मुफलिसी से 'धनकुबेर' बनने तक का सफर, सलाखों के पीछे गए पीयूष जैन की कुछ ऐसी है दिलचस्प कहानी
पीयूष जैन के बारे में उनके शहर या गृहनगर कानपुर में अभी भी सब यही बताते हैं कि वह आदमी तो एक पुरानी स्कूटी की सवारी करता रहा है। उनका घर भी बेहद मामूली है। हालांकि, इस घर को हाल ही में फिर से बनवाया गया है।
Story of Piyush Jain : एक ऐसी शख्सियत जो देश के हर दूसरे आम भारतीय से मिलता-जुलता है। पहनावा, रहन-सहन भी बेहद आम। जीवनशैली और रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाले साधन चाहे वो स्कूटी हो या वर्षों पुरानी दो कारें। कहने का मतलब, कुछ भी ऐसा नहीं, कि आप उसे 'खास' कह सकते हों। मगर, वास्तविकता तो कुछ और है। वह खास ही नहीं 'बेहद खास' निकला। न यकीन हो, तो हाल के चार दिनों का अखबार उठा लीजिए, या न्यूज़ चैनल पर नजर दौड़ा लीजिए। पता चल जाएगा। यह शख्स इतना खास है, कि जब इसके यहां इनकम टैक्स विभाग ने संयुक्त छापेमारी की तो वहां से देश के इतिहास की सबसे बड़ी नकदी बरामद हुई। और, रातों रात यह व्यक्ति सुर्खियों में आ गया।
अब तक तो आप समझ ही गए होंगे। जी हां, हम बात कर रहे हैं इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain) की। आप इसे आम आदमी समझने की भूल आसानी से कर सकते हैं। मगर, जब इसके बेडरूम की दीवारें तोड़ी गई तो करोड़ों का कैश निकला। नोटों की गड्डियां इतनी की उसे गिनने में जुटी चार मशीनें थक गई, इस काम में लगे अधिकारियों के पसीने छूट गए, लेकिन मजाल कि नोटों का सिलसिला थमे। लेकिन, सबसे आश्चर्यजनक रहा इस शख्स जीवनशैली। जिसने उसके पड़ोस में रहने वाले, उसके घर की चौकीदारी करने वाले तक को शक नहीं होने दिया।
स्कूटी, पुरानी कारें, साधारण घर...कैसे शक हो?
पीयूष जैन के बारे में उनके शहर या गृहनगर कानपुर में अभी भी सब यही बताते हैं कि वह आदमी तो एक पुरानी स्कूटी की सवारी करता रहा है। उनका घर भी बेहद मामूली है। हालांकि, इस घर को हाल ही में फिर से बनवाया गया है। साथ ही, दो पुरानी कारें, जिससे पीयूष यदा-कदा निकलते थे। यही वजह रही, कि जब उनके घर से नकदी निकली, तो उनके पड़ोसी हैरान रह गए। वो स्तब्ध थे कि इतने साधारण तरीके से रहने वाले के घर में अकूत संपत्ति थी।
पड़ोसी तो सबसे ज्यादा दंग
पीयूष के घर के बगल में रहने वाले एक पड़ोसी आश्चर्य जताते हुए एक मीडिया वाले से कहते हैं, 'वह इत्र व्यवसाय में सिर्फ एक और व्यवसायी थे। बस, हमें इतना ही पता था। हमने कभी नहीं सोचा था, कि उनके घर में इतनी नकदी होगी। उन्होंने (पीयूष ने) कभी भी अपने पैसे का दिखावा नहीं किया। उनके जीने का ढंग और रहन-सहन ऐसा था, जैसा हर दूसरे मध्यमवर्गीय परिवार का होता है।'
रसायनज्ञ पिता से सीखा इत्र बनाना
बताया जाता है कि पीयूष जैन के पिता ज्यादातर पुश्तैनी घर कन्नौज में ही रहते हैं। जबकि, पीयूष और उनके भाई अमरीश कानपुर में रहते हैं। पीयूष जैन के पिता की पहचान रसायनज्ञ के रूप में रही है। पीयूष ने भी अपने पिता से ही इत्र और खाद्य पदार्थ बनाने की कला सीखी।
15 सालों में बदला लाइफस्टाइल
पीयूष जैन (52 वर्षीय) का जन्म कानपुर में शहर में ही हुआ था। उन्होंने कानपुर से ही अपनी शिक्षा-दीक्षा पूरी की। फिर, वो कन्नौज में अपने पारिवारिक इत्र के व्यवसाय से जुड़ गए। बावजूद उन्होंने अपना कानपुर प्रवास जारी रखा। जैन परिवार को जानने वाले लोग बताते हैं, कि बीते 15 सालों से पीयूष के परिवार के हालात बदल गए थे। कभी इनका परिवार एक-दो कमरों के छोटे से मकान में रहता था। हालांकि, पीयूष जैन के घरवाले कानपुर में ही रहते हैं। उनके पिता महेश चंद्र आज भी कन्नौज में ही रहते हैं। उनके परिवार की पहचान आज भी कन्नौज से ही है। इसलिए जब छापा पड़ा और मीडिया की सुर्ख़ियों में आए तो उन्हें 'कन्नौज का धनकुबेर' कहा जाने लगा।
कभी मुफलिसी में, आज बेशकीमती सम्पत्तियों के मालिक
कभी मुफलिसी में रहने वाले पीयूष जैन के पास 40 से ज्यादा कंपनियों का मालिकाना हक है। इनमें से दो कंपनियां मध्य एशिया (मिडिल ईस्ट) में हैं। कन्नौज में पीयूष जैन की इत्र फैक्ट्री (perfume factory), कोल्ड स्टोरेज (Cold Storage) और पेट्रोल पंप (Petrol Pump) भी हैं। वहीं, मुंबई में पीयूष जैन का हेड ऑफिस (Head office) है। इसके अलावा मुंबई में ही पीयूष का एक बंगला भी है। पीयूष जैन इत्र का व्यापार मुंबई से ही करते हैं। यहीं से इनका इत्र विदेशों में भी सप्लाय किया जाता है
पीयूष जैन क्यों रहे सुर्खियों में?
पीयूष जैन कानपुर के व्यापारी हैं। वह इत्र यानी परफ्यूम का कारोबार करते हैं। यह इनका पुश्तैनी धंधा है। पीयूष जैन उस समय चर्चा में आए थे जब 23 दिसंबर 2021 को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) ने उनके आवास पर छापा मारा था। छह दिनों तक चली कार्रवाई में पीयूष जैन के घर से करीब 200 करोड़ रुपए कैश बरामद हुए हैं। जबकि, 23 किलो सोना और बड़ी मात्रा में चांदी मिला है। इसके अलावा कई सम्पत्तियों के दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।
अब नया झमेला
पीयूष जैन अब सोने के स्मगलिंग केस में फंसता नजर आ रहा है। पीयूष के घर से बरामद से जब्त सोने की ईंटों को लेकर जांच एजेंसी को शक है, कि उसकी तस्करी की गई है। GST इंटेलिजेंस यानी (DGGI) को शक है, कि पीयूष जैन के घर से जो 23 किलो सोने की ईंटें और या बिस्किट मिली हैं, वो दुबई से मंगाई गई हैं। इसलिए पीयूष जैन की अकूत संपत्ति के तार अब गोल्ड स्मगलर्स से जुड़ते देखे जा रहे है। पीयूष जैन से जुड़ा मामला दिनोंदिन गंभीर होता जा रहा है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए डीजीजीआई विंग (DGGI) ने यह केस राजस्व खुफिया महानिदेशालय (DRI) को सौंप दिया है। दरअसल, DGGI की टीम को शक है, कि पीयूष जैन के कानपुर वाले घर से मिला सोना दुबई से तस्करी के जरिए लाया गया है। जांच एजेंसी को शक है, कि दुबई में सोने पर टैक्स नहीं है। इसलिए वहां से सोना तस्करी सबसे ज्यादा होती है। संभव है कि पीयूष जैन ने यही रास्ता अपनाया हो।