Meerut News: जोरावर सिंह और फतेह सिंह का बलिदान पूजनीय है, कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने कही बड़ी बात

Meerut News Today: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने कहा कि जोरावर सिंह और फतेह सिंह का बलिदान पूजनीय है।

Report :  Sushil Kumar
Update:2022-12-26 20:51 IST

Veer Bal Diwas in CCSU

Veer Bal Diwas in CCSU: भारत में औरंगजेब के शासनकाल के दौरान इस्लाम कबूल न करने वाले लोगों की हत्या कर दी जाती थी। इसी दौरान जब औरंगजेब का सामना गुरु गोबिंद सिंह जी के बेटों से हुआ तो उन्होंने इसका कड़ा विरोध करते हुए इस्लाम कबूल करने से इंकार कर दिया और अपने धर्म और देश के साथ खड़े रहे। औरंगजेब ने इसकी सजा में दोनों साहिबजादों को दीवार में चुनवाने का फैसला सुनाया। उस समय गुरू गोविंद सिंह के पुत्रों जोरावर सिंह और फतेहसिंह जी की उम्र मात्र 9 और 6 वर्ष थी। जिस समय दोनों को दीवार में चुनवाया जा रहा था तब भी वे जपजीसाहिब का पाठ कर रहे थे।

साहिबजादों के बलिदान की गाथा युगों युगों तक गाई जायेगी: कुलपति

यह बात केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने कही। उन्होंने कहा कि दोनों साहिबजादों का अंत में सिर धड़ से अलग कर दिया गया। तलवार अपनी गर्दन तक आने के बाद भी उनमें लेश मात्र का डर नहीं था बल्कि अपने देश धर्म के लिए बलिदान होने पर गर्व था। ऐसे वीर पुत्रों को समस्त भारत प्रणाम करता है जिन्होंने अपने धर्म के लिए नन्हीं सी आयु में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। जिनके बलिदान की गाथा युगों युगों तक गाई जायेगी।

"साहिबजादों के बलिदान को सम्मान के लिए मनाया जाता है वीर बाल दिवस''

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के समन्वयक विधि अध्ययन संस्थान डॉ. विवेक त्यागी ने कहा कि वीर बाल दिवस खालसा के चार साहिबजादों के बलिदान को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। अंतिम सिख गुरु गोबिंद सिंह के छोटे बच्चों ने अपने आस्था की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। यह उनकी कहानियों को याद करने का भी दिन और यह जानने का भी दिन है कि कैसे उनकी निर्मम हत्या की गई- खासकर जोरावर और फतेह सिंह की।

इस अवसर पर ये रहे मौजूद

इस अवसर पर प्रोफेसर जगबीर भारद्वाज ने भी अपने विचार रखे। इस दौरान कुलसचिव धीरेंद्र कुमार, प्रोफेसर वाई विमला, प्रोफेसर हरे कृष्णा, प्रोफेसर मृदुल गुप्ता, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रोफेसर भूपेंद्र सिंह, प्रोफेसर जमाल अहमद सिद्दीकी, प्रोफेसर अनिल मलिक, प्रोफेसर बिंदु शर्मा, प्रोफेसर प्रशांत कुमार, इंजीनियर मनीष मिश्रा, मितेंद्र कुमार गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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