Meerut News: गरीबी के चलते एलएलआरएम मेडिकल में जन्मे नवजात को मां-बाप ने किया निसंतान दंपति को दान
Meerut News: घटना का खुलासा कल हुआ जब देर रात 9 दिसम्बर को एक बच्चे को जन्म देने वाली महिला के पास उसका बच्चा नहीं मिला।
Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ के एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में गरीबी के चलते मां-बाप द्वारा खुद ही अपने तीन दिन के नवजात को एक निसंतान दंपत्ति को कथित रुप से दान किये जाने की घटना प्रकाश में आई है। इससे पहले नगर में नवजात के असली मां-बाप द्वारा बच्चे को एक लाख में निसंतान दंपति को बेचे जाने की खबरें कुछ समाचार पत्रों की वेब साइट पर आज सुबह प्रसारित हुई थी।
नगर पुलिस अधीक्षक पीयूष कुमार ने न्यूजट्रैक को घटना के बारे में पूछने पर इस नवजात को बेचे जाने की खबर के सिरे से नकार दिया। उन्होंने बताया कि मेड़िकल अस्पताल में देर रात बच्चे को बेचने का मामला सामने आने के बाद पुलिस ने दंपत्ति से पूछताछ की है। अब तक की जांच में पता चला है कि बच्चे के असली मां, बाप ने नवजात को गाजियाबाद, मोदीनगर निवासी दंपत्ति को एक लाख रुपये में बेचा नहीं है। बल्कि चार बच्चे होने के कारण अपने बच्चे को ब्रहमपुरी थाना क्षेत्र के माधवपुरम निवासी निसंतान बैंककर्मी को दान किया है। इस संबंध में एक शपथ-पत्र दोंनो पक्षों की तरफ से पुलिस के भी दिया गया है।
क्या हुई थी घटना
घटना के बारे में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घटना का खुलासा कल देर रात तब जब 9 दिसम्बर को एक बच्चे को जन्म देने वाली महिला के पास उसका बच्चा नहीं मिला। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस के बताया गया कि महिला और उसके पति ने अपने बच्चे को ब्रहमपुरी थाना क्षेत्र के माधवपुरम निवासी बैंककर्मी निसंतान दंपत्ति को 82 हजार रुपये में बेच दिया है। जिसके बाद पुलिस ने माधवपुरम में बैंक कर्मचारी के घर से नवजात बच्चे को बरामद कर लिया। बाद में पूरे मामले की जानकारी हुई।
अपनी स्वेच्छा से दान किया बच्चा
बैंक कर्मचारी ने पुलिस को बताया कि उसके कोई संतान नहीं है। जबकि मेडिकल थाने के शेरगढ़ी निवासी राजेश के चार बच्चे हैं। राजेश की पत्नी दीपा (35) ने नौ दिसम्बर को फिर एक बच्चे के जन्म दिया था। क्योंकि गरीबी के चलते वें बच्चे को पालने में असमर्थ थे। इसलिए उन्होंने स्वेच्छा से अपने नवजात को हमें दान किया है। इसके लिए कसी तरह का कोई सौदा नहीं हुआ है। जैसा कि आरोप लगाया जा रहा है।