कोरोना काल में भारी घाटे से जूझ रहा UP परिवहन निगम, अब उठाया ये कदम

निगम के प्रबन्ध निदेशक ने बताया कि यदि माह जून के सापेक्ष माह जुलाई के संचालन में बढ़ोतरी होती तो भी करीब 3464 बसें माह जून के सापेक्ष अधिक उपलब्ध रहेंगी।

Update: 2020-07-02 17:38 GMT

मेरठ: कोरोना काल में भारी घाटे से जूझ रहे उत्तर प्रदेश परिवहन निगम (यूपी रोडवेज) ने 2683 बसों के परमिट सरेंडर कर दिए हैं। इनमें 2194 निगम की तथा 489अनुबन्धित बसें शामिल हैं।

बसों के सरेंडर से होगी 2.80 करोड़ की बचत

निगम के प्रबन्ध निदेशक डॉ. राजशेखर के अनुसार बसों के सरेंडर करने से निगम को 2.80 करोड़ की बचत हो सकेगी। उन्होंने बताया सरेन्डर बसों के पुनः संचालन के संबंध में माह जुलाई के संचालन प्रतिफलों की समीक्षा के उपरान्त निर्णय लिया जायेगा। डॉ. राजशेखर के अनुसार माह जून में 6000 बसें संचालित हुई हैं। 2683 बसों के सरेंडर होने के पश्चात बस बेड़े में कुल निगम एवं अनुबन्धित बसें मिला कर 9464 बसें माह जुलाई के संचालन के लिए उपलब्ध रहेंगी।

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उन्होंने बताया कि यदि माह जून के सापेक्ष माह जुलाई के संचालन में बढ़ोतरी होती तो भी करीब 3464 बसें माह जून के सापेक्ष अधिक उपलब्ध रहेंगी। जिनसे बढ़े हुए संचालन की प्रतिपूर्ति की जा सकेगी। निगम के प्रबन्ध निदेशक द्वारा बस स्टेशनों एवं बसों को सैनीटाईज कर यात्रियों को सुरक्षित यात्रा का उपयोग करने की अपील भी की गई है।

सभी बसों और बस स्टेशनों पर सैनीटाईजेशन की व्यवस्था- डॉ. राजशेखर

डॉ. राजशेखर के अनुसार परिवहन निगम के समस्त बस स्टेशनों एवं बसों में सैनीटाईजेशन की व्यवस्था सुचारु रुप से चल रही है। समस्त क्षेत्रीय प्रबन्धकों एवं सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धकों द्वारा सघन मानीटरिंग की जा रही है। सभी कार्मिक मास्क पहन कर ड्यूटी कर रहे हैं तथा चालकों एवं परिचालकों द्वारा गल्व्स एवं मास्क पहन कर बसें संचालित की जा रही हैं।

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उन्होंने यह भी बताया कि मार्ग पर संचालित बसों में भी यात्रियों हेतु सैनीटाईजर उललब्ध कराया जा रहा है। यही नहीं बस अड्डों पर आने वाले सभी यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग भी लगातार की जा रही है। ताकि यात्रियों की सुरक्षित यात्रा में किसी भी प्रकार का व्यवधान न उत्पन्न हो।

रिपोर्ट- सुशील कुमार

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