कानपुर: यूपी सरकार ने पिछले दिसंबर में आगरा में विश्व पक्षी महोत्सव का आयोजन किया था। इसमें दुनिया भर से पक्षी प्रेमी जुटे थे। यूपी सरकार ने पिछले सप्ताह ही आंगन से लुप्त हो रही गोरैया को बचाने की भी अपील की, लेकिन उनकी अपील सरकारी विभागों तक लगता है, पहुंची नहीं। इसकी बानगी है कानपुर में घटी एक घटना, जहां एक युवक कुत्तों से बचाकर घायल बाज को लेकर चक्कर काटता रहा। इसके बावजू उसको कहीं भी कोई रहनुमा नहीं मिला।
बाज को नोच रहे थे कुत्ते
किदवई नगर ( के ब्लाक ) के पास एक बुरी तरह से घायल बाज को कुत्ते नोंच रहे थे। तभी वहां से गुजर रहे कार सवार दो युवकों ने बाज की जान बचाई। उसके बाद युवक घायल बाज को बचाने के लिए घंटो सरकारी विभागों में भटकते रहे, लेकिन कहीं से कोई मदद नही मिली।
सरकारी विभागों से भी मिली निराशा
शैलेन्द्र गुप्ता अपने दोस्त के साथ किदवई नगर काम से आये थे। घर लौटते वक्त किदवई नगर (के ब्लाक) के पास देखा की कुछ कुत्ते एक पंछी को नोच रहे है। शैलेन्द्र ने कुत्तों को भगाया। पास जाकर देखा तो वह पक्षी बाज था। घायल बाज की जान बचाने के लिए पुलिस कंट्रोल रूम, डीएम ऑफिस, वन विभाग को कई बार फोनकर सूचना दी लेकिन कोई मदद के लिए नही पंहुचा। सरकारी विभागों से सिर्फ निराशा हाथ लगी। लगभग तीन घंटो की मशक्कत के बाद जब कोई मदद नही मिली तो शैलेन्द्र बाज को एक निजी अस्पताल ले गये और घायल बाज का इलाज करा कर अपने घर ले गया।
सीएम अखिलेश से करेंगे इसकी शिकायत
शैलेन्द्र जब बाज को वानिकी प्रशिक्षण संस्थान ले गए तो कहा गया चिड़ियाघर जाओ। जब वहां संपर्क किया तो भी संतोषजनक जवाब नही मिला। वे इस बाज का उपचार कराकर अपने घर ले आए हैं। शैलेन्द्र कहते हें वे अपनी शिकायत सीएम को भेजेंगे ।