Russia Ukraine War: यूक्रेन में फंसे उन्नाव के छात्र, परिजनों का हाल बेहाल, जल्द वतन वापसी का दिया गया आश्वासन

Russia Ukraine Latest News: यूक्रेन में कई सारे भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। इनमें उन्नाव के भी दो छात्रों का नाम शामिल है। जिनकी अब तक वतन वापसी नहीं हो पाई है।

Report :  Naman Mishra
Published By :  Shreya
Update:2022-02-26 12:49 IST

यूक्रेन में फंसे छात्र (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Russia Ukraine Latest News: रूस से युद्ध के बीच यूक्रेन में कई सारे भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं। इनमें से बड़ी संख्या में भारतीय छात्र हैं, जो पढ़ने के लिए यूक्रेन गए हुए थे। इन स्टूडेंट्स में उन्नाव के भी दो छात्रों का नाम शामिल है। जिनकी अब तक वतन वापसी नहीं हो पाई है, जिससे इनके परिजनों का हाल बेहाल है। यूक्रेन में हो रहे ताबड़तोड़ हमलों से ये परिजन बेहद चिंतित हैं।

गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र के जाजमऊ चौकी अंतर्गत अखलाक नगर निवासी एक बाइस वर्षीय मेडिकल की छात्रा यूक्रेन में फंसी हुई है। मेडिकल छात्रा के परिजन काफी चिंतित हैं। सुबह से शाम तक परिजन फोन मिलाते रहे जिसके बाद शाम के समय छात्रा से बात हुई। जिस पर परिजनों को कुछ राहत मिली। वही परिजन बेटी को सुरक्षित घर लाने के लिए भारत सरकार से गुहार लगा रहे हैं। 

बेटी ने ली मेट्रो स्टेशन पर शरण

अखलाक नगर मोहल्ला के रहने वाले हाजी डॉक्टर नसीम की बाइस वर्षीय बेटी यासमीन फातिमा यूक्रेन में एमबीबीएस तृतीय वर्ष की छात्रा है। जनवरी माह में वह घर आई थी। जिसके बाद 2 फरवरी को मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए वह घर से यूक्रेन गई थी। जहां वह यूक्रेन के खरकीव शहर में बीएन कारजीन कॉलेज में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। इधर यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध होने के कारण वह वहीं फंस गई है। जिससे उसकी मां अर्शिया और छोटी बहन एमन उसके फंसे होने पर घर पर परेशान हैं। बेटी का हाल जानने के लिए पिता सुबह से फोन मिला रहे थे, लेकिन बेटी से बात नहीं हो सकी। शाम करीब 4:00 बजे किसी तरह बेटी से बात हुई। जिस पर उसने बताया कि यूक्रेन के प्रशासन ने कहा है कि मेट्रो स्टेशन या बंकरो में छिप जाए।

जिस पर वह अपने सहपाठियों के साथ मेट्रो स्टेशन पर शरण लिए हुए हैं। बेटी से बात होने पर परिजनों ने कुछ राहत ली, लेकिन बेटी को सकुशल अपने वतन वापस लाने के लिए परिजन बराबर भारत सरकार से गुहार लगा रहे हैं। यासमीन ने बताया कि पूरे स्टेट ऑफ में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। इसका असर समझना हमारे लिए मुश्किल है। एक-दो दिन में साफ हो सकेगा कि इसके अंतर्गत किन नियमों में सख्ती होगी। मार्शल लॉ लागू कर दिया गया है। जिससे हम लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि यहां पर क्या करना है, और क्या नहीं? फिलहाल तो मेट्रो स्टेशन पर साथियों के साथ ठहरे हुए हैं। वहीं उन्नाव डीएम रविंद्र कुमार और खुफिया पुलिस ने परिजनों से संपर्क किया है। 

जुमे की नमाज में बेटी के सकुशल लौटने की मांगी दुआ

शुक्रवार को जुमे की नमाज थी। जिस पर यासमीन के पिता हाजी डॉ नसीम ने जुमे की नमाज में बेटी के सकुशल वतन लौटने की दुआ मांगी है।

यासमीन ने भारतीय दूतावास से किया संपर्क

यासमीन के पिता ने बताया कि बेटी भारतीय दूतावास से लगातार संपर्क कर रही है और वापसी के बारे में जानकारी भी मांगी रही है लेकिन यूक्रेन का एयरपोर्ट ध्वस्त हो जाने के कारण हालात सामान्य होने तक वापसी का इंतजार करना पड़ेगा।

धमाकों से सहमी हुई है छात्रा

शाम करीब 4 बजे छात्रा यासमीन की परिजनों से बात हुई। जिस पर उसने बताया कि यूक्रेन और रूस के युद्ध के बीच हो रहे तेज धमाकों से वह और उसके सहपाठी सहमे हुए हैं। जिस पर परिवार चिंतित हो गया।

श्रुति की फाइल फोटो (फोटो साभार- सोशल मीडिया)  

यूक्रेन में पुरवा कस्बा की छात्रा भी फंसी

यासमीन के अलावा पुरवा कोतवाली क्षेत्र के नगर के पश्चिम टोला मोहल्ला की रहने वाली उन्नीस वर्षीय छात्रा भी यूक्रेन में फंसी हुई है। वह यूक्रेन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट रोबोट कमांडों की पढ़ाई करने गई थी। छात्रा के फंसे होने पर पिता ने पीएमओ ऑफिस व यूक्रेन में भारतीय दूतावास में फोन किया और पीएम ऑफिस तथा विदेश मंत्रालय में फोन कर मदद मांगी है। वही सभी जगहों से उसके सुरक्षित होने की बात बताई गई और शीघ्र ही देश भिजवाने की बात कही गई है।

पुरवा कस्बे के पश्चिम टोला मोहल्ला के रहने वाले अरुण गुप्त के दो बेटियां हैं। जिसमें बड़ी बेटी श्रुति 19 व छोटी बेटी पूजा 10 हैं। श्रुति पिछले एक साल से यूक्रेन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोट कमांडो की पढ़ाई करने यूक्रेन के कारशीव शहर गई थी। वहीं रहकर वह इंजीनियरिंग कर रही थी। छात्रा के पिता ने बताया कि सुबह बेटी से बात हुई थी।

बेटी ने बताया कि वह अपने अन्य छात्र व छात्राओं के साथ बंकर में सुरक्षित है और बहुत घबराई हुई है। छात्रा के पिता कुवैत में प्राइवेट नौकरी करते हैं तथा उसकी मां बिंदु और छोटी बहन पूजा केरल में अपने पैतृक आवास में रह ही है। गांव स्थित पैतृक घर में दादा अशोक गुप्त रह कर खेती-बाड़ी करते है तथा दादी कुट्टी नर्स पुरवा कस्बे में रहकर प्राइवेट डॉक्टरी करती है। 

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