Agneepath Scheme: मायावती ने मोदी सरकार को बताया अहंकारी, बोलीं अग्निपथ योजना को तत्काल बंद करें

आज सुबह ट्विट के माध्यम से बसपा सुप्रीमों मायावती ने अपनी राय रखते हुए कहा कि केन्द्र की अग्निपथ नई सैन्य भर्ती स्कीम देश की सुरक्षा व फौजी के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान से जुडी होने के बावजूद भाजपा नेतागण जिस प्रकार से अनाप-शनाप व अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं वह घोर अनुचित।

Update:2022-06-20 12:03 IST

बसपा प्रमुख मायावती (फोटो-सोशल मीडिया)

Agneepath Scheme: देश में अग्निपथ स्कीम को लेकर चल रही राजनीति और विरोध प्रदर्शन के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इसे केन्द्र सरकार का अनुचित कदम बताया है। उन्होंने इस स्कीम को तुरन्त बंद करने को कहा है। साथ ही यह भी कहा है कि भाजपा नेता इस मामले में अनाप शनाप बयान बाजी से बचें। उन्होेंने मोदी सरकार को अंहकारी भी कहा है।

आज सुबह ट्विट के माध्यम से बसपा सुप्रीमों मायावती ने अपनी राय रखते हुए कहा कि केन्द्र की अग्निपथ नई सैन्य भर्ती स्कीम देश की सुरक्षा व फौजी के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान से जुडी होने के बावजूद भाजपा नेतागण जिस प्रकार से अनाप-शनाप व अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं वह घोर अनुचित। जनता में भ्रम व सेना के लिए मुश्किलें पैदा करने वाली संकीर्ण राजनीति तुरन्त बंद हों।

उन्होंने कहा कि देश को अचंभित करने वाली नई 'अग्निपथ' सैन्य भर्ती योजना, सरकार द्वारा नोटबन्दी व तालाबन्दी आदि की तरह ही, अचानक व काफी आपाधापी में थोपी जा रही है, जिससे प्रभावित होने वाले करोड़ों युवा व उनके परिवार वालों में खासा आक्रोश है। सरकार इनके प्रति भी अहंकारी रवैये से बचे।


इससे पहले भी मायावती कह चुकी हैं कि यह योजना घोर अनुचित तथा गरीब व ग्रामीण युवाओं व उनके परिवार के भविष्य के साथ खुला खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि देश में लोग पहले ही बेरोजगारी गरीबी महंगाई एवं सरकार की गलत नीतियों व अहंकारी कार्यशैली से दुखी हैं ऐसे में सेना में नई भर्ती को लेकर युवा वर्ग में फैली बेचौनी अब निराशा उत्पन्न कर रही हैं सरकार तुरंत अपने फैसले को वापस ले।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने पिछले मंगलवार को एक बड़ी महत्वाकांक्षी योजना लांच की है। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत भारतीय युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में सेवा के लिए एक आकर्षक भर्ती योजना 'अग्निपथ' को मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अग्निपथ भर्ती योजना को लॉन्च करते हुए इसे क्रांतिकारी सुधार वाला कदम बताया है।

लेकिन इस योजना का देश के कई हिस्सों में विरोध हो रहा है।युवाओं को भारी निराशा हुई है। मात्र चार साल के लिए कोई भी युवा सेना में शामिल नहीं होगा, युवाओं का कहना है कि चार साल बाद उन्हे नौकरी से निकाल दिया जाएगा, जिससे वह फिर से बेरोजगार हो जाएंगे। युवाओं ने कहा कि वे लोग लंबे समय से सेना भर्ती की तैयारी कर रहे थे और आशांवित थे कि जल्द ही उन्हें नौकरी मिलेगी, लेकिन सरकार ने संविदा पर सेना भर्ती का निर्णय कर युवाओं के हितों पर कुठाराघात किया है।

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