवेशन में शामिल होने के लिए 1916 को जवाहरलाल नेहरू इलाहाबाद से लखनऊ ट्रेन से आए थे। इस यादगार मुलाकात के सबूत आज भी स्टेशन पर मौजूद हैं।

Newstrack :  Network
Update:2023-10-02 18:05 IST

Gandhi Jayanti Special (Newstrack)

Gandhi Jayanti Special: महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। इस वर्ष यानी कि वर्ष 2023 में महात्मा गांधी की 154वीं जयंती मनाई जा रही है। तहजीब के शहर-ए-लखनऊ से भी उनका बहुत गहरा नाता रहा है। वर्ष 1916 से 1939 के बीच लखनऊ में वह कई बार आए और अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ न केवल रणनीति बनाई बल्कि सामाजिक सरोकारों से भी आम भारतीयों को जोड़ने का प्रयास किया।

नवाबों के शहर से बापू का पुराना नाता

कांग्रेस के अधिवेशन में शामिल होने के लिए 1916 को जवाहरलाल नेहरू इलाहाबाद से लखनऊ ट्रेन से आए थे। इसी मीटिंग में शामिल होने के लिए महात्मा गांधी भी आए हुए थे और चारबाग स्टेशन के पास ही दोनों की मुलाकात हुई। करीब 20 मिनट तक दोनों के बीच वार्ता हुई। इस यादगार मुलाकात के सबूत आज भी स्टेशन पर मौजूद हैं और रेलवे ने स्मृति स्वरूप यहां गांधी उद्यान बनवाया है, जहां एक शिलापट भी लगा हुआ है। 1920 में उन्होंने चिनहट में एक पूर्व माध्यमिक विद्यालय की आधारशिला रखी थी। 28 सितंबर 1929 को गांधी जी ने चिनहट में स्कूल के पास ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापना की।




 महात्मा गांधी आजादी के कुछ बरस पहले, जब वह लखनऊ आए तो यहां गोखले मार्ग पर अपने हाथों से उन्होंने एक वट वृक्ष लगाया था। ऐसे ही महिलाओं के लिए एक पार्क की नींव डाली, जिसे जनाना पार्क के नाम से जाना जाता है। यह पार्क अमीनाबाद में है। ऐसे तो लखनऊ के ये स्थल महात्मा की यादों को संजोकर रखे है। इसी कड़ी में न्यूजट्रैक आपको लेकर चलेगा शहर के एकमात्र और बेहद अनूठे गांधी संग्रहालय की यात्रा पर !


आखिर क्यों खास है गांधी संग्रहालय? 

महात्मा गांधी को समर्पित यह संग्रहालय राष्ट्रपिता के बारे में उनकी जीवनशैली से लेकर उनकी विचारधाराओं तक हर चीज की जानकारी प्रदान करता है। संग्रहालय की स्थापना वर्ष 1973 में हुई थी और इसका रख-रखाव गांधी स्मारक निधि करती है। इसमें बापू के जीवन के विभिन्न पहलुओं को शामिल करने वाली 250 से अधिक दुर्लभ तस्वीरें हैं तो वहीं गांधी जीवन और दर्शन को दिखलाते 5 डायरेमा, तैल चित्र और देश विदेश के कई देशों द्वारा जारी दुर्लभ डाक टिकट का अनोखा संग्रह भी है। संग्रहालय में विशेष रूप से गांधी जी के हस्त लिखित पत्र, दक्षिण अफ्रीका प्रवास का माडल तो वही बापू की लाठी और उनकी हत्या में प्रयुक्त पिस्तौल की प्रतिकृति प्रमुख है। संग्रहालय में प्रवेश करते ही गांधी जी की वंशावली सभी का ध्यान विशेष रूप से खींचती है।



 मौजूद हैं 18 हजार पुस्तकें

संग्रहालय का दौरा करने पर गांधी के एक छात्र से एक योग्य वकील औरफिर एक स्वतंत्रता सेनानी बनने की उनकी यात्रा के बारे में जानने के अलावा आप परिसर के भीतर पुस्तकालय का भी दौरा कर सकते हैं। यहां मौजूद 18,000 पुस्तकों के विशाल संग्रह को देखना एक आनंददायक अनुभव होगा।


यहां स्थित है संग्रहालय

संग्रहालय राजधानी लखनऊ के कैसर बाग में स्थित है, जिसको गांधी भवन संग्रहालय के नाम से जाना जाता है। यह सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5.30 बजे तक खुलता है। रविवार को संग्रहालय बंद रहता है। 



 


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