UP News: प्रदेश के उद्यमियों का छलका दर्द, बोले- 10 साल पहले वाली समस्या आज भी झेल रहे एमएसएमई कारोबारी

UP News: कानपुर के कारोबारियों ने बताया कि यूपी सीडा 20 साल में इंडस्ट्रियल इलाके में लगाए गए एसटीपी में बिजली कनेक्शन तक नहीं जोड़ पाया है.

Update:2023-06-03 04:15 IST
One day discussion on questions of small industries (Photo-Ashutosh Tripathi)

UP News: स्माल इंडस्ट्रीज मैन्यूफेक्चर एसोसिएशन (सीमा ), एसोसिएट चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ यूपी व यूके की ओर से लघु इंडस्ट्री के सवालों पर एक दिवसीय परिचर्चा की गई। इसमें पूरे प्रदेश से करीब 150 से ज्यादा लघु उद्योग से जुड़े उद्यमियों ने हिस्सा लिया, जबकि करीब 200 से ज्यादा लोग कार्यक्रम में ऑन लाइन जुड़े। इस दौरान पूरे प्रदेश से आए उद्यमियों ने प्रदेश में एमएसएमई को बढ़ावा देने और उनके कारोबार में आने वाली समस्याओं पर चर्चा की। इस दोरान पूरे प्रदेश से करीब 50 से ज्यादा महिला उद्यमियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

कार्यक्रम के शुरूआत में एसोसिएट चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ यूपी के अध्यक्ष एलके झुनझुन वाला ने मौजूदा परिस्थितियों में एमएसएमई की जरूरतों पर अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि सरकार को एमएसएमई के लिए लैंड बैंक बनाने की जरूरत है। भूमि लीज पर न दिया जाए, बैंक लोन लेने में भी दिक्कत होती है। सड़क और बिजली की व्यवस्था सरकार को करनी होगी। उन्होंने कहा कि उद्योग के लिए पूजीं कहां से आएगी इस बारे में भी बात करना जरूरी है। सरकार ने बहुत सी योजनाएं बनाई है, उसका लाभ नीचे तक पहुंचना चाहिए। बिक्री के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में बिक्री को बढ़ाना आवश्यक है, एमएसएमई को सफल ऐसे ही बनाया जा सकता है

10 पहले वाली समस्या आज भी है

सीमा के अध्यक्ष शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि एमएसएमई सोसायटी के ट्रू एंबेसडर है। बताया कि उद्योग बंधु के सामने 10 साल पहले जो समस्याएं थी वह आज भी जारी है। आज भी हम इंडस्ट्रियल इलाके में सड़क, बिजली और पानी की समस्या तक सीमित है। यहां आज भी सड़कें उसी स्थिति है। हमे उद्योग बंधु पर जवाबदेही तय करनी पड़ेगी। अगर यह जवाबदेही ठीक से होती है तो 80 फीसदी समस्याओं का समाधान निकल जाएगा। उन्होंने कहा कि नया बिंदु तब उठाए जब तक पुरानों की समस्याओं का समाधान न हो जाए। अगर हम लोगों को उचित मंच मिलेगा तो हम उद्यमी उम्मीद से 5 गुना ज्यादा निवेश लाने की क्षमता रखता है।

फायर के मानक सरल करने की मांग

शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि फायर के नियम ऐसे है कि छोटा उद्यमी जो 10 हजार स्कवायर फिट में अपना उद्योग शुरू करता है तो उसको पूरा करने में बहुत ज्यादा परेशानी होगी। उन्होंने बताया कि वह जिस सेक्टर में काम करते है उसमें उनका कारोबार 5 करोड़ रुपए के करीब है। लेकिन अगर फायर के नियम पूरी तरह से करने में जुट जाए तो 2 करोड़ रुपए का निवेश और चाहिए। ऐसे में एक छोटे कारोबारी के लिए यह करना मुश्किल है। फायर के नियम सरल करना होगा।

यूपी सीडा से परेशान कारोबारियों ने रखी बात

कानपुर से आए कारोबारी हरदीप राकड़ा ने बताया कि उनके यहां दो दशक पहले यूपी सीडा की तरफ से इंडस्ट्रियल इलाका डवलप किया गया है। लेकिन वहां सड़क से लेकर बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभी भी अभाव है। यहां तक की दो दशक पहले बनी एसटीपी में अभी तक बिजली कनेक्शन तक नहीं दिया गया है। उन्होंने बताया कि यूपी सीडा की स्थापना उद्योग को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। लेकिन यह लोग इंडस्ट्री को उजाड़ने में लगे है। अधिकारी इसको पूरी तरह से बर्बाद करने में लगा है। उन्होंने कहा कि हम एप्लॉयमेंट जनरेटर हैं उसके बाद भी आगामी पीढ़ी हमारे उद्योग को बढ़ाने के लिए तैयार नहीं है। बताया कि यूपीसिडा ने इंडस्ट्री में जात, पात बढ़ाया है, इंडस्ट्री चलाने वालों के बीच भेदभाव पैदा कर दिया, इंडस्ट्री को चलने दिया नहीं जाता है। उनकी बात को सूनने के बाद कार्यक्रम में मौजूद यूपी इंवेस्टर के अधिकारियों ने सरकार की तरफ से जल्द ही समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया।

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