Kargil Vijay Diwas: बीबीएयू में कारगिल विजय दिवस पर याद किए गए शहीद

Kargil Vijay Diwas: बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में कारगिल विजय दिवस पर 'मेरी माटी, मेरा देश' विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया।यह आयोजन एनसीसी इकाई, एनएसएस, सूचना प्रॉद्योगिकी विभाग और जीबीएस ने संयुक्त रूप से किया।

Update:2023-07-26 18:59 IST
Kargil Vijay Diwas Programme at BBAU

Kargil Vijay Diwas: बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में कारगिल विजय दिवस पर 'मेरी माटी, मेरा देश' विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया।यह आयोजन एनसीसी इकाई, एनएसएस, सूचना प्रॉद्योगिकी विभाग और जीबीएस ने संयुक्त रूप से किया। मुख्य अतिथि के रूप में प्रकाश सी.बरतुनिया और विशिष्ट अतिथि के रूप में मेजर जनरल ए.के.चतुर्वेदी शामिल हुए।कार्यक्रम के विवि परिसर में पौधरोपण किया गया।

कारगिल विजय दिवस पर किया गया वीर शहीदों को याद

कारगिल विजय दिवस पर पूरे देश में कई स्थानों पर बड़े बड़े कार्यक्रम आयोजित हुए। बीबीएयू के एसईएस सभागार में 20 यूपी गर्ल्स बटालियन एनसीसी, 67 यूपी बटालियन एनसीसी, राष्ट्रीय सेवा योजना, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और जीबीएस ने मेरी माटी, मेरा देश विषय पर कारगिल दिवस कार्यक्रम के बारे में संवाद हुआ।मेजर जनरल ए.के.चतुर्वेदी ने कहा कि देश सेवा हर स्तर से की जा सकती हैं। जिस फील्ड से जुड़े हैं, उस फील्ड से देश सेवा करें। देश के कारगिल युद्ध में उन शहीद 527 जवानों और 1363 घायल जवानो को हम श्रद्धांजलि देते हैं। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के पहले कारगिल में 3 किमी पाकिस्तान के डायरेक्ट फायरिंग रेंज में थी। उस सड़क पर 90 की स्पीड से चलना पड़ता था।सड़क पर दिन में कोई चलता नहीं था। देश में फ़ौज पर खर्चा कम होता हैं।उन्होने कहा कि देश में शिक्षा पर सबसे ज्यादा खर्च करना चाहिए। जवानों में जिनको हाईएस्ट अवार्ड मिले हैं, वे सभी जवान 25 वर्ष से कम उम्र के रहे हैं। विविधता में एकता का संदेश दिया। उस्मान साहब के बारे में चर्चा की और उनके योगदान को याद किया।

एनसीआरटी में होगा इन वीर जानवो का पाठ्यक्रम शामिल

देश के बहुत से लोग विश्व स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुके हैं और कर रहे हैं। देश सेवा हर स्तर से की जा सकती हैं। जिस फील्ड से जुड़े हैं, उस फील्ड से देश सेवा करें। विक्रम बत्रा और दिव्यांका त्रिपाठी के बारे में चर्चा की। एनसीसी सर्वधर्म सम्भाव को मानता हैं। उन्होंने एनसीसी और एनएसएस जुड़े रहने की बात कही। विवि के पूर्व कुलाधिपति प्रकाश सी. बरतुनिया ने कारगिल युद्ध से जुड़े कई हिस्सों को साझा किया। मेजर मनोज कुमार पाण्डेय और योगेंद्र सिंह यादव के योगदान पर चर्चा हुई। उन्होने कहा कि मध्य प्रदेश के एनसीआरटी का अध्यक्ष होने नाते मैं परमवीर चक्र विजेताओं को किताब में शामिल करने की योजना बना रहा हूँ। देश के पहले परमवीर चक्र विजेता सोभनाथ शर्मा का नाम पाठ्यक्रम में शामिल किया हैं।

बिना ट्रेनिंग के देश के लिए लड़ रहे जवान

कुलपति संजय सिंह ने कहा हमारे सेना के जवान अष्टांग योग नियम के सभी सोपानो का पालन करते हैं।उन्होने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का जिक्र किया और कहा कि हमारे सेनानी बिना ट्रेनिंग के देश के लिए लड़ गए। जवानों में संघर्ष भरा हुआ हैं।

प्रो के एल महावर ने स्वागत भाषण दिया और अतिथियों का परिचय प्रस्तुत किया। मंच का संचालन और कार्यक्रम का प्रसंग परिचय कैप्टन डॉ. राजश्री ने किया।लेफ्टिनेंट डॉ. मनोज डडवाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।कार्यक्रम के बाद एनसीसी और एनएसएस की ओर से पौधरोपण किया गया। बोटिनिकल गार्डन परिसर में 100 पौध रोपित किये गए।कुलसचिव अश्वनी कुमार सिंह, राणा प्रताप सिंह, नवीन अरोड़ा, विक्टर बाबू, नरेंद्र कुमार, अमित कुमार सिंह, शरद सोनकर, सुनील गोरिया, शूरा दारापुरी, एनएसएस समन्वयक डॉ. पवन कुमार चौरसिया, डॉ. तरुणा, २० यूपी बटालियन के डी सी मौर्य समेत एनसीसी कैडेट,एनएसएस स्वयं सेवक मौजूद रहे।

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