Jhansi News: मातृ मृत्यु दर को लेकर पूरी दुनिया में भारत की हालत चिंताजनक
Jhansi News: महिलाओं की सेहत के बारे में जागरूकता बढ़ाने में भारत काफी आगे है, खासकर प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं की सुरक्षा को लेकर यहां काफी बात की जाती है और इसी के मद्देनजर यहां नेशनल सेफ मदरहुड डे भी घोषित किया गया है।
Jhansi News: नेशनल सेफ मदरहुड डे 2023 है। इसके मद्देनजर गुरुग्राम के सी के बिरला हॉस्पिटल में ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी विभाग की डायरेक्टर डॉक्टर अंजलि कुमार ने महिलाओं की सेहत व सुरक्षा को लेकर विस्तार से जानकारी दी। महिलाओं की सेहत के बारे में जागरूकता बढ़ाने में भारत काफी आगे है, खासकर प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं की सुरक्षा को लेकर यहां काफी बात की जाती है और इसी के मद्देनजर यहां नेशनल सेफ मदरहुड डे भी घोषित किया गया है। जो महिलाएं गर्भवती होती हैं उनके लिए बहुत चिंता होती है, क्योंकि उन्हें अपनी सेहत के साथ-साथ बच्चे की भी फिक्र रहती है।
हार्मोनल चेंज और प्रेग्नेंसी के चलते महिला की मानसिक स्थिति पर भी काफी प्रभाव पड़ता है. उन्हें स्ट्रेस हो जाता है, डिप्रेशन, गुस्सा आना, मूड स्विंग होते हैं, लिहाजा इस स्थिति में महिलाओं की देखभाल करना बहुत जरूरी होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान और डिलीवरी के बाद महिला के लिए पोषक खाना, पर्याप्त नींद से लेकर दवाई और उनकी मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना काफी जरूरी होता है।
गर्भवती महिलाएं क्या खाएं
पोषण आहार की बात की जाए तो गर्भवती माताओं को गर्भावस्था के दौरान हर दिन एक अतिरिक्त भोजन का सेवन करना चाहिए। दूध और डेयरी उत्पाद जैसे दही, छाछ और पनीर, जिनमें कैल्शियम, पोषक तत्व और मिनरल्स अधिक होते हैं ऐसे पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इनके अलावा ताजे और मौसमी फलों व सब्जियां खानी चाहिए, जिनमें मिनरल और आयरन की मात्रा अधिक होती है। प्रोटीन की पूर्ति के लिए अनाज, सभी खाद्य पदार्थ, बीन्स और दाल खाएं। हरी सब्जियों में आयरन और फोलिक एसिड की मात्रा अधिक होती है, लिहाजा इसका भी सेवन करना चाहिए, जो शाकाहारी हों, उन्हें मुट्ठी भर (45 ग्राम) मेवे और दाल की कम से कम दो सर्विंग्स रोज लेनी चाहिए, इससे उनकी हर दिन की प्रोटीन की जरूरत पूरी हो जाएगी, जबकि जो नॉन वेज खाने वाली महिलाएं हों, वो मीट, अंडा, पोल्ट्री या सी-फूड के जरिए पर्याप्त प्रोटीन, विटामिन और आयरन की पूर्ति कर सकती हैं।
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समय पर चेकअप कराएं
हर गर्भवती महिला को बच्चे की डिलीवरी से पहले कम से कम चार चेकअप (ANC) कराने चाहिए। इसमें हाइपरटेंशन, डायबिटीज, एनीमिया और इम्यूनाइजेशन की जांच-पड़ताल होती रहनी चाहिए। उनका टीटी, आयरन, फोलिक एसिड और कैल्शियम चेक कराते रहना चाहिए। इसके अलावा मरीज की कंडीशन के हिसाब से डॉक्टर दवाइयां भी दे सकते हैं। डिलीवरी से पहले गर्भवती महिला के रेगुलर चेकअप बहुत जरूरी हैं। इससे न सिर्फ महिला की सेहत सही रहेगी बल्कि बच्चे को भी स्वस्थ बनाने में मदद मिलेगी।
लगातार चेकअप कराने से मां को भी डॉक्टर से कई तरह के सवालों को जवाब मिल जाते हैं, वो दर्द से लेकर डिलीवरी की बात पता कर लेती है, बच्चे को फीड कराने के बारे में जानकारी ले लेती है या कोई और भी समस्या होती है तो डॉक्टर से इस पर चर्चा हो जाती है। साथ ही गर्भवती महिलाओं को अपनी लाइफस्टाइल सुधारने में मदद मिलती है, उनकी मेंटल हेल्थ, डाइट को लेकर सलाह मिल जाती है। इसके अलावा शराब और धूम्रपान छोड़ने में डॉक्टर की सलाह काम आती है।