Lucknow University: जल्दी परीक्षाओं का एलयूएसीटीए ने किया विरोध, राज्यपाल से की शिकायत

Lucknow University: एलयू एसोसिएटेड कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (एलयूएसीटीए) ने 90 दिनों तक कक्षाएं संचालित किए बिना सेमेस्टर परीक्षा कार्यक्रम की घोषणा की निंदा की और राज्यपाल को पत्र भेजकर हस्तक्षेप की मांग की है।

Update:2023-06-05 00:49 IST
लखनऊ विश्वविद्यालय: Photo- Social Media

Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय सहयुक्त कॉलेज शिक्षक एसोसिएशन छात्रों के समर्थन में आ गया है और मामले में राज्यपाल को पत्र भेजकर हस्तक्षेप की मांग की है। लविवि ने 20 जून से सम सेमेस्टर परीक्षा का प्रस्तावित कार्यक्रम जारी किया है।

90 दिन की पढ़ायी के पहले परीक्षा कार्यक्रम जारी

एलयू एसोसिएटेड कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (एलयूएसीटीए) ने 90 दिनों तक कक्षाएं संचालित किए बिना सेमेस्टर परीक्षा कार्यक्रम की घोषणा की निंदा की है। लखनऊ विश्वविद्यालय सहयुक्त कॉलेज शिक्षक एसोसिएशन( एलयूएसीटीए) के सदस्यों ने चांसलर और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर हस्तक्षेप का अनुरोध किया।

एलयूएसीटीए के सदस्यों का कहना

एलयूएसीटीए के अध्यक्ष मनोज पांडे ने कहा, “कक्षाएं 70 दिनों से कम समय के लिए आयोजित की गई हैं। साथ ही, पिछले सेमेस्टर का परिणाम घोषित नहीं किया गया है, विश्वविद्याल प्रशासन की लापरवाही के कारण साल के 9 महीने कक्षाएं, परीक्षा कराने और उसका परिणाम घोषित करने में बीत गए। अभी तक सभी विषयों का परीक्षा परिणाम घोषित नहीं हुआ है। विषम सेमेस्टर की परीक्षा के बाद अगली कक्षाएं 12 अप्रैल से प्रारम्भ हुई थी। एलयू के प्रवक्ता दुर्गेश श्रीवास्तव ने कहा, “हमने यूजीसी द्वारा निर्धारित दिनों की संख्या पूरी कर ली है, जिसमें शिक्षण और परीक्षा सहित 90 दिन शामिल हैं। एलयू और कॉलेजों में अतिरिक्त कक्षाएं भी लगाई गईं हैं।

नयी शिक्षा नीति, 2020

लुआक्टा महामंत्री डॉ. अंशू केडिया ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 एवं यूजीसी नियम में 90 दिन का शिक्षण कार्य तथा प्रवेश, परीक्षा एवं परीक्षा संबंधी तैयारी के लिए विवि में हर सेमेस्टर 6 सप्ताह एवं महाविद्यालय में 5 सप्ताह का समय देना आवश्यक है। छात्रों के भविष्य और नई शिक्षा नीति के नियमों का पालन कराने के लिए समय से पहले परीक्षा कराना सही नहीं है।

एलयू में महज़ 71 दिन हुई पढ़ायी

लखनऊ विश्वविद्याल में केवल 71 दिन कक्षाओ में पढ़ायी हुई है जिसमें सभी रविवार और अन्य अवकाश भी शामिल हैं। इसका पूरा भुगतान विद्यार्थियों को करना पड़ेगा और उनके परिणाम भी प्रभावित होगे।

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