Etawah News: सफारी पार्क में बढ़ रही काले हिरणों की संख्या, पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन रहे हिरण

Etawah News: इटावा में स्तिथ इटावा सफारी पार्क में मौजूद काले हिरण का बढ़ रहा कुनवा और इसी के साथ सफारी में आए पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं

Report :  Uvaish Choudhari
Published By :  Divyanshu Rao
Update: 2021-08-03 09:34 GMT

हिरण की तस्वीर 

Etawah News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के इटावा (Etawah) में स्तिथ इटावा सफारी पार्क में मौजूद काले हिरण (Black Bucks)का बढ़ रहा कुनवा और इसी के साथ सफारी में आए पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। सफारी के हिरण साल 2016 में कानपुर लाए गए 10 जोड़े काले हिरण और 10 जोड़े स्पॉटेड हिरणों का बढ़ा कुनबे की संख्या अब एक सैकड़ा से अधिक हो गई है। जिनमें से काले हिरण 75 से 80 के संख्या पर पहुंच चुके है वही स्पॉटेड हिरण 3 दर्जन से अधिक की संख्या में पहुंच चुके हैं।

इटावा की सफारी में शेरों के बाद अब सफारी पार्क में काले हिरणों की संख्या में इजाफा देख सफारी प्रशासन भी काफी खुश है।काले हिरण को इटावा सफारी पार्क खूब रास आ रहा है सुरक्षा और भोजन की प्रचुरता की वजह से इनकी बंस बेल बीते पांच साल में लगातार बढ़ रही है।

सफारी पार्क में साल 2016 में बीस काले हिरन लाए गए थे

इटावा सफारी पार्क में वर्ष 2016 में शुभारंभ में यहां बीस काले हिरन लाये जाने के बाद से अब तक चार गुना इनकी तादात हुई है। डीयर सफारी में इनकी उछलकूद देखने के लिए दर्शकों की भी संख्या में इजाफा होता जा रहा है। इस वन्य जीव की संख्या के साथ पर्यटकों के बढ़ाने से सफारी पार्क के अधिकारी भी उत्साहित हैं। 3 दिन पूर्व गुजरात के नेशनल पार्क के ट्विटर हैंडल द्वारा काले हिरणों के दौड़ते हुए झुंड का एक खूबसूरत वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किया गया था। जिसको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रीट्वीट करते हुए इनकी तारीफ की थी।

सफारी पार्क की सैर करते पर्यटक

सफारी पार्क में इस समय 5 सफारी हैं

इटावा सफारी पार्क में इस समय 5 सफारी हैं। जिसमें शेर, हिरण, लैपर्ड, एंटीलोप, भालू सफारी है। टाइगर सफारी, और वाटर पार्क का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। लेकिन किन्ही कारणों से दोनों प्रोजेक्ट रुके पड़े हैं। मिली जानकारी के मुताबित धन के अभाव में यह प्रोजेक्ट रुके पड़े है।

सफारी के रेंजर विनीत सक्सेना बताते है कि मादा काला म्रग गर्वधरण के पांच माह में बच्चे को जन्म देती है यही कारण है कि इनकी संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। काला मृग केंद्र सरकार के वन्य जीव अधिनियम 1971 के अंतर्गत सिड्यूल-1 श्रेणी के वन्यजीव है।

खुले मैदान में रहने के कारण इनका शिकार हो जाता है

ये खुले मैदानों में रहने के कारण इनका शिकार हो जाता है। इटावा सफारी पार्क में इनको संरक्षण के उद्देश्य से लाया गया था, काले म्रग को कृष्ण मृग भी कहा जाता है और यह अपनी खूबसूरती के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता है। इसका शिकार प्रतिबंधित है। वन रेंजर ने बताया कि इनके रहने के लिए अनुकूल व्यवस्था के चलते सफारी में इनकी संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, सफारी में ब्लैक बग, के साथ ही स्पॉटेड डीयरों की संख्या बढ़ रही है।

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