Meerut News: ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व के इस शहर में कभी एक ही होली जलती थी

Meerut News: मेरठ शहर में कभी एक ही होली जलती थी। लाला के बाजार स्थित होली मोहल्ले में होलिका दहन किया जाता था। ऊंची- ऊंची अट्टालिकाओं से घिरे इस स्थल पर जब लपटें उठती हैं;

Report :  Sushil Kumar
Update:2025-03-13 15:29 IST

 Meerut News

Meerut News:  उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में कभी एक ही होली जलती थी। लाला के बाजार स्थित होली मोहल्ले में होलिका दहन किया जाता था। ऊंची- ऊंची अट्टालिकाओं से घिरे इस स्थल पर जब लपटें उठती हैं तो पहले से लोगों घरों में दरार न आ जाए, इसके इंतजाम करने पड़ते हैं। कुछ लोग टिन लगाते हैं तो कुछ मकानों की दीवारों पर पानी की तरायी करते हैं। जो परिवार यहां से चले गए हैं वह भी यहां पूजन करने आते हैं। इलाके के पुराने वाशिंदे पंडित उमेश शर्मा कहते हैं- हमारे शहर की सबसे पुरानी होली हमारे मोहल्ले मैं ही जलती है। हमारे दादा, परदादा होली का यहीं पूजन किया करते थे। अब हम यह परंपरा निभा रहे हैं।

65 वर्षीय लल्लू कहते हैं,बसंत पंचमी का त्योहार जब आकाश में अपने रंग बिखेरता है, तभी से इस परंपरा का आरंभ हो जाता है। होली मोहल्ले में इस दिन विशेष पूजन का आयोजन किया जाता है। यह पूजन रंगों के त्योहार की आध्यात्मिक नींव रखता है। फुलेरा दूज के बाद आखिर में होलिका दहन का कार्यक्रम होता है। यहां बहुत दूर-दूर से लोग होली पूजने करने आते हैं, मानों पुरानी परंपरा होली के दौरान जीवंत हो उठती है।

खास बात यह है कि होली मोहल्ले में लकड़ियों के स्थान पर उपलों का प्रयोग अधिक होता है। दहन के समय काफी मात्र में कपूर और जड़ी बूटियां डाली जाती हैं। यहां पर टेसू के फूल से तैयार रंग से होली खेली जाती है। रंग वाले दिन तो यहां जमकर धमाल मचता है। होलिका दहन स्थल पर डीजे की धुन पर नृत्य का सिलसिला चलता है। अबीर गुलाल से आसमान भी रंगीन नजर आता है।इलाके के लोगों का कहना है कि यह केवल एक त्यौहार नहीं, बल्कि एक भावनात्मक बंधन है जो पीढ़ियों को एक सूत्र में पिरोए रखता है। महिलाएं बड़ी संख्या में होलिका पूजन के लिए एकत्रित होती हैं, अपनी आस्था और परंपरा के प्रति समर्पण दिखाती हैं।

Tags:    

Similar News