Meerut: 'जाम की वजह' को शहर से बाहर करने की कवायद में जुटे BJP MP, CM योगी को फिर लिखा पत्र

सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने शहर में लग रहे जाम की वजह इन्हीं बस अड्डों को बताया है। उन्होंने बस अड्डों को शहर से बाहर शिफ्ट कराने के लिए सीएम योगी को बाकायदा एक पत्र लिखा है।

Report :  Sushil Kumar
Published By :  aman
Update:2022-04-09 18:45 IST

सीएम योगी और सांसद राजेंद्र अग्रवाल (फाइल फोटो)  

उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर (Meerut City) के दिल्ली रोड (Delhi Road) स्थित रोडवेज भैंसाली बस अड्डे और गढ़ रोड स्थित सोहराब गेट बस अड्डों को शहर से बाहर करने की कवायद फिर तेज हो गई है। स्थानीय सांसद राजेंद्र अग्रवाल (MP Rajendra Agarwal) ने शहर में लग रहे जाम की वजह इन्हीं बस अड्डों को बताया है। उन्होंने बस अड्डों को शहर से बाहर शिफ्ट कराने के लिए सीएम योगी को बाकायदा एक पत्र लिखा है।

भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने शनिवार, 9 अप्रैल को इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया, कि मेरठ शहर की आबादी करीब 20 लाख है। इसकी गिनती देश के बड़े व्यावसायिक शहर में होती है। पश्चिमी उप्र के अन्य शहरों सहित उत्तराखंड के लोगों का यहां आना-जाना लगा रहता है।

सीएम योगी को लिखी चिट्ठी   

सांसद ने कहा शहर की सड़कों पर यूं ही वाहनों का दबाव रहता है। उस पर रोडवेज की बसों ने तो स्थिति और बदतर कर दिया है। दिल्ली रोड पर भैंसाली बस अड्डा और गढ़ रोड पर सोहराब गेट बस अड्डा के चलते मुख्य सड़कों पर बसों का आवागमन हर समय रहता है। इतना ही नहीं बस अड्डों तक पहुंचने के लिए कार, ऑटो और रिक्शा के मूवमेंट से भी सड़कों पर जाम लगता है। सांसद के अनुसार, उन्होंने ये सारी बातें मुख्यमंत्री को पत्र में लिखी है। 

सीएम से दूसरी बार किया अनुरोध  

सांसद अग्रवाल ने दिनोंदिन बढ़ रहे प्रदूषण का हवाला भी दिया है। उन्होंने कहा, कि दोनों बस अड्डों तक पहुंचने के लिए वाहनों के आवागमन से भारी भीड़ तो होती ही है, वायु प्रदूषण भी होता है। बीजेपी सांसद ने वर्तमान स्थिति के मद्देनजर बस अड्डों को मेरठ के कारोबार के नजरिए से नुकसानदेह बताया। बता दें, कि स्थानीय सांसद द्वारा लिखा गया यह दूसरा पत्र है। बस अड्डों को शहर से बाहर शिफ्ट करने के लिए इससे पहले 30 अगस्त 2019 को उन्होंने सीएम योगी को पत्र लिखा था।

रोडवेज अधिकारी आरोपों को ख़ारिज कर रहे

वहीं, रोडवेज अधिकारी बस अड्डों को जाम की मुख्य वजह मानने के आरोपों से सहमत नहीं हैं। उनका कहना है, कि दिल्ली रोड स्थित रोडवेज की क्षेत्रीय कार्यशाला और अधिकारी आवास की जमीन पर रैपिड रेल वर्कशॉप बनाई जा रही है। रोडवेज कार्यशाला को पहले ही शहर से बाहर शिफ्ट किया जा चुका है। इससे अब खराब बसें वर्कशाप में नहीं आ पाएगी। भैंसाली अड्डे पर यात्री बसें ही आ पाएगी। इससे जाम की समस्या हल होगी। इसके साथ ही रैपिड रेल स्टेशन होने के चलते भैंसाली बस अड्डा यात्रियों के लिए जरूरी है। रैपिड स्टेशन यहां अंडरग्राउंड प्रस्तावित है।

'मेरठ महायोजना 2021' के तहत है प्रस्तावित 

'मेरठ महायोजना 2021' के तहत रोडवेज बस अड्डों को शहर से बाहर किया जाना था। लेकिन, इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ। पिछले पांच साल से बस अड्डों को बाहर करने की मांग उठती रही है। मामला एनजीटी (NGT) और हाईकोर्ट (High Court) तक जा चुका है। प्रदेश सरकार ने सोहराब गेट बस अड्डे को पीपीपी योजना के अंतर्गत विकसित करने को मंजूरी दे रखी है। तीन मंजिला बस अड्डे में जहां ग्राउंड फ्लोर से बसों का संचालन होगा। वहीं, पहली मंजिल पर विभागीय कार्यालय बनाया जाएगा। दूसरी और तीसरी मंजिल पर मॉल का निर्माण किया जाना है।

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