MahaShivratri Magh Mela: माघ मेला का अंतिम स्नान पर्व आज, महाशिवरात्रि के मौके पर उमड़ा जनसैलाब
MahaShivratri Magh Mela: संगम सहित अन्य प्रमुख स्नान घाटों पर से ही प्रातः काल से ही दूरदराज से आये स्नानार्थियों ने पवित्र जल में पुण्य की डुबकी लगाने का सिलसिला जारी है।
MahaShivratri Magh Mela: महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर शनिवार त्रिवेणी संगम पर श्रद्धालुओं का ताता लगा हुआ है। संगम सहित अन्य प्रमुख स्नान घाटों पर से ही प्रातः काल से ही दूरदराज से आये स्नानार्थियों ने पवित्र जल में पुण्य की डुबकी लगाने का सिलसिला जारी है। बता दें कि महाशिवरात्रि माघ मेले का अंतिम स्नान है और इसके बाद आज के बाद से माघ मेले का समापन हो जाएगा। पौराणिक मान्यता के अनुसार आज ही जीवन उत्पत्ति के लिए भगवान शिव ने लिंग रूप में अवतार लिया था। लोगों को बताया था कि जीवन उत्पत्ति किस तरह से होती है साथ ही आज उनका विवाह भी माता पार्वती के साथ हुआ था जिसको लेकर भी यह पावन पर्व मनाया जाता है।
उमड़ा आस्था का जनसैलाब
लोग बड़े ही प्रसन्नता से आकर गंगा स्नान करते हैं और भगवान का शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करते हैं। घाटों और मंदिरों पुलिस और प्रशासन की व्यवस्था भी चाक-चौबंद है। प्रयागराज के प्रमुख शिव मंदिर मनकामेश्वर नागवासुकि पाण्डेश्वर धाम मंदिर में श्रद्धालु संगम स्नान के बाद भगवान शिव की पूजा अर्चना करने मंदिर पहुंच रहे हैं। तीर्थराज प्रयाग में कई दुर्लभ शिवलिंग विराजमान हैं, जिनके दर्शन मात्र से ही मानव की हर मनोकामना पूरी हो जाती है।
संगम से चंद दूरी पर यमुना किनारे मनकामेश्वर महादेव की गिनती दुर्लभ ज्योतिर्लिगों में होती है। मान्यता है कि सतयुग में यह शिवलिंग स्वयं प्रकट हुए। भगवान शंकर कामदेव को भस्म करके यहां पर विराजमान हो गए। शिव पुराण, पद्म पुराण व स्कंद पुराण में इसका उल्लेख 'कामेश्वर तीर्थ' के नाम से है।
त्रेता युग में भगवान राम वनवास को जाते समय जब प्रयाग आए तो अक्षयवट के नीचे विश्राम करके इस शिवलिंग का जलाभिषेक किया। कहा जाता है कि यहां सच्चे हृदय से आने वाले भक्तों की कामना स्वत: ही पूरी हो जाती है। सुबह से ही भक्तों का हुजूम संगम के तट पर और शिव मंदिरों में देखने को मिल रहा है सुरक्षा की बात करें तो सुरक्षा के भी पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं।