Aligarh News: AMU कश्मीरी छात्रों ने निकाला कैंडल मार्च, जम्मू-कश्मीर में 17 मौतों की उच्च स्तरीय जांच की मांग

Aligarh News: कैंडल मार्च में शामिल एएमयू में शिक्षा हासिल करने वाले कश्मीरी छात्रों ने बताया पीर पंजाल के आदिवासी समुदाय लंबे समय से हाशिए पर हैं । बुनियादी स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कानूनी सुरक्षा तक उनकी पहुँच सीमित है ।;

Update:2025-01-30 09:43 IST

AMU कश्मीरी छात्रों ने निकाला कैंडल मार्च  (photo: social media )

Aligarh News: मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में पढ़ने वाले जम्मू और कश्मीर के छात्र, जम्मू और कश्मीर के बुधल क्षेत्र में 17 व्यक्तियों की दुखद और रहस्यमय मौतों पर गहरी पीड़ा के साथ यह मेमोरेंडम राष्ट्रपति के नाम यूनिवर्सिटी प्रॉक्टर को दिया है ।

प्राप्त जानकारी के अनुसार एएमयू रिसर्च स्कॉलर ने बताया इन मौतों के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है, जिससे प्रभावित समुदायों, विशेष रूप से पीर पंजाल क्षेत्र के आदिवासी निवासियों, जो मुख्य रूप से खानाबदोश पृष्ठभूमि से आते हैं के बीच संकट और भय का माहौल है ।

एक उच्च-स्तरीय जांच इन असामयिक मौतों के पीछे के सटीक कारणों का पता लगाने और यदि कोई गड़बड़ी शामिल है तो जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने के लिए एक निष्पक्ष और गहन जांच , शोक संतप्त परिवारों के लिए मुआवज़ा प्रभावित परिवारों को उनके विनाशकारी नुकसान से उबरने में मदद करने के लिए पर्याप्त वित्तीय राहत , खानाबदोश जनजातियों के लिए स्वास्थ्य बीमा: इन हाशिए पर पड़े समुदायों को भविष्य के संकटों से बचाने के लिए मुफ़्त स्वास्थ्य सुविधाओं और बीमा कवरेज के लिए विशेष प्रावधान, फर्जी क्वारंटीन प्रथाओं से मुक्ति: पीर पंजाल क्षेत्र के कई आदिवासी निवासियों को अनुचित प्रतिबंधों और मनमाने क्वारंटीन उपायों का सामना करना पड़ता है, जिससे सामाजिक और आर्थिक कठिनाइयाँ होती हैं । हम इन नीतियों की तत्काल समीक्षा करने का अनुरोध करते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन न हो ।

पीर पंजाल के आदिवासी समुदाय लंबे समय से हाशिए

कैंडल मार्च में शामिल एएमयू में शिक्षा हासिल करने वाले कश्मीरी छात्रों ने बताया पीर पंजाल के आदिवासी समुदाय लंबे समय से हाशिए पर हैं । बुनियादी स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कानूनी सुरक्षा तक उनकी पहुँच सीमित है । उपेक्षा और सक्रिय शासन की कमी के कारण उनकी दुर्दशा और भी बदतर हो गई है । यह ज़रूरी है कि भारत सरकार इस मानवीय संकट को दूर करने के लिए त्वरित और ठोस कदम उठाए ।

हमें न्याय और सभी नागरिकों के कल्याण के प्रति आपकी प्रतिबद्धता पर भरोसा है और उम्मीद है कि हमारी याचिका पर आपका तत्काल ध्यान जाएगा । जम्मू और कश्मीर के लोगों, विशेषकर खानाबदोश समुदायों को तत्काल राहत की आवश्यकता है और हम अनुरोध करते हैं कि उनकी आवाज सुनी जाए ।

कश्मीरी छात्रों ने कहा कि हम कश्मीर की सरकार और केंद्रीय सरकार से मांग करते हैं कि इस मामले की जांच कराई जाए । कश्मीर की सरकार से जो हमें उम्मीद थी वह हमारी उम्मीदों पर खड़ी नहीं उतर रही है । पता नहीं क्यों वह इस मामले की जांच नहीं करवा रही है ।


कश्मीर की सरकार तवज्जो नहीं दे रही

छात्रों का कहना है कि हमें ऐसा लगता है कि कश्मीर की सरकार इसलिए तवज्जो नहीं दे रही है क्योंकि यह पिछड़ा इलाका है और 10 साल के बाद कश्मीर में निर्वाचित सरकार बनी है । जो उम्मीदे कश्मीर की जनता को सरकार से थी वह पूरा नही कर रही और कश्मीर के मुख्यमंत्री मौके पर जाती भी है तो वहां पर सिर्फ फ़ोटो खिंचवाकर चले जाते है । शहीद लोगों को किसी तरह का कोई मुआवजा का एलान और मामले की जांच की भी बात नहीं करते है ।

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