Etawah News: इटावा पुलिस के पहरे में सामुदायिक शौचालय, भला करें भी तो कैसे?
इटावा जनपद में पुलिस थाने में बने लाखों रुपये की लागात से सामुदायिक शौचालयों में पुलिस के भय से शौचालय आने का साहस नहीं जुटा पा रहे ग्रामीण लोग।
Etawah News: इटावा जनपद में पुलिस थाने में बने लाखों रुपये की लागात से सामुदायिक शौचालयों में पुलिस के भय से शौचालय आने का साहस नहीं जुटा पा रहे ग्रामीण लोग, 98 फीसदी लोगों को तो इन शौचालयों के बारे जानकारी तक नही। चकरनगर इलाके के बीहड़ में बने एक नहीं बल्कि 2 थानों (चकरनगर, सहसों) थानों के अंदर सामुदायिक शौचालय बनवा कर प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रधानमंत्री की खुले में शौच मुक्त योजना का पलीता ही लगा दिया है। पुलिस को देख कर सहम जाने वाले आम जनमानस थाना परिसर में बने सामुदायिक शौचालय का भला कैसे प्रयोग कर सकते हैं। हालात तो इस कदर बदतर हैं कि इन दो थानों में महिलाएं तो क्या पुरुष भी जाने से कतराते हैं।
वहीं इस मामले में चकरनगर के एसडीएम सत्यप्रकाश ने कहा कि हो सकता हो की पहले जगह की अभाव में थानों के शौचालय बनवा दिए गए हों। आम जनमानस को डरने की जरूरत नहीं है वह इसका प्रयोग कर सकते हैं फिर भी ऐसा क्यों हुआ यह जांच का विषय है और अगर कोई शिकायत आती है तो अलग से शौचालय बनवाए जाएंगे।
इटावा में प्रशासनिक लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। जहां पर चंबल के बीहड़ इलाके चकरनगर ब्लॉक में दो थानों चकरनगर एवं सहसों में थाना परिसर के अंदर ही आम जनमानस के लिए बनाए जाने वाले सामुदायिक शौचालय थानों के अंदर ही बनवा दिए। यहां महिलाएं तो छोड़िए पुरुष भी थाना परिसर के अंदर बने इन शौचालयों का प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं।
भला करें भी तो कैसे?
भला करें भी तो कैसे? खाकी का डर लोगों के दिल और दिमाग में बैठा हुआ है तो भला शौचालय का प्रयोग करने थाने के अंदर कौन जाना चाहेगा चकरनगर थाने के पास ही तहसील एवं बड़ी संख्या में दुकानें हैं जहां तहसील परिसर भी पास में ही स्थित है। लेकिन थाने के अलावा कहीं भी सामुदायिक शौचालय नहीं है जिसके चलते प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में पुरुष एवं महिलाएं खुले में शौच करने को मजबूर हैं।
आम जनमानस के लिए शो पीस बने शौचालय
ऐसा ही कुछ हाल सहसों थाने का भी है वही ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस के डर से थाने में शौच के लिए नहीं जा सकते वहीं ग्रामीणों को यही नहीं मालूम है कि थानों में सामुदायिक शौचालय बने हुए हैं जिसके चलते लाखों रुपए की लागत से बने यह शौचालय आम जनमानस के लिए शोपीस बनकर रह गए हैं।
वहीं पुलिसकर्मी ही इन शौचालय का प्रयोग कर पा रहे हैं इस बारे में चकरनगर के एसडीएम सत्य प्रकाश का कहना है कि उन्होंने अभी चकरनगर का पदभार ग्रहण किया है उनकी जानकारी में है कि थानों में शौचालय बने हुए हैं अब यह किस कारण हुए हैं यह जांच का विषय है हो सकता है कि जगह की अभाव में थानों में शौचालय बनवा दिए गए हो अगर ग्रामीणों की तरफ से कोई शिकायत आती है तो इसकी कोई वैकल्पिक व्यवस्था देखी जाएगी।