Navaratri 2024: कल से शुरू हो रहे नवरात्रि, लखनऊ के अमीनाबाद मार्केट में खरीदारी करने पहुंच रहे लोग
नवरात्रि के लिए राजधानी लखनऊ के बाजार श्रृंगार के सामानों से भरे पड़े हैं। गुरूवार से शुरू हो रहे नवरात्रि के पहले दिन घरों और मंदिरों में कलश स्थापना की जाएगी। इसके बाद नौ दिनों तक आदि देवी मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाएगी।
Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि गुरुवार से शुरू हो रही है। नवरात्रि की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। राजधानी लखनऊ का अमीनाबाद बाजार खरीदारी के लिए काफी मशहूर है। यह ऐसा बाजार है, जहां नवरात्रि के दौरान कई दुकानें सजी रहती हैं। नवरात्री के दिनों में बाजार पूरी तरह से गुलजार रहता है। इस बाजार में गरीब तबके से लेकर मध्यम वर्गीय परिवार और अमीर परिवार के लोग खरीदारी के लिए अमीनाबाद बाजार आते हैं।
मां के श्रृंगार के सामान से बाजार में काफी रौनक है। बड़ी संख्या में महिलाएं बाजार में खरीदारी कर रही हैं। अमीनाबाद के महावीर दुकान के मालिक महावीर ने बताया कि गुरुवार से नवरात्रि उत्सव शुरू हो रहा है, जिसके चलते आज काफी भीड़ है। सनातन धर्म के अनुयायी इस पर्व को बड़े ही उत्साह के साथ मनाते हैं। ऐसे में माता रानी के श्रृंगार सामग्री से बाजार पूरी तरह गुलजार हो गया है।
मां की मूर्तियां, श्रृंगार और पूजा से जुड़ी सभी वस्तुएं खूब बिक रही हैं, इसके साथ ही मां के श्रृंगार के लिए बिछिया, चूड़ियां, बिंदी, मेहंदी, महावर, चुनरी, नए वस्त्र और आभूषण सभी खरीद रहे हैं। महिलाओं ने बताया कि नवरात्रि एक पावन पर्व है। नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों के दिन होते हैं। मां के लिए चुनरी, बिछिया, मेहंदी, श्रृंगार का सामान, नए वस्त्र और आभूषण आदि खरीदे गए हैं।
महिलाओं ने बताया कि उन्होंने हमेशा अपने माता-पिता को नवरात्रि मनाते देखा है। जब वे ससुराल आती हैं तो वहां भी नवरात्रि भक्ति भाव से मनाई जाती है। इन नौ दिनों के लिए घर में कलश स्थापित किया जाता है। मां दुर्गा अलग-अलग रूपों में हमारे घर आती हैं। नवरात्रि की सारी तैयारियां हो चुकी हैं। नौ दिन पूरे होने के बाद नवमी के दिन हवन होगा। इस दिन नौ कन्याओं को भोजन कराया जाएगा।
बड़ी काली जी मंदिर के महंत हंसा गिरी महाराज ने बताया कि मंदिर की ओर से 2000 वर्ग फीट में भोजन भवन भी बनाया जा रहा है। इसमें श्रद्धालुओं के लिए खाने के स्टॉल लगाए जाएंगे। इसके साथ ही 2500 वर्ग फीट में एक और भवन बनाया जा रहा है जो गरीब परिवारों की लड़कियों की शादी के लिए मुफ्त दिया जाएगा। इसके अलावा 10 से 15 स्नानघर और शौचालय भी बनाए जाएंगे। महंत ने बताया कि बड़ी काली जी मंदिर की स्थापना आदि शंकराचार्य ने की थी। मंदिर में शंकराचार्य महाराज का मठ भी स्थापित है। यह बोधगया के मंदिर की एक शाखा है।