मान्यता प्राप्त पत्रकार एकादश सेमीफाइनल: पत्रकार रघ्घू ने ज़िन्दगी जीती, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने जीता दिल
Lucknow News: मैच के चंद ओवर बचे थे। इस बीच कप्तान पत्रकार राघवेन्द्र को सीने में तेज दर्द उठा। उनकी मदद के लिए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और भूपेंद्र चौधरी खुद सिविल अस्पताल पहुंचे।
Lucknow News: आपने क्रिकेट मैच बहुत देखे होंगे, लेकिन पत्रकार एकादश सेमीफाइनल में जान की बाज़ी जीतने का संघर्ष था। सांसे अटकने से लेकर राहत की सांस लेने, दिल को दहलाने से लेकर दिल जीतने के रोमांच वाले इस मैच में कोई खिलाड़ी नहीं बल्कि एक राजनेता को मैन ऑफ दी मैच माना गया। इस क्रिकेट मैच में क्रिकेट की प्रतिभाओं ने ही नहीं भगवान के जीवनदान , पत्रकारों की एकता, चिकित्सकों की कार्यकुशलता और भाजपा नेता भूपेंद्र चौधरी व डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने सबका दिल जीत लिया।
मैच की पिच केडी सिंह बाबू स्टेडियम से सिविल अस्पताल और पीजीआई तक फैल गई थी। स्टेडियम में ही कप्तान राघवेन्द्र प्रताप सिंह रघ्घू के जीवन के विकेट पर पड़े जानलेवा हार्ट अटैक के बॉल को सृष्टि के अंपायर (भगवान) ने नो बॉल करार दिया। लगा भगवान कृष्ण ने अपने नामाराशि डिप्टी सीएम बृजेश पाठक (भगवान कृष्ण का एक नाम ब्रजेश भी है।) को प्रदेश के हर दिल अजीज युवा पत्रकार राघवेन्द्र प्रताप सिंह रघ्घू का जीवन बचाने के लिए मौके पर भेज दिया हो।
कप्तान पत्रकार के सीने में उठा तेज दर्द
दिन ढलने के साथ केडी सिंह बाबू स्टेडियम में पत्रकार एकादश रोमांच की तरह बढ़ रहा था। चंद आखिरी ओवर बचे थे। इस बीच मैच के कप्तान पत्रकार (नेटवर्क टेन न्यूज चैनल के स्टेट हैड) राघवेन्द्र को सीने में तेज़ दर्द उठा। वो बिना किसी को बताए स्टेडियम छोड़ कर अपने ड्राइवर की मदद से सिविल अस्पताल पंहुच गए। सिविल अस्पताल के चिकित्सकों ने गहन प्रतिक्षण में मेजर हार्ट अटैक की पुष्टि की और इन अटैक को काबू करने के लिए कई इंजेक्शन लगाए। हालत गंभीर थी, तत्काल ऑपरेशन ही जीवन बचा सकता था, जो पीजीआई मे ही संभव था। स्टेडियम तक खबर पहुंचते ही पत्रकारों की पूरी टीम सिविल अस्पताल पहुंची।
ब्रजेश पाठक और भूपेंद्र चौधरी खुद पहुंचे अस्पताल
पत्रकार राघवेन्द्र पांडेय ने तुरंत डिप्टी सीएम से मदद मांगी। कुछ ही मिनटों में ब्रजेश पाठक और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी खुद सिविल अस्पताल पहुंच गए। यहां से डिप्टी सीएम ने पीजीआई में बात की, आनन फानन में रघ्घू को एंबुलेंस में शिफ्ट कराया। आगे एंबुलेंस पीछे ब्रजेश पाठक का काफिला और पत्रकार एकादश की टीम समय रहते पीजीआई पहुंची। यहां डाक्टर प्रतीक्षा कर रहे थे। जान बचाने के लिए तुरंत आपरेशन होना बेहद जरूरी था। आपरेशन हुआ और स्टंट डाला गया। तब कहीं जाकर रघ्घू की जिन्दगी की जीत की उम्मीद जगी। लगभग एक घंटा आपरेशन चला।
अभिभावक की तरह मौजूद रहे डिप्टी सीएम
पीजीआई में पचपन हजार रुपए जमा होने थे, अभिभावक की तरह उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने ये राशि जमा की। सिविल अस्पताल से लेकर पीजीआई में आपरेशन तक के संघर्ष से जूझते डिप्टी सीएम और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष तब तक नहीं गये जब तक चिकित्सकों ने बता नहीं दिया कि पेशेन्ट को अब जान का खतरा नहीं है। इन दोनों नेताओं पर प्रदेश के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव की बड़ी जिम्मेदारी है। इनके सहयोगियों ने बताया कि चुनावी व्यस्तता के कारण कई बार समय से ये लोग भोजन भी नहीं कर पा रहे। घर-परिवार से दूर है। लेकिन इन जमीनी नेताओं को लगता होगा कि इंसानियत के विशाल विधानसभा क्षेत्र का कर्तव्य निभाना ज्यादा जरूरी है। क्योंकि दिल जीतने वाला हर विधानसभा क्षेत्र का चुनाव जीत सकता है।
लोगों ने जीता दिल
सचमुच आज केडी सिंह बाबू स्टेडियम से शुरू होकर सिविल अस्पताल और पीजीआई तक चलने वाले पत्रकार एकादश के फाइनल में राघवेन्द्र के पत्रकार मित्र/अग्रज/सहयोगी राघवेन्द्र पांडे, रतीश त्रिवेदी,विवेक त्रिपाठी, दिनेश त्रिपाठी,प्रेम शंकर मिश्र, अंकित भारती, विक्रम श्रीवास्तव,अखंड प्रताप शाही, विशाल प्रताप सिंह, पंकज चतुर्वेदी, ज्ञानेंद्र शुक्ल, लालचंद,मनीष और अन्य पत्रकारों सहित सिविल अस्पताल व पीजीआई के चिकित्सकों,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दिल जीत लिया। पत्रकार कह रहे हैं कि डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को पत्रकार एकादश सेमीफाइनल का मैन ऑफ द मैच कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।