साध्वी प्रज्ञा की उम्मीदवारी रद्द कराने कोर्ट पहुंचे मालेगांव धमाके में पीड़ित के पिता
सामाजिक कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला के बाद अब मालेगांव धमाके के पीड़ित के पिता ने महाराष्ट्र के एनआईए कोर्ट में याचिका दायर करके साध्वी की जमानत पर सवाल उठाए हैं।
नई दिल्ली: मालेगांव धमाके की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भोपाल सीट से बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बनाया है। इस ऐलान के बाद से ही साध्वी प्रज्ञा को चुनाव लड़ने से रोकने की कवायद शुरू हो गई है।
सामाजिक कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला के बाद अब मालेगांव धमाके के पीड़ित के पिता ने महाराष्ट्र के एनआईए कोर्ट में याचिका दायर करके साध्वी की जमानत पर सवाल उठाए हैं।
एनआईए कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि साध्वी प्रज्ञा को कोर्ट ने स्वास्थ्य कारणों के चलते जमानत दी थी, तो ऐसे में वह भोपाल से लोकसभा का चुनाव कैसे लड़ सकती हैं। पीड़ित के पिता ने मांग की कि कोर्ट साध्वी प्रज्ञा को 2019 का चुनाव लड़ने से रोकने के साथ ही इस मामले हाईकोर्ट के आदेशानुसार उन्हें (साध्वी प्रज्ञा) सुनवाई के दौरान कोर्ट के सामने प्रस्तुत होने का आदेश दिया जाए।
पीड़ित के पिता ने कहा कि प्रज्ञा ठाकुर को जमानत इस शर्त पर दी गई थी कि वह सुनवाई में हिस्सा लेंगी, लेकिन वह अपने आपको अस्वस्थ और स्तन कैंसर से पीड़ित बताकर सुनवाई में हिस्सा नहीं ले रही हैं। जबकि साध्वी विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा ले रही हैं और आपत्तिजनक भाषण दे रही हैं।
ईसी ने उम्मीदवारी पर रोक लगाने से किया इनकार
भोपाल लोकसभा से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर चुनाव आयोग(ईसी) ने अहम फैसला लिया है। आयोग ने उनकी उम्मीदवारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
आयोग ने यह भी कहा कि कानून के तहत साध्वी प्रज्ञा के चुनाव लड़ने पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। दरअसल, कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने के लिए चुनाव आयोग से मांग की थी।
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