Madrasas in UP: मदरसा संचालकों को मिले नोटिस पर भड़के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी, जुर्माने को बताया गैर कानूनी

Madrasas in UP: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुफ्ती मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने बेसिक शिक्षा विभाग के नोटिस की आलोचना की है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2023-10-25 06:53 GMT

Madrasas in UP  (photo: social media )

Madrasas in UP: उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा विभाग के एक नए फरमान पर बवाल मचा हुआ है। विभाग की ओर से प्रदेश में चल रहे गैर – मान्यता प्राप्त मदरसों के संचालकों को नोटिस जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित होने वाले मदरसों को 10 हजार रूपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना देना होगा। बेसिक शिक्षा विभाग के इस नोटिस पर मुस्लिम समाज की ओर से तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुफ्ती मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने बेसिक शिक्षा विभाग के नोटिस की आलोचना की है। उन्होंने मदरसों पर जुर्माना लगाने के फैसले का विरोध करते हुए इसे गैर कानूनी बताया है। मौलाना शहाबुद्दीन ने गैर-पंजीकृत मदरसों का बचाव करते हुए कहा कि असल में सरकार ही इन मदरसों को मान्यता नहीं दे रही है।

समुदाय विशेष को बनाया जा रहा निशाना

इससे पहले भारतीय मुसलमानों का संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद भी शिक्षा विभाग के नोटिस का विरोध कर चुका है। संगठन के यूपी ईकाई के सचिव मौलाना जाकिर हुसैन ने कहा कि राज्य में केवल एक समुदाय विशेष को निशाना बनाने के लिए मदरसों को नोटिस देकर परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मदरसे छात्र को मुफ्त में शिक्षा दे रहे हैं, वे प्रतिदिन 10 हजार रूपये का जुर्माना नहीं भर पाएंगे।

क्या है नोटिस में ?

बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी नोटिस में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को तीन दिन में जरूरी दस्तावेज पेश करने के लिए कहा गया है। यदि वह दस्तावेज पेश नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। नोटिस में आगे कहा गया है, अगर मदरसे बिना मान्यता के चलते हुए पाए गए तो उन पर प्रतिदिन 10 हजार रूपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

मुजफ्फरनगर बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) शुभम शुक्ला ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि जिले में ऐसे मदरसों की संख्या करीब सौ से अधिक है, जो बिना मान्यता के चल रहे हैं। ऐसे मदरसा संचलाकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।


अवैध मदरसों की जांच कर रही एसआईटी

यूपी में 24 हजार मदरसे हैं, जिनमें से 16 हजार मान्यता प्राप्त और 8 हजार गैर-मान्यता प्राप्त हैं। गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों में चार हजार ऐसे हैं, जो विदेशी फंडिंग से चल रहे हैं। इनमें से अधिकांश मदरसे भारत-नेपाल सीमा पर संचालित हैं। आरोप है कि विदेशी फंडिंग से चल रहे ऐसे मदरसों में इस्लामी आतंकवाद या जबरन धर्मांतरण जैसी कट्टरपंथी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। यूपी सरकार ने इन आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।


दरसों को नोटिस दिए जाने पर दो विभाग पड़े

अवैध मदरसों को नोटिस दिए जाने पर अब सरकार के अंदर ही घमासान मच गया है। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए नोटिस पर मदरसा शिक्षा परिषद ने कड़ा ऐतराज जताया है। मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने सभी जिलों के डीएम को एक खत लिखा है। जिसमें शिक्षा विभाग द्वारा मदरसों को जारी किए गए नोटिस को नियम के विपरीत बताया गया है। खत में विस्तार बताया गया है कि मदरसों का निरीक्षण और उन्हें नोटिस जारी करने जैसे कार्य बोर्ड और उनके अधिकारियों के जिम्मे आता है न कि शिक्षा विभाग के तहत।

ऐसे समय में जब नोटिस को लेकर मुस्लिम समाज की ओर से तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है, तब सरकार के दो विभागों के बीच ही इस पर मतभेद उजागर होने से शासन की किरकिरी होना स्वाभाविक है।

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