Flood In Farrukhabad: गंगा किनारे बसे लोगों की उड़ी नींद, बाढ़ के कारण हो सकती है बड़ी तबाही

फर्रुखाबाद में गंगा नदी किनारे बसे गांव के लोग इस कदर लोग परेशान हैं कि वे लोग दिन रात पानी की निगरानी कर रहे हैं। रामगंगा नदी का जलस्तर 136.60 मीटर पर पहुंच गया जो कि चेतावनी बिंदु का निशान है।

Report :  Dilip Katiyar
Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-07-27 06:13 GMT

   फर्रुखाबाद में बाढ़ रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ा 

Flood In Farrukhabad: फर्रुखाबाद में गंगा नदी किनारे बसे गांव में इस कदर लोग परेशान हैं कि वे लोग रात दिन पानी की निगरानी कर रहे हैं। गंगा नदी का जलस्तर 136.60 मीटर पर पहुंच गया जो कि चेतावनी बिंदु का निशान है। रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़कर 135.75 पर पहुंच गया है। नरौरा बांध से गंगानदी में 51740, हरिद्वार से 72912, बिजनौर से 55503 क्यूसेक पानी पास किया गया है। खो, हरेली, रामनगर बैराज से 5550 क्यूसेक पानी भेजा गया है। यह पानी 15 घंटे के भीतर यहां आने की संभावना है। गंगानदी के चेतावनी बिंदु पर ठहरने से लोग इस कदर भयभीत हैं कि वे अपने आशियानों को तोड़ने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।

रामगंगा नदी का जलस्तर तेजी के साथ बढ़ रहा है। गंगा से अधिक रामगंगा के जलस्तर से लोग भयभीत हो रहे हैं। क्योंकि रामगंगा नदी का फैलाव अधिक नहीं है। यह यदि चेतावनी बिंदु तक पहुंची तो क्षेत्र में भारी तबाही हो सकती है। पिछले 24 घंटे में 25 सेंटीमीटर रामगंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोत्तरी हुई है। पानी का दबाव इस कदर बढ़ा है कि तेजी के साथ कटान हो रहा है और लोगों की जमीन भी देखते ही देखते नदी में समा रही है।

सैकड़ों ग्रामीण बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं

वहीं दूसरी तरफ कटरी इलाकों में अभी तक कोई मदद नहीं पहुंच रही है। जबकि सैकड़ों ग्रामीण बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। इससे ग्रामीण काफी परेशान हैं। साल दर साल बाढ़ की विभीषिका का सामना करने वाले ग्रामीण अब यह सोच रहे हैं कि इस विपदा से आखिर कब निजात मिलेगी।

अपने आशियानों को तोड़ने में जुटे लोग 

शमसाबाद तराई क्षेत्र में हालत यह है कि दर्जनों ग्रामीणों की फसल बाढ़ ने निगल ली है तो वहीं खेत भी नदियों में समा चुका है। गंगा किनारे बसे लोगों की कटान ने नींद उड़ा दी है। गंगापार और शमसाबाद क्षेत्र के करीब तीन दर्जन से अधिक गांव में पानी का दबाव बढ़ा है। गांव की ओर पानी का रुख अभी कम नहीं है। प्रशासनिक स्तर से मदद न मिलने से पीड़ितों में मायूसी है तो वहीं नरौरा समेत विभिन्न बांधों से पानी छोड़े जाने का सिलसिला जारी है।

जलस्तर और बढ़ा तो भारी नुकसान

शमसाबाद तराई क्षेत्र की बात करें तो दो दर्जन गांव की ओर अभी भी पानी का रुख तेजी के साथ बढ़ रहा है । ग्रामीणों की माने तो यदि जलस्तर और बढ़ा तो भारी नुकसान हो सकता है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 15 घंटो से पानी का दबाव कम नहीं हो रहा है। कई संपर्क मार्ग पानी की चपेट में आ गए हैं। पानी गांव की ओर पहुंच रहा है। कई गांव के गलियारों में पानी भर रहा है जिससे लोगों को दिक्कत उठानी पड़ रही है। ग्रामीणों ने बताया कि पहले से ही लोग गंगा की बाढ़ से बर्बाद हो चुके हैं।

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