आगरा: दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल को चाहने वालों की दीवानगी ही ताज के लिए खतरनाक साबित हो रही है। जो ताजमहल वाह ! ताज कहने से मुस्करा उठता था अब वही ताज कराह रहा है। मुख्य मकबरे की फर्श कई जगह से खराब हो चुकी है।
सदियों से सैलानियों के कदमों तले घिस रहे सफेद संगमरमरी मकबरे की सीढ़ियों पर लकड़ियों का कवर तक चढ़ चुका है। इसलिए ताजमहल को लकड़ी से ढंकने का काम चल रहा है और यह काम इतने गुपचुप तरीके से हो रहा है कि लोगों को इस बात का इल्म तक नहीं है।
क्या है कारण
-ताजमहल को देखने हर दिन औसतन 30 हजार लोग पहुंचते हैं।
-उनके कदमों से ताजमहल की सीढ़ियाँ और फर्श लगातार घिस रहे हैं।
-संगमरमर को बचाने के लिए फर्श व सीढ़ियों को लकड़ी से ढंका जा रहा है।
-पहले लकड़ी का कवच चढ़ाने का काम सेंट्रल टैंक की सीढ़ियों पर हुआ था।
-रॉयल गेट के नीचे की तमाम सीढ़ियों पर लकड़ी का कवर चढ़ाया जा चुका है।
-लकड़ियों में संगमरमर जैसा सफेद रंग चढ़ाया जा रहा है।
-कवच पर सफेद रंग इसलिए किया गया है, जिससे यह स्माारक से अलग न दिखे।
-ताजमहल के लिहाज से यह स्थिति खतरनाक है, क्योंकि इससे पहले मुख्य मकबरे की सीढ़ियां भी बुरी तरह घिस गई थी।
-वहां भी हादसे रोकने के लिए लकड़ी का कवच चढ़ाया गया था।
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क्या कहना है गाइड का
-ताजमहल के गाइड मुन्ना बताते हैं कि मुख्य मकबरे की फर्श के संगमरमर भी लगातार घिस रहे हैं।
-पिछले 8 सालों में अब तक 10 फीसदी पत्थरों को बदला जा चुका है।
-संगमरमर से भी ज्यादा तेजी से लाल पत्थर घिस रहे हैं, जो पाथ-वे पर हैं।
-यहां के तकरीबन 40 फीसदी पत्थर बदले जा चुके हैं।
-अब इन संगमरमर को बदलना मुश्किल का काम हो रहा है, ऐसे में इसके ऊपर लकड़ी की परत डाली गई है।
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क्या कहना है भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग का
-नाम न लिखने की शर्त पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारी ने बताया कि ताजमहल के संगमरमर को बचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
-उन्होंने कहा कि पर्यटक भी चिकने संगमरमर के फर्श पर फिसल जाते हैं, इसलिए लकड़ी का कवच लगाना जरूरी हो गया था।