मेरठ के ऐतिहासिक नौचंदी मेले पर कोरोना का ग्रहण, नहीं लगेगा इस बार

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में काफी विचार-विमर्श के बाद इस साल भी नौचंदी मेला न लगाने का निर्णय लिया गया।

Update: 2021-04-03 08:35 GMT

फाइल फोटो 

मेरठ: उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय मेलों में से एक नौंचदी मेला लगातार दूसरे साल कोरोना महामारी की भेंट चढ़ गया। जिला प्रशासन ने बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर मेला आयोजित नही करने का फैसला किया है। जिलाधिकारी के. बालाजी की अध्यक्षता में हुई बैठक में काफी विचार-विमर्श के बाद इस साल भी नौचंदी मेला न लगाने का निर्णय लिया गया।

11 अप्रैल को होना था मेले का उद्घाटन

बता दें कि नौचंदी मेला पहली बार प्रांतीय मेले के तौर पर लगाने की तैयारी गत दो सप्ताह से चल रही थी। 11 अप्रैल को मेले का उद्घाटन होना था। नगर निगम अधिकारी मेले के बजट के अनुरुप कार्ययोजना तैयार कर रहे थे, लेकिन कोरोना संक्रमण का ग्रहण एक बार फिर लग गया। मेयर सुनीता वर्मा ने जिला प्रशासन के फैसले का स्वागत करत हुए कहा कि नौचंदी मेला बेशक उत्तर भारत का सबसे बड़ा मेला है,लेकिन जनता की सुरक्षा पहले है। मेयर सुनीता वर्मा ने दो दिन पहले ही जिला प्रशासन से अलीगढ़ और बुलन्दशहर की नुमाइश की तरह नौचंदी मेले को भी कोरोना संक्रमण को लेकर स्थागित करने का अनुरोध किया था।

नौचंदी मेले को पिछले साल कोरोनोवायरस संकट के कारण निलंबित कर दिया गया था जिसने भारत में राष्ट्रव्यापी तालाबंदी को मजबूर कर दिया था। चूंकि कोविड-19 मामलों की संख्या फिर से एक दूसरी लहर के लिए अपना सिर उठाती है, इसलिए मेले को एक बार फिर निलंबित कर दिया गया है।

नौचंदी मेला हर साल होली के त्योहार के बाद दूसरे रविवार को मेरठ में आयोजित किया जाता है। ये मेला मेरठ की शान है और हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक भी है। दरअसल यहां पर एतिहासिक नवचंडी देवी का मंदिर है और इसके बगल में बाले मियां की दरगाह है। यहां जहां मंदिर में भजन कीर्तन होते रहते हैं वहीं दरगाह में उसी समय कव्वाली भी होती रहती है। इस दौरान यहां सांप्रदायिक सद्भाव की भी मिसाल देखने को मिलती है। इस मेले की खास बात ये है कि ये मेला रात में लगता है और दिन में नौचंदी मैदान खाली हो जाता है।

इसी मंदिर के नाम से इस मेले का नाम नौचंदी पड़ा है। नौचंदी मेले की इसी लोकप्रियता से प्रभावित होकर रेलवे प्रशासन नौंचदी एक्सप्रेस नाम की एक ट्रेन भी पिछले कई सालों से चलवा रहा है। ये एकमात्र ट्रेन है जो राजधानी लखनऊ को मेरठ से जोड़ती है।

रिपोर्ट: सुशिल कुमार

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