मऊ: यूपी के मऊ में बिजली विभाग की लापरवाही के चलते एक गरीब की जान चली गई। पांच साल पहले कट चुकी बिजली का बिल इतना ज्यादा आया कि सदमें में आने से उसकी मौत हो गई।
यह भी पढ़ें... सिपाही ने CM अखिलेश को लिखा लेटर, लीक होने से मची खलबली
यूपी के सीएम अखिलेश यादव के अधिकािरयों ने विभाग पर एक्शन लेने के बजाय मृतक पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। घोसी के उपजिलाधिकारी सुरेंन्द्र दत्त सिंह कहते हैं कि कोई बिजली का बिल देख कर मरेगा ...? ज्यादा बिल अगर ऐसा था तो जनता दरबार था ...यहां अपनी शिकायत करता ...?
-बिल को देख सुभाष के होश उड़ गए। इसके बाद आएदिन विभाग के लोग बिल जमा करने के लिए दबाव बनाने लगे।
-वसूली के भय से घबरा कर सुभाष ने खुद को कमरे में बंद कर लिया।
यह भी पढ़ें... अखिलेश की ‘समाजवादी एंबुलेंस सेवा’ का सच, बाप ने कंधे पर ढोया बेटे का शव
-वहां का नजारा सन्न कर देने वाला था। मृत पति के शव के पास पत्नी चुपचान बैठी थी ।
-लोगों ने पुलिस को सूचना दी । पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
आगे की स्लाइड्स में पढ़िए पड़ोसी का आंखों देखा हाल...
-सुभाष ने वसूली के डर से अपने आप को घर में बंद कर लिया और अंदर ही उनकी मौत हो गई थी ।
-मोहल्ले के लोगों से सूचना मिलने पर हम लोग आए। दरवाज़ा खोला गया जहां सुभाष मृत थे।
-उनके शव से दुर्गंध आ रही थी और उनकी पत्नी गुमशुम लाश के पास बैठी थीं।
-पिता जी 99 हजार 366 रुपए का बिल देखकर घबरा गए थे। बिजली तो पांच वर्ष पहले ही कट गई थी।
-वहीं उप जिलाधिकारी सुरेंदर दत्त सिंह ने बिना जांच पड़ताल के कह दिया कि सुभाष बीमार था इसलिए उसकी मौत हुई ।
आस-पास के लोगों की मानें तो मृतक की पत्नी की दिमागी हालत भी ठीक नहीं थी।