Mayawati: क्या महंगाई और पुरानी पेंशन स्कीम होगा बीएसपी का चुनावी मुद्दा ? मायावती ने दिए संकेत

Mayawati: मायावती ने शनिवार को एक के बाद एक अपने दो ट्वीट में इन दो मुद्दों को लेकर केंद्र और यूपी की सरकार को घेरा है।

Update: 2023-04-08 14:48 GMT
Mayawati (photo: social media )

Mayawati: उत्तर प्रदेश में इन दिनों सियासी दल निकाय चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में व्यस्त हैं। तारीखों का ऐलान भले ही अभी न हुआ हो लेकिन प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने अपने दांव चलने शुरू कर दिए हैं। बीजेपी के हिंदुत्व + विकास और सपा की शूद्र पॉलिटिक्स के शोर के बीच अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बहुजन समाज पार्टी का चुनावी एजेंडा क्या होगा। ऐसे में बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने महंगाई और पुरानी पेंशन स्कीम जैसे मुद्दे को उठाया है।

मायावती ने शनिवार को एक के बाद एक अपने दो ट्वीट में इन दो मुद्दों को लेकर केंद्र और यूपी की सरकार को घेरा है। पूर्व मुख्यमंत्री अपने पहले ट्वीट में लिखती हैं, देश भर में आम लोगों के साथ-साथ सरकारी कर्मचारियों का जीवन भी बढ़ती हुई महंगाई से त्रस्त है। केन्द्र व यूपी सहित विभिन्न राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग लगातार ज़ोर पकड़ती जा रही है। बीएसपी की ये मांग है कि इसका समाधान होना चाहिए।

केंद्र और राज्य सरकार पर कसा तंज

बसपा प्रमुख मायावती ने अपने अगले ट्वीट में केंद्र और राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर तंज कसा है। उन्होंने लिखा कि महंगाई के साथ-साथ गरीबी, बेरोजगारी व पिछड़ेपन आदि की जटिल समस्याओं के प्रति केन्द्र व यूपी सरकार को सही नीयत व नीति के साथ काम करना चाहिए। ऐसी जनसमस्यायें भाषणबाजी से नहीं हल होती हैं, खासकर तब जब यूपी में डबल इंजन की सरकार में जनता डबल परेशान है।

महंगाई और पुरानी पेंशन स्कीम होगा बीएसपी का चुनावी मुददा !

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के इन ट्वीट्स के बाद राजनीतिक हलकों में इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं क्या बसपा आने वाले निकाय और लोकसभा चुनाव में महंगाई और पुरानी पेंशन स्कीम को मुद्दा बनाएगी। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को इसका फायदा मिल चुका है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे कांग्रेस शासित राज्यों में भी पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का ऐलान किया जा चुका है। यूपी में सरकारी कर्मचारिंयों की बड़ी संख्या है, ऐसे में मायावती के सोशल मीडिया पर आए बयान को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है।

दरअसल, 2012 में सपा के हाथों सत्ता गंवाने के बाद से यूपी में बसपा के दिन खराब चल रहे हैं। चुनाव दर चुनाव पार्टी का जनाधार सिकुड़ता जा रहा है। बीजेपी और सपा बसपा के कोर दलित वोटबैंक को अपने पाले में लाने की पुरजोर कोशिश कर रही हैं। ऐसे में मायावती महंगाई और पुरानी पेंशन स्कीम जैसे मुद्दों के जरिए क्या अपने वोट बैंक को रिसने से रोक पाएंगी, ये तो आने वाले चुनाव में स्पष्ट होगा।

Tags:    

Similar News