तो अब आसान होगी असलहों की लाइसेंसी प्रक्रिया! CM योगी को खून की चिट्ठी

Yeti Narsimhanand Giri: महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि के खून से भारतीय जनता पार्टी नेत्री ने डॉ. उदिता त्यागी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा है।;

Written By :  Shishumanjali kharwar
Update:2025-02-20 16:01 IST

Yeti Narasimhanand Giri

Yeti Narsimhanand Giri: विवादित बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि के खून से भारतीय जनता पार्टी नेत्री ने डॉ. उदिता त्यागी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा है। इस पत्र के माध्यम से सीएम योगी से मांग की गयी है कि हिंदुओं के लिए शस्त्र लाइसेंस देने की प्रक्रिया को आसान किया जाए। पत्र के माध्यम से उन्होंने कहा कि बदलते हालात के मद्देनजर हिंदुओं की सुरक्षा के लिए हथियार बेहद जरूरी हो गया है। ऐसे में सरकार को हिंदू समाज को आत्म रक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस की प्रक्रिया को आसान कर देना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले बीते 31 जनवरी को जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद ने श्रीदुधेश्वरनाथ मठ के शिविर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए खून से एक पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने पीएम मोदी से बांग्लादेश और पाकिस्तान में हिंदुओं की रक्षा की मांग की थी। यति नरसिंहानंद ने पत्र में कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी बांग्लादेश और पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं की रक्षा के लिए सैन्य कार्रवाई करें। यति नरसिंहानंद गिरी के पत्र पर सबसे पहले श्रीमहंत नारायण गिरि जी महाराज ने हस्ताक्षर करते कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व के हर हिन्दू की रक्षा की जिम्मेदारी लेनी ही चाहिये।

कौन हैं जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि

जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि का असली नाम दीपक त्यागी है। उन्होंने रूस में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने ब्रिटेन समेत कुछ अन्य देशों में नौकरी भी की। लेकिन फिर वह भारत वापस लौट आए। यति नरसिंहानंद के बारे में यह कहा जाता है कि 1998 में उनकी भेंट भाजपा नेता बीएल शर्मा से हुई। जिसके बाद उनका पूरा जीवन ही बदल गया।

उन्होंने संन्यास ले लिया और दीपक त्यागी से दीपेंद्र नारायण सिंह बन गये। कुछ समय बाद वह यति नरसिंहानंद सरस्वती के नाम से जाने जाने लगे। महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद सरस्वती गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत भी हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महासचिव और जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक महंत हरि गिरि ने यति नरसिंहानंद सरस्वती को अपना शिष्य स्वीकार किया था। जिसके बाद यति नरसिंहानंद महामंडलेश्वर बनाए गए थे।

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