BSP Meeting: मायावती ने 'आकाश' को राजनीति से किया दूर, भाई पर भरोसा; मीटिंग में हुए ये बड़े फैसले
BSP Meeting: मायावती के भतीजे आकाश आनंद को बीएसपी के सभी पदों से हटा दिया गया है। इसके साथ ही पार्टी में दो नेशनल कोऑर्डिनेटर की तैनाती की गयी है।;
BSP Meeting: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने रविवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। राजधानी लखनऊ के माल एवेन्यू स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित बैठक में उत्तर प्रदेश, बिहार ,झारखंड, दिल्ली ,पंजाब, हरियाणा, तमिलनाडु, तेलंगाना ,आंध्र प्रदेश, झारखंड, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत बसपा के विभिन्य राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और पदाधिकारी शामिल हुए।
बैठक में एक अहम फैसला लिया गया है। मायावती के भतीजे आकाश आनंद को बीएसपी के सभी पदों से हटा दिया गया है। इसके साथ ही पार्टी में दो नेशनल कोऑर्डिनेटर की तैनाती की गयी है। मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार पर भरोसा जताते हुए उन्हें नेशनल कोऑडिनेटर बनाया गया है। इसके साथ ही रामजी गौतम को नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। यहीं नहीं बसपा प्रमुख ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि मेरे जीते जी और अंतिम सांस तक अब पार्टी में कोई भी मेरा उत्तराधिकारी नहीं होगा।
माना जा रहा है कि बसपा प्रमुख संगठन में और भी बड़े बदलाव कर सकती हैं। साथ ही बैठक में साल 2027 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की गयी है। बैठक में मायावती के भतीजे और बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद शामिल नहीं हुए थे। राजनीतिक गलियारों में बसपा की इस महत्वपूर्ण बैठक में आकाश आनंद के शामिल न होने के कई आशय लगाये जा रहे थे।
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों बसपा मुखिया मायावती ने आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। साथ ही बसपा प्रमुख मायावती ने हाल में ही भतीजे आकाश आंनद को भी चेतावनी दी थी। माना जा रहा है कि इन्हीं कारणों के चलते आकाश आनंद बसपा की बैठक में शामिल नहीं हुए। वहीं अब मायावती ने भी बड़ा फैसला करते हुए भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया है।
चुनाव दर चुनाव बीएसपी का ग्राफ़ गिरता जा रहा
बीते कुछ सालों में बहुजन समाज पार्टी का जनाधार लगातार घटता जा रहा है। चुनाव दर चुनाव बसपा का ग्राफ गिर रहा है। जोकि पार्टी के राजनीतिक भविष्य के लिए चिंता का विषय है। सबसे अहम बात तो यह है कि जो राज्य उत्तर प्रदेश बसपा का कभी मजबूत गढ़ हुआ करता था। आज हालात यह है कि उसी राज्य में बसपा का सियासी भविष्य संकट में आ गया है।
यूपी में बसपा का जनाधार लगातार घटता जा रहा है। वहीं आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आजाद यूपी में बसपा का विकल्प बनकर उभरे हैं। जिससे बसपा खतरे में आ गयी है। ऐसे में रविवार को पार्टी कार्यालय में हो रही बैठक में बसपा अध्यक्ष मायावती पार्टी को मजबूत करने और जनाधार को वापस पाने की रणनीति पर पदाधिकारियों के साथ विचार करेगीं।