Mahoba News: चार साल बाद मिला इसरार से किशन बना मासूम, साधु बना मुस्लिम परिवार के लिए फरिस्ता

Mahoba News: बच्चे को पाकर मुस्लिम परिवार के लोग खासे प्रसन्न है और साधु को धन्यवाद दे रहे है। इसरार से किशन बना मासूम अब अपनों के पास है।

Report :  Imran Khan
Update:2022-12-08 11:36 IST

चार साल बाद मिला इसरार से किशन बना मासूम (photo: social media )

Mahoba News: महोबा में सांप्रदायिक सद्भावना और मानवता का संदेश देता एक मामला सामने आया है। मदरसे से लापता हुए मुस्लिम लड़के को उसके परिजनों से एक साधु ने मिलाने का काम किया है। मुस्लिम परिवार के लिए साधु एक फरिस्ता बनकर सामने आया और उसने बिछड़े किशोर को उसके परिवार से मिला दिया। अपने बच्चे को पाकर मुस्लिम परिवार के लोग खासे प्रसन्न है और साधु को धन्यवाद दे रहे है। इसरार से किशन बना मासूम अब अपनों के पास है। महोबा के मदरसे से चार वर्ष पूर्व लापता हुआ 9 वर्षीय इसरार परिवार को किशन के रूप में मिला है।

आश्रम के महंत साधु ने परिवार की तलाश कर इसरार से किशन बने नाबालिग को उसके परिवार से मिला दिया जो साम्प्रदायिक सौहार्द को खराब करने वालों के मुंह पर बड़ा तमाचा है। साधु ने धर्मों से बढ़कर इंसानियत की बड़ी मिसाल पेश की, जिसकी हर कोई सराहना कर रहा है। दरअसल मध्यप्रदेश के छतरपुर जनपद के चंदला थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मनुरिया में रहने वाले मुबीन ने अपने सबसे बड़े 9 वर्षीय पुत्र इसरार और पुत्री नसरीन को महोबा शहर के शाहपहाडी रोड में संचालित मदरसे में पढ़ने के लिए भेजा था। जहां वर्ष 2019 में इसरार मदरसे में ही पढ़ने वाले गुफरान के साथ भाग गया। दोनों बच्चे ट्रेन से झांसी पहुंच गये जिसके बाद किसी तरह गुफरान तो वापस लौट आया लेकिन इसरार का कोई पता नहीं चला। पिता मुबीन और मां मुबीना अपने बच्चे की तलाश को लेकर महोबा शहर कोतवाली में आकर फरियाद करते रहे तो पुलिस ने भी गुमशुदगी दर्ज कर लापता इसरार की तलाश की मगर उसका कोई पता नही चल पाया। 4 वर्ष बीत जाने तक उसका कोई पता न चलने पर परिवार और पुलिस दोनो ही नाउम्मीद हो चुके थे, मगर अचानक एक साधु ने मुबीन के घर पहुँचकर उसे उसके खोए बच्चे से मिला दिया।

मुस्लिम परिवार के बिछड़े मासूम को मिलाया

बताया जाता है कि भटकते इसरार को जनपद जालौन के उरई में रहने वाला एक व्यक्ति अपने साथ ले गया। जिसका नाम उसने किशन रख दिया। उक्त व्यक्ति ने वर्ष 2020 में ढकोर थाना क्षेत्र के मोहम्दाबाद में सत्यानंन्द ब्रह्मचारी के आश्रम में अपना पुत्र किशन बताकर छोड़ दिया। जहां इसरार से किशन बना नाबालिग शिक्षा ग्रहण करता रहा और साधु सत्यानंन्द ब्रह्मचारी की सेवा में लगा रहा। बीती 4 नवंबर को अचानक आश्रम में आकर उक्त व्यक्ति बच्चे को लेकर कानपुर चला गया। इस बीच साधु बच्चे को तलाशता रहा। 15 दिन बाद जब उसे पता चला कि बच्चा उरई में है तो साधु उसे लेने पहुंच गया जहां उक्त व्यक्ति ने बच्चा देने से मना कर दिया और बताया कि बच्चे से मुझे काम कराना है वो मेरी संतान नहीं बल्कि एक मुस्लिम परिवार का खोया हुआ बच्चा है जिसके बाद साधु बच्चे से पूरी जानकारी लेकर मध्यप्रदेश के मनुरिया गांव पहुंचा और मुस्लिम परिवार के बिछड़े मासूम को मिलाया। साधु मुबीन और मुबीना के लिए मसीहा बन गया। अपने बच्चे को पाकर मां-बाप के चहेरे खिल उठे। जो अब बार बार साधु को धन्यवाद दें रहे है। वहीं परिवार ने पुलिस को खोए इसरार के मिलने की खबर दी। जिस पर पुलिस साधु सहित बच्चे और परिवार को कोतवाली ले आई है। जिसके बाद मासूम को चाइल्ड लाइन को सौपने कर बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। वहीं साधु सत्यानंद ब्रह्मचारी बताता है कि उसने एक बड़े पुण्य का काम किया है। बिछड़े मां-बाप से उसके पुत्र को मिलाकर उसने सही धर्म निभाया है।

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