Farrukhabad News: एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल तीसरे तीन भी जारी, काम नहीं आई अधिकारियों की धमकी

फर्रूखाबाद में तीसरे दिन बुधवार को भी जिले भर के एंबुलेंस कर्मी हड़ताल पर रहे।

Report :  Dilip Katiyar
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update:2021-07-28 21:53 IST

प्रदर्शनकारी एंबुलेंस कर्मियों से वार्ता करते अधिकारी

Farrukhabad News: फर्रूखाबाद में तीसरे दिन बुधवार को भी जिले भर के एंबुलेंस कर्मी हड़ताल पर रहे। कर्मचारियों ने लोहिया अस्पताल परिसर में एबुलेंस खड़ी कर धरना प्रदर्शन किया। तीन दिनों से एंबुलेंस कर्मियों की चक्का जाम हड़ताल से मरीजों, गर्भवती को अस्पताल लाने में काफी दिक्कतें हुईं। लोग प्राइवेट एंबुलेंस, टेम्पो, बाइक आदि से मरीजों को अस्पताल लेकर पहुंचे। वहीं एंबुलेंस कर्मियों से चाबी जमा कराने पंहुचे नगर मजिस्ट्रेट अशोक कुमार मौर्य ने उन्हें जेल भेजने की धमकी दे डाली। इससे मामला और बिगड़ गया। जमकर हुए हंगामे के बीच एंबुलेंस कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष कश्मीर सिंह कनौजिया व महिला ईएमटी जूली की हालत बिगड़ गयी। उन्हें आनन-फानन जिला अस्पताल लोहिया में भर्ती कराया गया।

बता दे कि दूसरी कंपनी का टेण्डर होने के बाद 1200 एंबुलेंस कर्मियों को हटाने के विरोध में तथा एनएचएम में शामिल करने की मांग को लेकर जिले के सभी 108, 102 एंबुलेंस के कर्मी बुधवार को तीसरे दिन भी चक्का जाम हड़ताल पर रहे। एबुलेंस कर्मी लोहिया अस्पताल परिसर में एंबुलेंस खड़ी कर धरना, प्रदर्शन कर रहे हैं।


हक की लड़ाई को लड़ रहे एम्बुलेंस कर्मियों का प्रदर्शन जारी था। इसी बीच नगर मजिस्ट्रेट अशोक कुमार मौर्य, सीएमओ डॉ. सतीश चन्द्रा व लोहिया अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजकुमार गुप्ता, सीओ नितेश कुमार, शहर कोतवाल वेद प्रकाश पाण्डेय भारी पुलिस के साथ एंबुलेंस कर्मियों से वार्ता करने पहुंचे। अधिकारियों ने उनसे एंबुलेंस कर्मचारियों से एम्बुलेंस की चाबी जमा करने के लिए कहा। इस पर एंबुलेंस कर्मचारी तैयार भी हो गये चाबी सौपने का पत्र भी लिख लिया गया था, इसी बीच वार्ता के दौरान ही अधिकारियों ने कर्मियों को जेल भेजने की धमकी दी। इससे वह पुन: आक्रोशित हो गये और उन्होंने जमकर हंगामा किया। इसी बीच डॉ. राम मनोहर लोहिया जिला अस्पताल के सीएमएस राजकुमार गुप्ता एंबुलेंस कर्मचारियों का वीडियो बनाते नजर आए।

एंबुलेंस कर्मियों नें अधिकारियों के सामने उन्हें मिले कोरोना योद्धा सम्मान के प्रमाण पत्रों को आग के हवाले कर दिया। कर्मियों ने कहा कि जो सम्मान बेरोजगार कर दे, वह सम्मान नहीं चाहिए। नगर मजिस्ट्रेट से इस सम्बन्ध में वार्ता का प्रयास किया गया, लेकिन फिलहाल उन्होंने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया। उन्होंने बताया कि पूरी प्रक्रिया होने के बाद ही वार्ता की जायेगी।


वहीं दोबारा एंबुलेंस कर्मचारियों से बात करने पहुंचे मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सतीश चंद्रा ने एंबुलेंस कर्मचारियों को धमकी देते हुए कहा कि या तो वह हड़ताल वापस ले लें अन्यथा एस्मा के तहत 6 माह के लिए जेल जाने को तैयार हो जाएं। इस पर भड़के एंबुलेंस कर्मचारियों ने सीएमओ को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि वह सभी जेल जाने को तैयार हैं। लेकिन हड़ताल वापस नहीं लेंगे और न ही काम पर जाएंगे जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी।

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