SP Leader Death: साइकिल यात्रा के दौरान सपा के नेता रवि भूषण राजन का हार्ट अटैक से निधन, मेदांता में डॉक्टरों ने किया मृत घोषित

SP Leader Death: समाजवादी पार्टी की साइकिल यात्रा के दौरान पार्टी के नेता रवि भूषण राजन का निधन हो गया। साइकिल यात्रा के दौरान अचानक रवि भूषण राजन की तबीयत बिगड़ गई। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने उन्हें मेदांता में भर्ती कराया था। जहां उनकी मौत हो गई।

Newstrack :  Network
Update: 2023-10-30 11:05 GMT

SP Leader Death During Cycle Yatra (Photo: Newstrack)

SP Leader Death: समाजवादी पार्टी की साइकिल यात्रा के दौरान पार्टी के नेता रवि भूषण राजन का निधन हो गया। साइकिल यात्रा के दौरान अचानक रवि भूषण राजन की तबीयत बिगड़ गई। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने उन्हें मेदांता में भर्ती कराया था। जहां उनकी मौत हो गई। केकेसी के पूर्व छात्र अध्यक्ष रहे हैं रवि भूषण राजन की हार्ट अटैक से मौत की पुष्टि हुई है।

प्रयागराज से शुरू हुई थी यात्रा

सपा की पीडीए साइकिल यात्रा 9 अगस्त को संगमनगरी प्रयागराज से शुरू हुई थी। देश बचाओ-देश बनाओ थीम के साथ सपा मुखिया अखिलेश यादव ने यात्रा को हरी झंडी दिखाई थी। पिछले 82 दिनों में यह यात्रा 25 जिलों को कवर कर चुकी है। इस दौरान इसने करीब 5 हजार किमी का सफर तय किया।

प्रयागराज से निकलकर यह यात्रा यात्रा कौशाम्बी पहुंची, वहां से चित्रकूट, बांदा, फतेहपुर, रायबरेली, प्रतापगढ़, अमेठी, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, फैजाबाद, बस्ती, संतकबीर नगर, गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, गोंडा, बाराबंकी होते हुए आज यानी सोमवार को लखनऊ पहुंची। लखनऊ से उन्नाव, कानपुर और कन्नौज होते हुए साइकिल यात्रा मैनपुरी जाएगी। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर यह यात्रा 22 नवंबर को यादव परिवार के पैतृक गांव सैफई पहुंचेगी।

यात्रा का क्या है उद्देश्य ?

सपा नेताओं के मुताबिक, इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य जातिगण जनगणना की मांग है। अखिलेश यादव पिछले कुछ समय से लगातार अपनी सभाओं में इस मांग को उठाते रहे हैं। पीडीए का जिक्र भी वो इसी संदर्भ में करते हैं। इसके अलावा वरिष्ठ नेता आजम खान पर दर्ज झूठे मुकदमों को विरोध और दलितों, अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारा का विरोध भी यात्रा के उद्देश्यों में शामिल है।

क्या सफल हो पाएगी साइकिल यात्रा ?

अखिलेश यादव प्रदेश में पहले भी साइकिल यात्रा निकाल चुके हैं, जो सपा के लिए काफी कारगर साबित हुआ था। 2012 में विधानसभा चुनाव से ऐन पहले तत्कालीन मायावती सरकार के खिलाफ उन्होंने प्रदेशभर में साइकिल यात्रा निकाली थी, जो काफी सफल साबित हुई थी। अखिलेश की लोकप्रियता में भारी इजाफा हुआ और विधानसभा चुनाव में जब सपा को विराट जीत मिली तो सेहरा के उनके सिर बंधा। ऐसे में क्या अखिलेश अपनी पार्टी को दोबारा वैसी सियासी कामयाबी दिला पाएंगे, ये 2024 के नतीजे बता देंगे।

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