Mayawati ने विपक्षी दलों की बैठक पर कसा तंज,कहा-दिल नहीं,सिर्फ हाथ मिलाने की रस्म अदायगी,यूपी में एकजुटता हुई मुश्किल

Mayawati News : बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने पटना में कल होने वाली विपक्ष की महाबैठक पर तंज कसा है।

Update: 2023-06-22 07:38 GMT
Mayawati (social media)

Mayawati News: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने पटना में कल होने वाली विपक्ष की महाबैठक पर तंज कसा है। इस बैठक में देश के कई प्रमुख विपक्षी दलों के नेता हिस्सा लेने वाले हैं जबकि मायावती ने इस बैठक से किनारा कर लिया है। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से 23 जून को पटना में आयोजित से विपक्षी नेताओं की बैठक 'दिल मिले ना मिले, हाथ मिलाते रहिए' की कहावत को चरितार्थ करने वाली है।

मायावती की इस टिप्पणी से साफ हो गया है कि वे विपक्ष की एकजुटता की इस मुहिम से पूरी तरह अलग खड़ी दिख रही हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की भूमिका सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होगी और ऐसे में मायावती का रुख सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव बैठक में हिस्सा लेने के लिए पटना जाने वाले हैं मगर मायावती के रुख से स्पष्ट हो गया है कि उत्तर प्रदेश में विपक्षी एकजुटता का सपना पूरा नहीं होने वाला है।

भाजपा और कांग्रेस पर बोला हमला

बसपा मुखिया ने आज किए गए अपने ट्वीट में कहा कि मौजूदा समय में देश महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, पिछड़ेपन, धार्मिक हिंसा और जातीय विद्वेष की समस्याओं से जूझ रहा है। बहुजन समाज की हालत खस्ता है और उनकी स्थिति में सुधार के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। बहुजन समाज की हालत से स्पष्ट है कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के मानवतावादी समतामूलक संविधान को सही तरीके से लागू नहीं किया गया है। भाजपा और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इन दोनों दलों में अंबेडकर के संविधान को सही ढंग से लागू करने की क्षमता नहीं है।

इसके साथ ही उन्होंने विपक्षी दलों की पटना बैठक को लेकर भी हमला बोला है। मायावती ने कहा कि पटना बैठक में विपक्षी दलों के नेता दिल मिलाने नहीं बल्कि हाथ मिलाने की रस्म अदायगी करने के लिए पहुंच रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से 23 जून को आयोजित होने वाली बैठक दिल मिले ना मिले, हाथ मिलाते रहिए की कहावत को चरितार्थ करने वाली लगती है।

चुनावी तैयारी के लिए महत्वपूर्ण बैठक

मायावती इन दिनों उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई हैं। इस सिलसिले में उन्होंने बुधवार को लखनऊ में बड़ी बैठक भी की थी। इस बैठक के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि महंगाई जैसे मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए भाजपा सरकारें जानबूझकर लव जिहाद और हिजाब की राजनीति कर रही हैं। धार्मिक विवाद पैदा करके सियासी मकसद पूरा करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र और भाजपा की राज्य सरकारों को इससे बनाने से बचना चाहिए।

इस दौरान उन्होंने पार्टी नेताओं के साथ आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान अपनाई जाने वाली चुनावी रणनीति पर भी गंभीर मंथन किया। उन्होंने कहा कि चुनाव समय से पहले भी कराए जा सकते हैं। इसलिए पार्टी पदाधिकारियों को अभी से ही चुनावी तैयारियों में जुट जाना चाहिए।

यूपी में विपक्षी एकजुटता पर उठे सवाल

पटना में होने वाली विपक्ष की बैठक में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी हिस्सा लेने वाले हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी भी इस बैठक में हिस्सा लेंगे। मायावती और रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने इस बैठक से किनारा कर लिया है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में विपक्षी एकजुटता को लेकर सवाल भी उठाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में बसपा को भी बड़ी सियासी ताकत माना जाता रहा है मगर मायावती अलग रास्ते पर चलती हुई दिख रही हैं।

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