Meerut News: मेरठ में बच्चों से काम लेने वालों पर कसा शिकंजा, यहां से कराया गया मुक्त

Meerut News: बाल श्रमिको का मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मेरठ से आयु परीक्षण कराकर बाल कल्याण समिति, मेरठ के समक्ष प्रस्तुत करने के उपरान्त उनके माता पिता को सपुर्द कर दिया गया।

Report :  Sushil Kumar
Update:2024-09-27 20:17 IST

Meerut News 

Meerut News: मेरठ में आज बाल श्रमिकों से काम लेने वाले प्रतिष्ठान और ढाबा संचालकों के लिए बुरा दिन था। जब श्रम विभाग, एंटी ह्यूमन ट्रैफकिंग यूनिट एवं चाइल्डलाइन ने बालश्रम को रोकने के लिये जागरूकता अभियान चलाया। इस दौरान चार बच्चे काम करते हुये अवमुक्त कराये और काम कराने वालों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

जिला सरकारी प्रवक्ता के अनुसार अभियान के अंतर्गत संयुक्त टीम द्वारा छोटे एंव बडे अधिष्ठानो यथा- कारखानों, ढाबों, इण्डसट्रीज, होटलों, दुकानों, संगठित एंव असंगठित क्षेत्र के अधिष्ठानों यथा - खदानों, ईट भट्टों एवं निर्माण स्थलों मे नियोजित किशोर एंव बालश्रमिको के सम्बन्ध में जाचं आदि के मालिकों को हिदायत दी गयी कि कोई बाल श्रमिक को कार्य पर न लगाये। पकडे जाने पर कठोर कार्यवाही की जायेगी एवं नाबालिक बालकों से मजदूरी कार्य न कराने सम्बन्धी आवश्यक दिशा निर्देश दिये गए। टीम में श्रम विभाग के शशि कान्त पाण्डेय, विनय कुमार दूबे तथा श्रम प्रवर्तन अधिकारी मेरठ नीलम ,ह्यूमेन ट्रैफिकिंग प्रभारी अखिलेश कुमार, चाइल्ड लाइन एवं जनहित फाउंडेशन के कोऑर्डिनेटर अजय कुमार शामिल रहे।

प्रवक्ता के अनुसार इंचौली, मवाना रोड स्थित अनिल किराना स्टोर पर तीन बाल श्रमिक और दलीम बिरयानी पर एक बाल श्रमिक कार्य करते पाया गया। बाल श्रमिको का मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मेरठ से आयु परीक्षण कराकर बाल कल्याण समिति, मेरठ के समक्ष प्रस्तुत करने के उपरान्त उनके माता पिता को सपुर्द कर दिया गया। प्रवक्ता के अनुसार अभियान के दौरान संयुक्त टीम द्वारा अनिल प्रोलविजन स्टोर इंचौली से कुल 03 नाबालिग बच्चों व अयान दलीम बिरयानी एण्ड कोल्ड्रिंग की दुकान से कुल 01 नाबालिग बच्चे को बालश्रम से मुक्त कराया गया और लोगों को बालश्रम रोकने हेतु जानकारी देते हुए जागरुक किया गया। अनिल प्रोविजन स्टोर इंचौली व अयान दलीम बिरयानी एण्ड कोल्ड्रिंग की दुकान के मालिको के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।

यहीं पर उल्लेखनीय है कि बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 कि धारा 03 (1) एवं 03 (ए) का उल्लंघन करने पर नियोजको के विरुद्ध 06 माह से 02 वर्ष तक के कारावास तथा/अथवा न्यूनतम रु 20,000/- से रू 50,000/- रू तक के अर्थदण्ड का प्राविधान किया गया है। साथ ही जो गैरखतरनाक व्यवसायों/प्रक्रियाओं में किशोर को नियोजित करने वाले नियोजक जो धारा 07,08,09,11 एवं 12 का उल्लंघन करते है, के विरुद्ध एक माह की सजा तथा/अथवा रू 10,000/- के अर्थदण्ड का प्राविधान किया गया है। उपरोक्त नियोजको के विरूद्ध की गयी व्यवस्था के अनुसार वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।

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