Lucknow University: तीन विदेशी शोधार्थियों ने पूरी की पीएचडी, पहली बार एक सत्र में हुआ ऐसा

Lucknow University: इंटरनेशनल सेल के निदेशक प्रोफेसर आरपी सिंह ने बताया कि एलयू ने 2014 से लेकर अब तक करीब 500 विदेशी छात्रों को स्नातक और परास्नातक की डिग्री प्रदान की है। लेकिन अभी तक पीएचडी की चार डिग्रीयां दी गई हैं। अब तीन नए छात्रों के जुड़ने से यह संख्या सात पहुंच गई है।

Report :  Abhishek Mishra
Update: 2024-07-29 12:30 GMT

Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय के तीन अंतरराष्ट्रीय छात्रों ने पीएचडी डिग्री के लिए अर्हता प्राप्त की है। इनमें से दो शोधार्थियों को पहले ही डिग्री प्रदान की जा चुकी है। तीसरे को जल्द ही डिग्री दी जाएगी।

एक सत्र में पहली बार तीन विदेशी छात्रों ने की पीएचडी

ऐसा पहली बार हुआ है कि है कि एलयू में एक शैक्षणिक वर्ष में तीन अंतरराष्ट्रीय छात्रों ने पीएचडी की डिग्री हासिल की है। सभी तीन छात्र अफगानिस्तान से हैं और उन्होंने मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास, अर्थशास्त्र, अंग्रेजी और आधुनिक यूरोपीय भाषाओं के विभागों से पीएचडी की है। इंटरनेशनल सेल के निदेशक प्रोफेसर आरपी सिंह ने बताया कि एलयू ने 2014 से लेकर अब तक करीब 500 विदेशी छात्रों को स्नातक और परास्नातक की डिग्री प्रदान की है। लेकिन अभी तक पीएचडी की चार डिग्रीयां दी गई हैं। अब तीन नए छात्रों के जुड़ने से यह संख्या सात पहुंच गई है।

वलीउल्लाह के चार शोध पत्र हुए प्रकाशित

अर्थशास्त्र में पीएचडी कर चुके अफगान छात्र वहीदुल्लाह हेमत ने बताया कि एलयू में शामिल होने से पहले मैं अफगानिस्तान के काबुल में कृषि, सिंचाई और पशुधन मंत्रालय के केंद्रीय कार्यालय में राजस्व प्रबंधन विभाग के प्रमुख के रूप में काम कर रहा था। पीएचडी के लिए नामांकन करने का फैसला किया क्योंकि इससे मुझे अपनी सेवाओं में अपना सर्वश्रेष्ठ देने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि मैंने इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली समेत स्कोपस-इंडेक्स्ड पत्रिकाओं में चार शोध पत्र प्रकाशित किए हैं। मैं अपने देश वापस जा रहा हूं। वहां के लोगों की भलाई के लिए अपनी ऊर्जा समर्पित करूंगा।

सलांगी ने अफगान गृह युद्ध पर किया शोध

अफगानिस्तान स्थित परवान प्रांत के सालांग जिले के रहने वाले एक अन्य अफगान छात्र मोहम्मद मुल्ला सलांगी ने मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास में पीएचडी की है। उन्होंने कहा कि मैंने अफगानिस्तान के गृह युद्ध (1989-2001) के बाहरी कारकों के ऐतिहासिक अध्ययन पर शोध किया। व्याख्याता रहे सालांगी बताते हैं कि एलयू अपने शोध और अच्छे शैक्षणिक माहौल के लिए अफगानिस्तान में बहुत प्रसिद्ध है। इसलिए मैंने यहां से पीएचडी करने का फैसला किया।

नंगरहार विवि में पढ़ाते हैं गुल

अफगानिस्तान के जलालाबाद के अहमद गुल को जिन्हें अगले सप्ताह अंग्रेजी और आधुनिक यूरोपीय भाषाओं के विभाग द्वारा पीएचडी से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने पश्तो महिला कविता में सामाजिक-सांस्कृतिक चिंताओं पर शोध किया है। वह नंगरहार विश्वविद्यालय में पढ़ाते हैं। गुल ने बताया कि अब तक हमारे विश्वविद्यालय में केवल एक स्नातक अंग्रेजी कार्यक्रम है। मेरे लौटने के बाद, हम अंग्रेजी में पीजी शुरू करेंगे।

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