माफिया डॉन ने जज पर लगाया पक्षपात का आरोप, कोर्ट ने बताया निराधार

Update: 2016-07-12 14:50 GMT

इलाहाबाद: माफिया डॉन बृजेश कुमार सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी देकर वाराणसी के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए मुकदमे को किसी अन्य अदालत में स्थानान्तरित करने की मांग की। हाईकोर्ट ने डाॅन की इस अर्जी को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया।

कोर्ट ने कहा, 'याची ने ऐसा कोई साक्ष्य नहीं दिया जिससे यह कहा जाए कि उनके खिलाफ हत्या के मामले की सुनवाई कर रहा जज पूर्वाग्रह से ग्रसित है।बृजेश सिंह का आरोप था कि जज के चैम्बर में गवाहों ने उनसे मुलाकात की। इस नाते उनके खिलाफ चल रहे हत्या के मुकदमे की सुनवाई किसी अन्य कोर्ट में स्थानान्तरित की जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रत्युष कुमार ने माफिया बृजेश कुमार सिंह की अर्जी पर दिया है।

क्या था मामला ?

-वाराणसी में 1986 में बलुआ थाना क्षेत्र, वर्तमान चंदौली जिला में हीरावती के पति, बच्चों और देवर सहित सात लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी।

-इस घटना को सिकरौरा नरसंहार के रूप में जाना जाता है। पुलिस ने हत्या आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया। जिस पर अपर सत्र

-न्यायाधीश प्रथम की अदालत में सुनवाई हो रही है। माफिया डान बृजेश भी इस मुकदमे में हत्यारोपी है।

'पक्षपातपूर्ण प्रतीत नहीं होता'

-हाईकोर्ट ने भी 18 नवंबर 2015 के आदेश से ट्रायल को 6 माह में पूरा करने का निर्देश दिया है।

-कोर्ट ने इस तर्क को नहीं माना कि सुनवाई कर रहा न्यायाधीश पक्षपातपूर्ण कार्य कर रहा है।

-क्योंकि उसके किसी आदेश से ऐसा प्रतीत नहीं होता।

-सुनवाई स्थगित करने की मांग अस्वीकार करने के पीछे हाईकोर्ट का निर्देश है जिसके तहत छह माह में ट्रायल पूरा करने का निर्देश दिया गया है।

-कोर्ट ने मुकदमे की सुनवाई अन्य न्यायाधीश को सौंपने की मांग में दाखिल अर्जी को बल हीन मानते हुए निरस्त कर दी है।

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