Tirange Ka Apmaan: औरैया के डीएम ने फहराया उल्टा झंडा, वीडियो वारयल होने पर हुई किरकिरी

Tirange Ka Apmaan: औरैया जिले में 15 अगस्त के पावन पर्व पर जिला अधिकारी औरैया सुनील कुमार वर्मा ने जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट सभागार में ध्वजारोहण का आयोजन किया

Published By :  Divyanshu Rao
Update:2021-08-15 15:01 IST

भारता का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा (फोटो:सोशल मीडिया)

Tirange Ka Apmaan: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के औरैया (Auraiya) जिले में 15 अगस्त के पावन पर्व पर जिला अधिकारी औरैया सुनील कुमार वर्मा ने जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट सभागार में ध्वजारोहण का आयोजन किया। जिसमें जिला अधिकारी ने निर्धारित समय पर झंडे को फहराया। मगर वह शायद यह भूल गए की झंडे का आकार किस प्रकार का होता है और वह किस तरह से फहराया जाएगा।

इसी नादानी में उन्होंने उल्टे झंडे का ध्वजारोहण कर दिया और राष्ट्रगान गाकर अधीनस्थों को शपथ दिला दी। मगर जब एक कर्मचारी द्वारा गौर से इस राष्ट्रीय ध्वज को देखा गया तो उसने इसकी जानकारी जिला अधिकारी को दी। जानकारी होते ही जिलाधिकारी द्वारा सोशल मीडिया पर वायरल किए गए फोटो व वीडियो को आनन-फानन में तत्काल डिलीट कराया गया।

वीडियो वायरल होने के बाद झंडे को सीधा कराया

मगर तब तक काफी देर हो चुकी थी। लोगों ने यह पूरा वीडियो अपने मोबाइल में कैद कर लिया था। इसके उपरांत जिला अधिकारी सुनील कुमार वर्मा के हाथ-पांव फूल गए और उन्होंने आनन-फानन में झंडे को सीधा कराया उसके उपरांत उन्होंने फिर सोशल मीडिया पर फोटो दोबारा से वायरल किए गया और झंडा सीधा करके उनके द्वारा रोहण किया गया।

फहरता हुआ भारत का राष्ट्रीय ध्वज (फोटो:सोशल मीडिया)

सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ वीडियो

मगर तब तक यह उल्टे झंडे का ध्वजारोहण करने का वीडियो मीडिया पर वायरल हो चुका था। वीडियो वायरल होने के बाद पूरे जिले में जिला अधिकारी द्वारा उल्टे झंडे के ध्वजारोहण की चर्चाएं तेज हो गई। वहीं लोगों ने दबी जुबान से भी कहा कि यह वहीं जिला अधिकारी हैं। जिन्होंने भारत रत्न की तर्ज पर औरैया रत्न भी दिए जाने का कार्य किया है। और जिन लोगों को औरैया रत्न से सम्मानित किया गया है वह या तो व्यापारी हैं या फिर ऊंचे स्तर के अधिकारी हैं।

ऐसे में जिला अधिकारी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजमी था। वहीं कुछ चाटुकारों ने यह भी बयान जारी किया कि ध्वजारोहण जो उल्टे झंडे हुआ है वह सिर्फ एक ट्रायल था। मगर उन्हें शायद यह मालूम नहीं था कि ट्रायल के दौरान न तो शपथ दिलाई जाती है और न ही राष्ट्रगान होता है। वैसे वायरल वीडियो होने के बाद जिलाधिकारी के इस कारनामे की चर्चा जोर शोर से चारों ओर हो रही है।

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