Meerut News: कृषि विश्वविद्यालय में आज से अखिल भारतीय किसान मेला
Meerut News: कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. केके सिंह ने कहा कि हमें ऐसी कृषि नीति बनानी होगी, जिसमें लागत कम और मुनाफा अधिक हो, इसके लिए कृषि एवं कृषि आधारित व्यवसायों में विविधता को अधिक महत्व देना होगा।
Meerut News: कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्यान्न उत्पादन में पश्चिमी उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान है। वह आज यहां सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में कृषि उद्यमिता-समृद्ध किसान विषय पर आयोजित अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने किसान मेले में लगाए गए स्टालों का अवलोकन किया तथा पशु प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। कृषि मंत्री ने किसानों के कृषि कार्यों को देश का भाग्योदय करने वाला बताते हुए किसान मेले को देश व प्रदेश के भाग्योदय का मेला बताया।
किसानों के खेतों तक पहुंचाने पर बल दिया
उन्होंने कृषि में नई तकनीक व आविष्कारों को किसानों के खेतों तक पहुंचाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि किसान मेला व प्रदर्शनी के माध्यम से विश्वविद्यालय की तकनीक व नए शोध गांवों व किसानों तक पहुंचेंगे। उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों की चर्चा करते हुए उत्पादन बढ़ाने व फसलों की बहुउपयोगिता सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया। सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि किसान मेला देश के दूरदराज क्षेत्रों के किसानों व उद्यमियों को कृषि वैज्ञानिकों से संवाद करने तथा अपने अनुभव व विशेषज्ञता साझा करने का अवसर प्रदान करता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश का राष्ट्रीय खाद्यान्न उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान है।
प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता और उनके समुचित उपयोग के कारण यहां विभिन्न फसलों की उत्पादकता प्रदेश के अन्य स्थानों की तुलना में अधिक है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ना की फसल वरदान है। यह फसल रोजगारोन्मुखी और लाभदायक दोनों है, लेकिन इस फसल की उत्पादकता अपेक्षाकृत कम है। इसलिए इसकी उत्पादकता को वांछित स्तर पर लाने के प्रयास किए जाने चाहिए। गन्ने से विभिन्न उत्पाद तैयार करने की भी आवश्यकता है। जिससे इस फसल को और अधिक लाभदायक बनाया जा सके। इससे पूर्व अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का उद्घाटन कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने किया।
किस दिन होगा मेले का समापन
मेले का समापन 18 अक्टूबर को होगा। कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि आज का युवा भारत का भविष्य है और कृषि भारत का आधार है, इसलिए देश के विकास के लिए जरूरी है कि अधिक से अधिक युवाओं को कृषि से जोड़ा जाए और यह तभी संभव होगा जब कृषि लाभकारी होगी। मेरा मानना है कि पारंपरिक तरीकों के साथ-साथ कृषि के आधुनिक तरीकों का उपयोग करके खेती को लाभदायक बनाया जा सकता है। कृषि में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद खेती करने वाले कुछ युवा काफी सफल भी हुए हैं, बस जरूरत है उन्हें प्रोत्साहित करने की।
कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. केके सिंह ने कहा कि हमें ऐसी कृषि नीति बनानी होगी, जिसमें लागत कम और मुनाफा अधिक हो, इसके लिए कृषि एवं कृषि आधारित व्यवसायों में विविधता को अधिक महत्व देना होगा तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती प्रतिस्पर्धा में प्रतिस्पर्धा करने के लिए हमें उत्पादन की गुणवत्ता एवं प्रबंधकीय क्षमता को बढ़ाना होगा। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
किसानों को तकनीक से परिचित होने के लिए प्रेरित किया
महिलाओं को स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण का आयोजन लगातार किया जा रहा है। कुलपति की प्रेरणा से कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से 1750 निरक्षर महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षित किया गया। पद्मश्री भारत भूषण त्यागी एवं पद्मश्री नरेंद्र सिंह ने किसान मेले के आयोजन की सफलता की कामना की तथा किसानों को तकनीक से परिचित होने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव, वित्त नियंत्रक, सभी डीन, निदेशक तथा डॉ. सतेंद्र कुमार, डॉ. मुकेश कुमार, डॉ. पी.के. सिंह, डॉ. एस.के. लोधी, डॉ. एस.के. त्रिपाठी, डॉ. हरिओम कटियार एवं प्रसार निदेशालय के अन्य स्टाफ ने विशेष सहयोग प्रदान किया।