लिफ्ट-एस्केलेटर पर नहीं कोई कानून, CM योगी ने जताया अफसोस, अधिकारियों को दिए ये निर्देश

lift Law in UP: मुख्यमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक परिसरों में स्थापित लिफ्ट और एस्केलेटर संचालन के दौरान किसी भी दुर्घटना की स्थिति में लोगों के जोखिम को कवर करने के लिए बीमा का प्रावधान हो।

Report :  Viren Singh
Update:2023-12-26 14:08 IST

lift Law in UP (सोशल मीडिया) 

Lift Law in UP: यूपी में लिफ्ट की घटना को रोकने के लिए सूबे की योगी सरकार ने कड़ा रूख अख्तिया किया है। यूपी सरकार लिफ्ट और एस्केलेटर की घटना को रोकने के लिए कानून बनाने जा रही है। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक में सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यूपी में लिफ्ट और एस्केलेटर की घटना को लगाम लगाने के लिए कानून बनाएं। इस पर कोई कानून न होने पर मुख्यमंत्री योगी ने अफसोस भी जताया। प्रदेश में बहुमंजिला इमारतों में लगी लिफ्ट और स्वचालित सीढ़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाया जाया।

सीएम ने अधिकारियों ने दिए ये निर्देश

बैठक में सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में बहुमंजिला बिल्डिंग का निर्माण अधिक होने लोगों के आने जाने के लिए लिफ्ट अधिक लगाई जा रही हैं। साथ एक्सेलेटर का भी उपयोग बढ़ गया है, लेकिन इन से होने वाली दुर्घटनाओं के लिए प्रदेश में कोई कानून नहीं है। सीएम ने कहा कि भीड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर बनी लिफ्ट और एस्केलेटर के अनुचित संचालन और रखरखाव की अक्सर शिकायतें देखने को मिल रही हैं। इसको देखते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि लिफ्ट और एस्केलेटर का निर्माण, गुणवत्ता, अंतर्निहित सुरक्षा सुविधाओं, स्थापना, संचालन और रखरखाव के लिए निर्धारित प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना जरूरी है।

नई व पुरानी लिफ्ट और एक्सेलेटर का हो पंजीकरण

अन्य प्रदेश में लेफ्ट एक्ट हवाला देते हुए यूपी में यह एक्ट लागू नहीं होने पर होने पर अफसोस जताया। उन्होंने के देश के अन्य प्रांतों में फिल्ट अनिधिनियम लागू है। इसको यूपी में भी जल्द से जल्द लागू किया जाए। सीएम मे कहा कि निजी या सार्वजनिक परिसर में नई लिफ्ट और एस्केलेटर लगाने वाले मालिक के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य होना चाहिए। इस बात को भी ध्यान दिया जाए तो पहले से लिफ्ट और एक्सेलेटर लगी हैं, उनका भी रजिस्ट्रेशन हो।

लिफ्ट और एस्केलेटर के निर्माण मानकों के हो अनुपालन

मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि लिफ्ट और एस्केलेटर के निर्माण में भारतीय मानक ब्यूरो मानकों का अनुपालन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि लिफ्ट और एस्केलेटर की स्थापना में संबंधित बिल्डिंग कोड एवं अन्य आवश्यक कोड का अनुपालन भी सुनिश्चित किया जाए। लिफ्ट में लोगों की सुरक्षा के लिए स्वचालित बचाव उपकरण लगाना अनिवार्य किया जाना चाहिए, ताकि बिजली आपूर्ति या अन्य खराबी की स्थिति में लिफ्ट के अंदर फंसा व्यक्ति निकटतम तल तक पहुंच जाए और लिफ्ट का दरवाजा अपने आप खुल जाए।

हो बीमा कवर का प्रावधान

मुख्यमंत्री ने कहा कि लिफ्ट में आपातकालीन घंटियां, सीसीटीवी कैमरे, पर्याप्त रोशनी और टेलीफोन लगाना भी अनिवार्य होना चाहिए। सार्वजनिक परिसरों में स्थापित लिफ्ट और एस्केलेटर संचालन के दौरान किसी भी दुर्घटना की स्थिति में लोगों के जोखिम को कवर करने के लिए बीमा का प्रावधान हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि लिफ्ट एवं एस्केलेटर की स्थापना और संचालन के संबंध में शिकायत मिलने पर निर्माता और संबंधित एजेंसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान किया जाए।

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