World Homeopathy Day: मीठी गोलियों से जटिल बीमारियों का इलाज संभव, आज लोगों की पहली पसंद बनी ये पद्धति
World Homeopathy Day: होम्योपैथी में लक्षणों के आधार पर की गई चिकित्सा से स्थाई एवं बिना साइड इफेक्ट के इलाज से जन मानुष पूरी तरह संतुष्ट है।;
World Homeopathy Day: आज का दिन पूरे विश्व में विश्व होमियोपैथी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य होमियोपैथी चिकित्सा के बारे में जागरूकता फैलाना है। चिकित्सा पद्धति से मिल रहे लाभ से लोगों को अवगत कराने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। 'हर घर होमियोपैथी' थीम निर्धारित किया गया है। इस पद्धति के लाभ और प्रभाव को समझने के लिए ‘न्यूज़ट्रैक’ ने विश्व होमियोपैथी दिवस के अवसर पर होमियोपैथी चिकित्सकों से बातचीत की।
आज लोगों की पहली पसंद होम्योपैथी
नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर डॉ. नीरज जैन ने बताया कि वैज्ञानिक और शोध के प्रमाणों पर आधारित सभी प्रकार के नए एवं पुराने रोगों को पूर्ण रूप से ठीक करने वाली होम्योपैथी आज हर व्यक्ति की पहली पसंद बनी हुई है। इस सस्ती, सुलभ, स्थाई चिकित्सा पद्धति से बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अन्य चिकित्सा पद्धति में इलाज के दौरान कई साइड इफेक्ट देखने को मिलते है। वहीं होम्योपैथी में लक्षणों के आधार पर की गई चिकित्सा से स्थाई एवं बिना साइड इफेक्ट के इलाज से जन मानुष पूरी तरह संतुष्ट है। लोग अपने पूरे परिवार के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए प्रथम चिकित्सा पद्धति के रूप में पसंद कर रहे है।
मीठी गोलियों से गंभीर बीमारियों का इलाज संभव
होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज, ग्वालियर की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पूजा नायक ने बताया कि एलोपैथी में दवाओं के काफी साइड एफेक्ट्स हैं। यह दवाएं बाजार में मंहगे दामों में मिलती हैं। होम्योपैथी के माध्यम से जटिल से जटिल बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। इस पद्धति में सिर्फ मीठी गोलियों से इलाज संभव है। थीम के आधार पर हर घर होम्योपैथी पहुंचाने का संकल्प लिया गया है। उन्होंने कहा कि होम्योपैथिक दवाएं एलोपैथी के मुकाबले काफी सस्ती है। दवाओं को हर्बल प्रोडक्ट्स से बनाया जाता है जिससे इसमें कोई साइड एफेक्ट नहीं होता है। होमियोपैथी से सिर्फ एक विशेष अंग या बीमारी का इलाज नहीं होता। इससे संपूर्ण शरीर का इलाज होता है। ट्यूमर सहित कई बीमारियों का इलाज इस पद्धति से हो सकता है।
कोरोना में कारगर रही आर्सेनिकम एल्ब
डॉ. नायक ने बताया कि कोविड के दौरान होमियोपैथी की दवा को बचाव के तौर पर काफी उपयोगी पाया गया। सीसीआरएच द्वारा आर्सेनिकम एल्बम दवा को निवारक के रुप चुना गया। जिन लोगों को यह दवा बचाव के तौर पर दी गई। वह कोविड से कम संक्रमित हुए। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आर्सेनिकम का इस्तेमाल किया गया। पथरी के साथ रुमेटाइड अर्थराइटिस का इलाज भी इलाज होमियोपैथी पद्धति में होता है। होमियोपैथिक दवाओं का सेवन करते समय कुछ परहेज जरुरी हैं। ब्लैक कॉफी का सेवन हानिकारक हो सकता है। ज्यादा तेज सुगंध वाली कोई चीज़ न खाएं या पिएं। इसके साथ अधिक दवाओं का सेवन भी घातक हो सकता है।