Lucknow News: उच्च न्यायालय ने लखनऊ विश्वविद्यालय पर लगाया दो लाख का हर्जाना, जानें पूरा मामला

Lucknow News:साल 2009 में बीएससी तृतीय वर्ष की छात्रा रहीं प्रियंका दुबे की याचिका को मंजूर करते हुए न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया। विश्वविद्यालय ने छात्रा पर कुछ आरोपों को लेकर परीक्षा परिणाम रोक दिया था।

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Update: 2024-07-25 07:04 GMT

उच्च न्यायालय ने लखनऊ विश्वविद्यालय पर लगाया दो लाख का हर्जाना (सोशल मीडिया)

Lucknow News: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने लखनऊ विश्वविद्यालय की लापरवाही पर कड़ा रूख अपनाया है। कोर्ट ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर दो लाख रुपए का हर्जाना लगाया है। हाईकोर्ट ने स्नातक की छात्र के परीक्षा परिणाम घोषित करने में विश्वविद्यालय की लापरवाही पर यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि दो माह के भीतर विष्वविद्यालय प्रषासन से जुर्माना की रकम वसूल कर छात्रा को बतौर मुआवजा दिया जाए।

साल 2009 में बीएससी तृतीय वर्ष की छात्रा रहीं प्रियंका दुबे की याचिका को मंजूर करते हुए न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया। विश्वविद्यालय ने छात्रा पर कुछ आरोपों को लेकर परीक्षा परिणाम रोक दिया था। छात्रा का कहना था कि उसके सफाई देने के बावजूद भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने काफी समय तक कोई आदेश पारित नहीं किया। साथ ही 15 नवंबर 2014 को बीएससी तृतीय वर्ष की परीक्षा रद्द कर छात्रा को 2014-15 की परीक्षा में शामिल होने का आदेश दिया।

इसके पूर्व भी साल 2012 में एक ऐसा ही आदेश लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने दिया था, लेकिन इसकी जानकारी नहीं मिल सकी थी। विश्वविद्यालय के रवैये से आहत होकर छात्रा प्रियंका दुबे ने साल 2015 में उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की। अदालत ने सख्त रूख अख्तियार करते हुए कहा कि इस मामले से बिल्कुल साफ है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रा के प्रति बेहद अड़ियल और उपेक्षापूर्ण रुख अपनाया। बिना किसी ठोस साक्ष्य के छात्रा प्रियंका दुबे के भविष्य को बर्बाद करने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय पूरी तरह से जिम्मेदार है।

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