Mango Crop in UP: मौसम की मार से इस बार ढूंढे नहीं मिलेगी दशहरी, स्वाद चखने को तरस जाएंगे लोग

Weather Impact on Mango Crop : असामान्य गर्मी और आंधी के कारण उत्तर प्रदेश में आम की फसल को इस साल भारी नुकसान हुआ है। बागवानों का कहना है इस साल पैदावार 80 फ़ीसदी तक कम हो गया है।

Written By :  Ramkrishna Vajpei
Update: 2022-05-31 04:14 GMT

Mango Crop in UP (Image Credit : Social Media)

Mango Crop in UP: मार्च और अप्रैल में असामान्य गर्मी और मौसम (Weather) की मार के चलते मलिहाबाद की प्रसिद्ध दशहरी की पैदावार बुरी तरह प्रभावित हुई है। अखिल भारतीय आम उत्पादक संघ (All India Mango Producers Association से जुड़े बागवानों का कहना है कि उन्हें इस सीजन में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में आम की फसल में करीब 80 फीसदी का नुकसान हुआ है जिसमें मलिहाबाद की मशहूर दशहरी भी शामिल है।

आम उत्पादकों को हुए नुकसान का सीधा असर उनकी कीमतों पर दिखायी दे रहा है। इस सीजन में मंडियों में आम की कीमत 70 से 80 रुपये प्रति किलो से कम अब तक नहीं हुई है। आम उत्पादकों का कहना है कि 10 जून के आसपास डाल का पका आम बाजार में आने के बाद आम की कीमतें सौ रुपये तक जा सकती हैं।

गर्मी और आंधी ने फसल को पहुंचाया नुकसान

आम उत्पादकों का कहना है कि इस साल आम की फसल को शुरुआत में ही कड़ी गर्मी का सामना करना पड़ा, जबकि इतनी गर्मी की जरूरत पकने के दौरान होती है। जिसके चलते आम की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है। इसके अलावा बीच-बीच में आई आंधी ने भी फसल को नुकसान पहुंचाया।

बागवानों का कहना है कि इस वर्ष अच्छा आम जो कि आकार में बड़ा होता है और बेदाग होता है। इस साल बेहद कम हुआ है। आम के शौकीनों के लिए बुरी खबर यह है कि सामान्य सीजन में लगभग 40 लाख मीट्रिक टन पैदा होने वाला आम इस साल आठ से 10 लाख मीट्रिक टन के बीच पैदा होने का अनुमान है।

गर्मी का असर आम की सभी किस्मों पर पड़ा है। सहारनपुर, बिजनौर, हरदोई और अन्य सभी आम क्षेत्रों से ऐसी ही रिपोर्ट मिल रही हैं। आपको बता दें कि यूपी में कुल आम उत्पादन का 80% हिस्सा है, लेकिन जब इस पर मौसम का असर पड़ता है, तो आम की अन्य किस्मों का भी प्रभावित होना तय है। अगर बागवानों की बात को मानें तो आम का कम उत्पादन आम के निर्यात को प्रभावित करेगा। उन्हें अपनी लागत के अनुकूल अच्छी कीमतें नहीं मिलेंगी।

मलिहाबाद में आम की फसल को नुकसान

मलिहाबाद के एक बागवान ने बताया कि गर्मी के कारण आम के 'बौर' या फूलों का गुच्छा सूख कर झड़ गया। मोटे तौर पर एक आम का पेड़ हर दूसरे साल अच्छी मात्रा में फल देता है। अपने चक्र के अनुसार, यूपी में दशहरी का सबसे बड़ा उत्पादक मलिहाबाद आम का क्षेत्र अपने 'ऑफ ईयर' में है। उत्पादन पहले से ही कम था और मौसम ने एक और झटका दिया है। उन्होंने कहा कि जब आम में फूल आता है तो उस समय मौसम का बहुत अधिक असर पड़ता है। जरा सा मौसम खराब होने पर फूल खराब हो जाता है।

बागवान का कहना है कि विपरीत मौसम आम की फसल पर इसलिए और भी खराब असर पड़ा क्योंकि आम की फसल के शुरुआती दौर में जनवरी फरवरी में ठंड बहुत अधिक थी। जिससे बौर आने में समय लगा। फिर मार्च और अप्रैल में जबर्दस्त गर्मी ने बागवानों के नुकसान को और बढ़ा दिया।

उत्तर प्रदेश में लगभग चार लाख हेक्टेयर जमीन पर आम की फसल होती है। आंध्र प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश दूसरा सबसे बड़ा आम उत्पादक राज्य है जो कि दशहरी का सबसे बड़ा उत्पादक भी है। लेकिन इस बार आम खाने को लोग तरस जाएंगे।

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