Piyush Jain Kanpur: क्या जांच एजेंसियों ने कर दी बड़ी चूक, कौन है पुष्पराज जैन और पीयूष जैन से क्या है नाता
पीयूष जैन को लेकर ये सवाल उठा है कि क्या जांच एजेंसियों ने बड़ी चूक कर दी है, क्योंकि समाजवादी इत्र बनाने वाले पुष्पराज जैन का इस प्रकरण से कोई कनेक्शन नहीं जुड़ रहा है।
Piyush Jain Kanpur Raid: इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर (perfume trader Piyush Jain) और फैक्ट्री परिसरों में आयकर छापों में अकूत संपदा के बाद अब भाजपा और उसके नेता यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी सहित तमाम नेता जहां समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) पर हमलावर हैं और कह रहे हैं कि लक्ष्मी को कैद करने वाले बेनकाब हो रहे हैं वहीं समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने पियूष जैन से किसी भी प्रकार के संबंध को स्पष्ट रूप से नकार दिया है।
ऐसे में यह सवाल उठा है कि क्या जांच एजेंसियों ने बड़ी चूक कर दी है, क्योंकि समाजवादी इत्र बनाने वाले पुष्पराज जैन का इस प्रकरण से कोई कनेक्शन नहीं जुड़ रहा है। ऐसे में कौन है पुष्पराज जैन और पीयूष जैन से क्या है नाता ये सवाल अहम हो जाता है।
पीयूष जैन के समाजवादी पार्टी से रिश्ते जगजाहिर
इस संबंध में मीडिया की टीमों ने भी जब अपने स्तर से छानबीन की तो यही पता चला कि दोनों जैन के बीच इस बात के अलावा कोई संबंध नहीं है कि दोनों इत्र कारोबारी हैं और एक ही मोहल्ले में रहते हैं।
कन्नौज के मोहल्ला छिपट्टी (Mohalla Chhippatti of Kannauj) के रहने वाले लोगों का भी यही कहना है कि दोनों एक ही जगह रहते जरूर हैं लेकिन इन दोनों के बीच कारोबारी समानता होने के बावजूद कोई संबंध प्रकट में नहीं रहे हैं। पुष्पराज जैन ने भी पीयूष जैन से कोई संबंध होने की बात को खारिज किया है।
मोहल्ले के लोगों का यह भी कहना है कि पुष्पराज जैन के जहां समाजवादी पार्टी से रिश्ते जगजाहिर हैं वहीं पियूष जैन के किसी भी राजनीतिक पार्टी से कोई रिश्ते साबित नहीं होते हैं।
समाजवादी इत्र से भी पीयूष जैन का कोई संबंध नहीं रहा है। यह बात खुद पुष्पराज जैन कहते हैं कि यह इत्र उन्होंने लाँच किया था। पुष्पराज जैन उर्फ पम्पी जैन का समाजवादी पार्टी से करीबी रिश्ता जगजाहिर है। लेकिन पीयूष जैन का तो किसी भी दल कोई रिश्ता साबित नहीं होता है।
पीयूष जैन का इत्र कारोबार से भी सीधा जुड़ाव नहीं है वह पान मसाला कंपनियों को सुगंध का कंपाउंड सप्लाई करते थे। ऐसे में एक बड़ा सवाल यह है कि उनके पास इतना अकूत धन कहां से आया किसने रखवाया। क्योंकि माली हालत ऐसी नहीं है जिससे यह मान लिया जाए कि यह पैसा उनका अपना था।