School Van Accident: घिस चुके टायरों पर दौड़ रही थी स्कूल वैन, बॉक्स की जगह पन्नी में बंधी मिली दवाइयां

School Van Accident: हादसे के बाद न्यूज़ट्रैक की टीम ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल और वैन की पड़ताल की। इसमें सामने आया है कि वैन में कई खामियां थी।

Update: 2024-08-09 14:16 GMT

हादसे के बाद वैन की हालत। Photo- Newstrack 

School Van Accident: शुक्रवार की सुबह जिस वैन के पलटने से 6 बच्चे घायल हुए उसके पीछे गाड़ी मालिक की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यह लापरवाही एक नहीं कई पैमाने पर हुई है। गाड़ी में लगे चारों टायर काफी पुराने थे, इन्हीं के फटने से वैन पलट गई और हादसा हो गया। जिसमें कुल 6 बच्चों को चोटें आई हैं। इनमें एक बच्ची की हालत गंभीर बनी हुई है। साथ ही फर्स्ट एड किट भी व्यवस्थित नहीं थी। 

घिसे हुए टायरों पर दौड़ाई जा रही थी वैन

वैन के घिसे हुए टायर बयां कर रहे लापरवाही की दास्तां। Photo- Newstrack 

हादसे के बाद न्यूज़ट्रैक की टीम ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल और वैन की पड़ताल की। इसमें सामने आया है कि वैन में कई खामियां थी। बरसात का सीज़न चल रहा है और वैन के चारों टायर घिसे हुए थे इसके बावजूद वैन बच्चों को लेकर फर्राटा भर रही थी। वैन में आगे का एक टायर और पीछे का एक टायर पूरी तरह से घिस चुका था। इन दोनों टायरों से निशान तक मिट चुके थे। साथ ही अन्य दोनों टायर भी काफी पुराने थे। बताया जा रहा है कि यह दोनों टायर मालिक ने सेकंड हैण्ड खरीदकर लगवा लिए थे। टायर की खराब स्थिति होने के चलते ही अगले हिस्से के दोनों टायर एक साथ फ़ट गए और यह हादसा हो गया।

कमर्शियल की जगह निजी वैन का इस्तेमाल

स्कूल में बच्चे ढोने के लिए कमर्शियल की जगह निजी वैन का इस्तेमाल हो रहा था। इसमें सफ़ेद पट्टी की नंबर प्लेट लगी हुई थी। इस वैन का नंबर UP 32 MU 6554 है। जबकि नियमानुसार व्यावसायिक कार्य के लिए सिर्फ पीली पट्टी (व्यावसायिक वाहन के लिए निर्धारित) का ही इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके बावजूद निजी वाहन का धड़ल्ले से कमर्शियल कार्य के लिए उपयोग किया जा रहा था।

बॉक्स की जगह पन्नी में बंधी रखी थी फर्स्ट एड किट

वैन मालिक और चालक की लापरवाही हर स्तर पर देखने को मिली है। शुक्रवार को हादसे के बाद पड़ताल में पता चला कि वैन में फर्स्ट एड बॉक्स भी नहीं था। बॉक्स की जगह एक पन्नी में कुछ पुरानी दवाइयाँ और रुई बांध कर रखी गई थी। इनमें में भी कई दवाइयां काफी पुरानी थी और रुई भी गंदी थी जिसके इस्तेमाल से चोट ठीक होने की जगह उसमें इन्फेक्शन होना तय था।

वैन में पन्नी में बंधी मिली दवाइयां और अंदर बिखरे कागज। Photo- Newstrack 

इनकी लापरवाही भी नहीं कम

इस हादसे में सरकारी जिम्मेदारों की लापरवाही भी कम नहीं रही। उक्त वैन रोजाना सुबह बच्चों को लेने और छुट्टी के बाद उन्हें छोड़ने अहिमामऊ चौराहा और एचसीएल चौकी को पार करती हुई जाती थी। इसमें अहिमामऊ चौराहे पर हर वक्त ट्रैफिक पुलिस तैनात रहती है लेकिन एक भी बार पुलिस ने वैन पर कार्रवाई नहीं की। यदि पुलिस वैन पर सख्ती करती तो वैन बच्चों को न ढो रही होती। जबकि एचसीएल पुलिस चौकी पर हर वक्त पुलिस रहती है उसने भी कोई कार्रवाई नहीं की। इसके अलावा आरटीओ के प्रवर्तन दल की भी नजर वैन पर नहीं पड़ी। वहीं, बच्चों के परिजनों ने भी निजी वैन में बच्चों को भेजने से गुरेज नहीं किया। इसका नतीजा शुक्रवार को हादसे के रूप में सामने आया।

रद्द हुआ वैन का पंजीयन, चालक और मालिक पर केस

हादसे के बाद आरटीओ प्रशासन संजय तिवारी ने बताया कि उक्त वैन का पंजीयन रद्द कर दिया गया है। अब वह वैन सड़क पर नहीं चल सकेगी। इसके अलावा सुशांत गोल्फ सिटी इंस्पेक्टर अंजनी कुमार मिश्रा ने बताया की माढ़रमऊ निवासी गाड़ी मालिक जितेंद्र और चालक सूरज के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। चालक को भी हिरासत में ले लिया गया है।

यह था मामला

शुक्रवार की सुबह एक निजी वैन गोमती नगर एक्सटेंशन स्थित सीएमएस स्कूल के बच्चों को लेकर उनके घरों से स्कूल जा रही थी। इस बात की पुष्टि वैन से मिले कागजों में हुई है। वैन में करीब एक दर्जन बच्चे बैठे हुए थे। रास्ते में अहिमामऊ चौराहे के वैन के दोनों टायर फट गए और वैन पलट गई। इस हादसे में आराध्या यादव, माही मौर्या, नंदिनी, अर्थ कनौजिया, सार्थक शुक्ल, आशुतोष गुप्ता को चोटें आई हैं। इनमें आराध्या को गंभीर चोटें हैं और उसका इलाज मेदांता अस्पताल में चल रहा है। जबकि बाकी बच्चे खतरे से बाहर हैं।

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