UP Election 2022: क्या सीसामऊ में सपा को हैट्रिक लगाने से रोक पाएगी बीजेपी?

UP Election 2022: यूपी में भाजपा और सपा के बीच कांटे की लड़ाई देखी जा रही है। जिस वजह से हर सीट का महत्व बढ़ गया है। 2017 में चली बीजेपी की लहर के बावजूद सपा कुछ सीटों पर दमदार प्रदर्शन करने में कामयाब रही है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2022-01-26 11:30 GMT

यूपी विधानसभा चुनाव की तस्वीर (फोटो:न्यूज़ट्रैक)

UP Election 2022: आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा सूबा उत्तर प्रदेश में सत्ता के लिए निर्णायक जंग लड़ी जा रही है। हस्तिनापुर की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाली यूपी में भाजपा और सपा के बीच कांटे की लड़ाई देखी जा रही है। जिस वजह से हर सीट का महत्व बढ़ गया है। 2017 में चली बीजेपी की लहर के बावजूद सपा कुछ सीटों पर दमदार प्रदर्शन करने में कामयाब रही है। उन्हीं सीटों में शुमार है कानपुर नगर (Kanpur Nagar) की सीसामऊ विधानसभा सीट (Sisamau assembly seat)।

सीसामऊ का सियासी परिणाम

2017 में भयानक हार झेलने वाली सपा ने सीसामऊ सीट (Sisamau seat) पर बड़े अंतर से बीजेपी प्रत्याशी को धुल चटा लगातार दूसरी बार ये सीट जीतने में सफल रही। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के हाजी इरफान सोलंकी (Haji Irfan Solanki) ने 73 हजार से अधिक मतों से अपने निकटतम विरोधी भाजपा उम्मीदवार सुरेश अवस्थी (BJP candidate Suresh Awasthi) को हराया। इस सीट पर बसपा उम्मीदवार तीसरे स्थाना पर रहा। इससे पहले 2012 के विधानसभा चुनाव (2012 Assembly Election) में भी हाजी इरफान सोलंकी (Haji Irfan Solanki) ने भाजपा उम्मीदवार हनुमान स्वरूप मिश्रा को 19 हजार से अधिक मतों से चुनाव हराया। उनसे पहले ये सीट कांग्रेस के कब्जे में थी। कांग्रेस के संजीव दरियाबादी 2002 और 2007 में लगातार इस सीट से चुनकर विधानसभा पहुंचे थे। 1974 में अस्तित्व में आई इस सीट पर भाजपा पिछले 20 सालों से चुनाव नहीं जीत पाई है। यहां से 5 बार कांग्रेस और तीन बार बीजेपी के विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं।

सियासी समीकरण

सीसामऊ (Sisamau seat) में कुल 2,71, 413 मतदाता हैं। क्षेत्र की 70 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है। 2012 में परिसीमन में आए बदलाव के कारण ये सीट सपा के लिए मुफीद बन गई। बदली परिस्तिथियों में हाजी इरफान सोलंकी की किस्मत चमक गई। वो लगातार दो बार इस सीट से चुनाव जीतने में सफल रहे। क्षेत्र में उनके प्रभाव को देखते हुए सपा ने एक बार उन्हें अपना सिंबल देकर चुनाव मैदान में उतारा है। इरफान इससे पहले 2007 में भी समाजवादी पार्टी के टिकट पर आर्यनगर सीट से विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। सोलंकी के पिता स्वर्गीय हाजी मुस्ताक सोलंकी भी विधायक रह चुके हैं।

बीजेपी

वहीं 20 सालों से एक अदद जीत के लिए तरस रही बीजेपी (BJP) इस दफे इस सीट को किसी भी कीमत पर जीतकर यहां जीत का सूखा खत्म करना चाहती है। पार्टी ने इस बार यहां एक दिग्गज चेहरे पर दांव खेला है। जिस कारण ये सीट हाईप्रोफाइल हो गई है। बीजेपी ने विधान पार्षद और राज्य भाजपा के उपाध्यक्ष सलिल विश्नोई (State BJP Vice President Salil Bishnoi) को सपा के इस किले में सेंध लगाने की जिम्मेदारी सौंपी है। तीन बार विधायक रह चुके विश्नोई पर सपा की हैट्रिक का रास्ता रोककर यहां कमल खिलाने की बड़ी जिम्मेदारी होगी। सीसामऊ में 20 फरवरी को मतदान होगा। जबकि परिणाम 10 मार्च को आएंगे।

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