Meerut News: 160 किमी. की स्पीड से ट्रैक पर दौड़ेगी नमो भारत ट्रेन, मेरठ साउथ तक सफर करने का इंतजार मार्च में हो सकता है खत्म
Meerut News: दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर के तहत एनसीआरटीसी की ओर से दुहाई से मेरठ साउथ के बीच करीब 160 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेन का ट्रायल करने के उपरान्त अब साहिबाबाद से मेरठ साउथ (परतापुर) तक नमो भारत ट्रेन के फाइनल ट्रायल की तैयारी की जा रही है।
Meerut News: दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर के तहत एनसीआरटीसी की ओर से दुहाई से मेरठ साउथ के बीच करीब 160 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेन का ट्रायल करने के उपरान्त अब साहिबाबाद से मेरठ साउथ (परतापुर) तक नमो भारत ट्रेन के फाइनल ट्रायल की तैयारी की जा रही है। फिलहाल, साहिबाबाद से दुहाई 17 किमी का कॉरिडोर है, जिस पर नमो भारत ट्रेन का संचालन हो रहा है। एनसीआरटीसी के अधिकारियों की माने तो मार्च से दुहाई से मेरठ के बीच नमो भारत का संचालन शुरू हो सकता है। दुहाई से मेरठ साउथ तक के 25 किलोमीटर लंबे इस सेक्शन पर अब स्पीड ट्रायल शुरू हो गए हैं। स्पीड ट्रायल में 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार नमो भारत ट्रेन ने कवर कर ली है।
बीते साल 20 अक्तूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की पहली नमो भारत ट्रेन के साहिबाबाद से दुहाई तक के प्राथमिक खंड का उद्घाटन किया था। 17 किलोमीटर लंबे इस खंड पर ट्रेनों का नियमित संचालन अगले दिन से ही शुरू हो गया था। अक्तूबर-2023 में इस कॉरिडोर के शुभारंभ के बाद करीब तीन माह में ही दुहाई से मेरठ साउथ तक का काम लगभग फाइनल कर दिसंबर में पहला ट्रायल किया गया। उसके बाद से लगातार ट्रायल किया जा रहा है। एनसीआरटीसी के अधिकारियों के अनुसार पहले 25-30 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रायल की शुरुआत की गई थी। इसके बाद धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाकर ट्रायल किया जाता रहा।
दुहाई से मेरठ साउथ स्टेशन पहुंचने में नमो भारत ट्रेन से 10 मिनट
दुहाई से मेरठ साउथ स्टेशन पहुंचने में नमो भारत ट्रेन को मुश्किल से 10 मिनट लगे । पहला स्पीड ट्रायल था, जो सफल रहा। फाइनल स्पीड ट्रायल की तैयारी है, ताकि मार्च में संचालन शुरू हो सके। मेरठ दुहाई से मेरठ साउथ आरआरटीएस स्टेशन के बीच 25 किमी का कॉरिडोर है। इस कॉरिडोर में कुल 4 स्टेशन हैं। मुरादनगर, मोदी नगर नॉर्थ, मोदी नगर साउथ और मेरठ साउथ। इसके बाद धीरे-धीरे दिल्ली में सराय काले खां की ओर और मेरठ में मोदीपुरम तक का काम होगा। हर हाल में लक्ष्य मार्च-2025 तक प्रोजेक्ट को पूर्ण करने का है। वैसे कोशिश है कि दिसंबर-2024 तक 82 किमी का प्रोजेक्ट पूर्ण कर दिया जाए।