सैयदराजा के पूर्व सपा विधायक मनोज सिंहः जनेश्वर मेरे गुरु, हारा अपनी चूक से

पूर्व विधायक एकदम विश्वास से कहते हैं कि इस बार शत प्रतिशत विधायक बनने जा रहा हूँ। यह मेरा ओवर कांफिडेंस नहीं है। सैयदराजा विधान सभा का विधायक बनने के बाद अपने से कोई भी काम नहीं करना है, इसके लिए सिर्फ जनता की राय लूंगा और उससे बिना पूछे कोई भी काम नहीं करूंगा।

Update: 2020-09-24 14:15 GMT
Manoj Singh, former SP MLA from Saiyadraja : Janeshwar my guru, lost by his mistake

रोशन मिश्र

2012 में, चन्दौली जनपद की माटी में सैयदराजा विधान सभा का नवसृजन होता है जहाँ से विधायक बनने के लिए एक से एक सूरमा अपने भाग्य को संवारने के लिए चुनावी दंगल में शामिल हो जाते हैं जिसमें पूर्वान्चल के प्रसिद्ध बाहुबली डान ब्रृजेश सिंह भी प्रगतिशील मानव समाज पार्टी से पहली बार चुनावी मैदान में ताल ठोंकते हैं। इन सारे सुरमाओं में हैदराबाद में व्यापार करने वाले एवं समाजवादी पार्टी युवजन सभा से राजनीति करने वाले चन्दौली के डबरियां निवासी मनोज सिंह ' डब्लू ' भी बतौर निर्दल प्रत्याशी चुनाव में कूद जाते हैं तथा बड़े ही रोचक मुकाबले में ब्रजेश सिंह को पराजित करते हुए नवसृजित विधान सभा क्षेत्र से प्रथम विधायक होने का सौभाग्य प्राप्त करते हैं।

2017 में किस्मत नहीं दिया साथ

सत्रहवीं विधान सभा (2017) में मनोज सिंह की किस्मत उनका साथ नहीं देती है तथा डान ब्रृजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह (बीजेपी) एवं बीएसपी के टिकट पर बाहुबली विनीत सिंह के साथ त्रिकोणीय मुकाबले में चुनावी शिकस्त का सामना करते हैं।

न्यूजट्रैक से बातचीत में मनोज सिंह ने बड़े ही अनुभवी ढंग से सारे प्रश्नों के उत्तर दिये। मनोज सिंह कहते हैं कि स्व. जनेश्वर मिश्र मेरे राजनैतिक गुरु थे तथा उनके सानिध्य में राजनीति का ज्ञान लिया। जनेश्वर मिश्र के वक्तव्य एवं व्यक्तित्व ने मनोज सिंह का राजनीति में पर्दापण करा दिया।

मनोज सिंह बताते हैं कि सपा में राजनीति का अनुभव तकरीबन पचीस वर्षों का है। मनोज सिंह हैदराबाद में लगभग तीन सालों तक समाजवादी युवजन सभा के जिलाध्यक्ष रहे। तीन - चार साल तक हैदराबाद में समाजवादी युवजन सभा के नगर अध्यक्ष रहे, आंध्र समाजवादी युवजन सभा के अध्यक्ष रहे।

2007 में, समाजवादी युवजन सभा के राष्ट्रीय सचिव घोषित हुए। 2009 में, हैदराबाद से चुनाव हारने के बाद, 2012 में चन्दौली जिले के नवसृजित सैयदराजा विधान सभा के पहले विधायक बने तथा 2018 में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव बने जो कि अभी तक उस पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

राजनीति में न आते तो...

पूर्व विधायक मनोज सिंह कहते हैं कि राजनीति में न आता तो अपना व्यापार करता एवं खेती करता। हल भी जोता हूं तथा आज ट्रैक्टर के जमाने में ट्रैक्टर भी चलाता हूं।

चुनाव के खर्च पर मनोज सिंह कहते हैं कि अब चुनाव बहुत महंगा हो गया है, नये लोगों के लिए बहुत कष्टदायक है। पिछले पचीस सालों में हम लोगों की पहचान बन चुकी है।

पूर्व विधायक कहते हैं कि समाजवादी पार्टी का काउण्टर खुला है लेकिन अन्य कुछ दलों में टिकट काउण्टर स्पष्ट नहीं है जहाँ मेरे जैसे लोगों के लिए राजनीति करना एकदम असंभव है।

स्व. राजनाथ यादव का संस्मरण

बातों ही बातों में मनोज सिंह भावुक होकर बीते दिनों का उदाहरण रखते हैं कि "सैदपुर के भूतपूर्व विधायक थे स्व. राजनाथ यादव। वो कहते हैं कि एक बार राजनाथ यादव किसी कार्यकर्ता को टिकट की पैरवी करने के लिए नेताजी मुलायम सिंह यादव के पास गये। उनकी बातें सुनकर नेताजी ने कहा कि राजनाथ जी आप पुराने कार्यकर्ता हैं तो आप अपने लिए क्यों नहीं टिकट मांग रहे हैं?

राजनाथ जी ने नेताजी से कहा कि मेरे पास पैसे नहीं है तो मैं कैसे चुनाव लडूंगा? तो इस पर नेता जी ने कहा कि तुम्हें चुनाव लड़ने के लिए कितने रूपये चाहिए?

इस पर राजनाथ जी बोले कि मैं पुराना जमीनी कार्यकर्ता हूं सिर्फ पांच लाख रुपये में चुनाव लड़ लूंगा। नेताजी ने कहा तुम्हें टिकट और पांच लाख रुपये दिए जाते हैं और इस तरह राजनाथ जी विधायक बन गए" यही असली समाजवाद है।

मुख्यमंत्री चयन की बैठक में रहा

मनोज सिंह कहते हैं कि निर्दल चुनाव जीतने के बाद सबसे पहले मैं समाजवादी पार्टी में शामिल हुआ मैं प्रदेश में पहला विधायक था जो मुख्यमंत्री पद के चयन की बैठक में शामिल था।

चुनाव सुधार के प्रश्न पर मनोज सिंह कहते हैं कि चुनाव आयोग के पास इतने नियम कानून एवं प्रतिबंध है कि जो चुनाव सुधार के लिए पर्याप्त हैं। चुनाव के बिगड़े स्वरूप के लिए आप और हम लोग ही जिम्मेदार हैं कोई और नहीं। चुनाव सुधार की नहीं स्वयं सुधरने की जरूरत है।

सरकार दोहरी नीति पर चल रही है

मनोज सिंह थोड़े रूठे मन से कहते हैं कि कश्मीर में शहीद हुए सैनिक कुलदीप जी को हम एम्बुलेंस से लेकर आए तथा उनको उचित सम्मान दिलाने के लिए धरना भी दिया। मेरे धरना देने के बाद ही कुलदीप जी को सम्मान मिला।

यदि मेरे धरना देने के बाद ही कुलदीप जी को सम्मान मिला तो इसका मतलब है कि मैं सही था, तथा जब मैं सही था तो मेरे ऊपर चार दिनों के बाद केस क्यों हुआ? अगर मैं गलत था तो फिर सम्मान नहीं मिलना चाहिए था तब मैं मानता हूं कि मैं गलत था। यह वर्तमान बीजेपी सरकार दोहरी नीति अपना रही है। " गाल भी फुला रही है और हंस भी रही है "!

मनोज सिंह ने कहा कि मेरे साथ कुछ और लोगों पर केस कर दिया गया है, लेकिन क्यों? अगर मैं गलत हूं तो मेरे धरने के 6 घण्टे बाद ही कुलदीप जी को सम्मान कैसे मिला? वो आगे कहते हैं कि " जिसकी लाठी उसकी भैंस "!

भयभीत जनता

मनोज सिंह जी बड़े ही बेबाकी से कहते हैं कि जनता की अपेक्षा जनप्रतिनिधियों के प्रति घट रही है। आज जनता सरकार से इस कदर भयभीत है कि कब उसे इनकम टैक्स का नोटिस भेज दिया जाए।

मै अपनी चूक से हारा

पूर्व विधायक आगे कहते हैं कि जो काम करता है उसे जनता प्यार देती है तथा जो जनप्रतिनिधि चुनाव हारता है यह उसकी चूक होती है और मैं भी अपने चूक की वजह से ही चुनाव हारा हूं।

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कुछ लोग काम पूरा करने में जुटे रहते हैं तथा जनता तक अपनी उपलब्धियां गिना नहीं पाते हैं जबकि कुछ लोग केवल जनता को गुमराह करने में विश्वास रखते हैं।

सुखद व दुखद क्षण

मनोज सिंह कहते हैं कि जिस दिन उनकी बेटी पायलट बनी वो उनके जीवन का सबसे सुखद क्षण था। फिर थोड़ा भावुक होकर कहते हैं कि जिस दिन उनके दादाजी गुजरे वो पहला दुखद क्षण था तथा जिस दिन उनके साले का देहान्त हुआ वो दूसरा दुखद क्षण है उनके लिए।

सामाजिक जीवन के साथ परिवार को देखना एवं 99 प्रतिशत समय जनता को देना, मनोज सिंह की प्रथम और आखिरी प्राथमिकता है।

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बदलाव के प्रश्न पर मनोज सिंह कहते हैं कि बदलाव प्रकृति का नियम है और यह सिर्फ राजनीति में ही नहीं बल्कि हर सेक्टर में हुआ है।

दलबदल के प्रश्न पर मनोज सिंह खुलकर कहते हैं कि हर आदमी का अपना स्वार्थ होता है तथा आज के समय में कुछ लोग छोटे लेवल पर मौसम विज्ञानी हो गए हैं जो राजनीतिक फायदे के लिए दलबदल करते हैं।

इस बार शत प्रतिशत जीतूंगा

अपनी उपलब्धियां गिनाने में पूर्व विधायक विश्वास नहीं करते हैं। मनोज सिंह स्पष्ट शब्दों में कहते हैं कि मेरे द्वारा शुरू किए गए कार्य राजनीति की भेंट चढ़ गए। पूर्व विधायक एकदम विश्वास से कहते हैं कि इस बार शत प्रतिशत विधायक बनने जा रहा हूँ। यह मेरा ओवर कांफिडेंस नहीं है। सैयदराजा विधान सभा का विधायक बनने के बाद अपने से कोई भी काम नहीं करना है, इसके लिए सिर्फ जनता की राय लूंगा और उससे बिना पूछे कोई भी काम नहीं करूंगा।

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